अगर दिल्ली में AAP और कांग्रेस में हुआ गठजोड़ तो बीजेपी को कितनी सीटें मिलेंगी?
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में तीन महीने से भी कम समय बचा है। चुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। भारतीय राजनीति में हर रोज नए समीकरण बन-बिगड़ रहे हैं। पार्टियां जैसे ही किसी बड़े इवेंट का ऐलान करती है, तो उसे लेकर मीडिया में नई अटकलें शुरू हो जाती हैं कि, कौन सी पार्टी किसके साथ जा रही है? फिलहाल दिल्ली की सात लोकसभा सीटें पर इस बार मुकाबला ज्यादा दिलचस्पी होने जा रहा है। ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि, दिल्ली में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच आगामी चुनावों को लेकर गठजोड़ हो सकता है।
इसलिए कांग्रेस के साथ गठबंधन कर सकती है आप
2014 में मोदी लहर पर सवार होकर, भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने गुजरात, राजस्थान, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के साथ-साथ दिल्ली में सभी लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज की थी। सीएनन न्यूज 18 के मुताबिक, 2014 के मत विभाजन को देखें पता चलता है कि अगर AAP और कांग्रेस ने हाथ मिलाया तो भाजपा को राष्ट्रीय राजधानी में बड़े उलटफेर का सामना करना पड़ सकता है। 2017 के एमसीडी चुनावों के दौरान AAP के वोट-शेयर में यह कमी आई है, शायद, यही कारण है कि पार्टी कांग्रेस के साथ गठबंधन करना पसंद करेगी। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि कई सर्वेक्षणों ने भाजपा की तुलना में AAP और कांग्रेस के वोट शेयरों में कमी दिख रही है।
एक सीट ही बचा पाएगी बीजेपी
2014 के आम चुनावों में भाजपा को चांदनी चौक निर्वाचन क्षेत्र से 44.6 प्रतिशत वोट मिले थे। बीजेपी ने AAP के उम्मीदवार आशुतोष को 13.88 प्रतिशत के अंतर से हराकर सीट जीती थी। लेकिन AAP और कांग्रेस के मतो को जोड़ दिया जाए तो मत प्रशतिश भाजपा से अधिक 48.67 प्रतिशत हो जाता है। इसी प्रकार, नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली में AAP और कांग्रेस का संयुक्त मत प्रतिशत 50.62 प्रतिशत हो जाता है जबकि भाजपा का 45.25 प्रतिशत रह जाता है।, पूर्वी दिल्ली में भाजपा के 47.83 के मुकाबले 48.9 प्रतिशत, नई दिल्ली में भाजपा के 46.75 के मुकाबले 48.83 प्रतिशत का संयुक्त वोट-शेयर है। उत्तरी-पश्चिमी दिल्ली में भाजपा का 46.45 प्रतिशत और दक्षिण दिल्ली में भाजपा के 45.17 प्रतिशत के मुकाबले 47.03 प्रतिशत है।
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सिविक पोल में गिरा था आप का वोट शेयर
दिल्ली की केवल एक सीट ऐसी है जहां पर बीजेपी का मत प्रतिशत आप और कांग्रेस के संयुक्त मत प्रतिशत से अधिक है। पश्चिम दिल्ली में भाजपा के प्रवीण साहिब सिंह वर्मा को 48.32 प्रतिशत मत मिले थे, जो AAP और कांग्रेस के 42.74 प्रतिशत वोट शेयर से अधिक है। 2017 के नगरपालिका चुनावों में भी AAP और महागठबंधन ने भाजपा के 36.08 प्रतिशत वोट शेयर की तुलना में कुल वोटों का 47.32 प्रतिशत सामूहिक रूप से हासिल किया। हालाँकि, इस बार कांग्रेस का वोट शेयर बढ़कर 21.28 प्रतिशत हो गया, जबकि AAP को लगभग 26 प्रतिशत रहा। पार्टी को 2015 के विधानसभा चुनावों के मुकाबले आधे से भी कम मिले।
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