शिवसेना ने कांग्रेस को बताया 'पुरानी खाटिया', बीजेपी ने पूछा- क्या कांग्रेस में कोई आत्मसम्मान बचा है?
मुंबई। महाराष्ट्र में सत्ताधारी पार्टी शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में अपनी सहयोगी पार्टी कांग्रेस पर निशाना साधा था। अब बीजेपी ने महाराष्ट्र विकास अगाड़ी पर हमला बोलते हुए कहा कि, जब राज्य में कोरोनो वायरस के मामले बढ़ रहे हैं तब भी गठबंधन साथी आपस में लड़ने में व्यस्त हैं। बता दें कि, देश में कोरोना से सबसे अधिक प्रभावित राज्य महाराष्ट्र है। जहां पर 1 लाख से अधिक कोरोना संक्रमित मरीज हैं। सोमवार को महाराष्ट्र में कोरोना के 2786 मामले आए थे, वहीं 178 लोगों की मौत हो गई थी।
बीजेपी के प्रवक्ता राम कदम ने मंगलवार को कहा, ये लोग (महाविकास आघाड़ी) पुरानी खाट की आवाज पर बात कर रहे हैं, लेकिन दुख की बात है कि इन्हें महाराष्ट्र के अस्पतालों में बेड की कमी के चलते कोरोना मरीजों की मौत की कोई चिंता नहीं है। महाविकास आघाड़ी सिर्फ खाट और कुर्सी के बारे में सोचने में मशगूल है। यह भी सोचने वाली बात है कि इतनी बेइज्जती के बाद क्या कांग्रेस और एनसीपी में कोई आत्मसम्मान बचा है? महाराष्ट्र चीन बन गया है (कोरोना के मामले में) और ये लोग आपस में ही लड़ने पर आमादा हैं।
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शिवसेना ने 'सामना' में अशोक चव्हाण और बालासाहेब थोराट के बयानों का जिक्र करते हुए लिखा है कि दोनों मंत्री मुख्यमंत्री से मिलकर अपनी बात कहने वाले हैं। मुख्यमंत्री उनकी बात सुनेंगे और फैसला लेंगे। लेकिन कांग्रेस कहना क्या चाहती है? राजनीति की पुरानी खटिया कुरकुर की आवाज कर रही है? सामना में कहा गया, 'राज्य के मामले में मुख्यमंत्री का फैसला ही आखिरी होता है, ऐसा तय होने के बाद कोई और सवाल नहीं रह जाता। शरद पवार ने खुद इसका पालन किया है। समय-समय पर मुख्यमंत्री से मिलते रहते हैं और सुझाव देते हैं। उनका अनुभव शानदार है।'
कांग्रेस पार्टी भी अच्छा काम कर रही है, लेकिन समय-समय पर पुरानी खटिया रह-रहकर कुरकुर की आवाज करती है। खटिया पुरानी है लेकिन इसकी एक ऐतिहासिक विरासत है। मुख्यमंत्री ठाकरे को आघाड़ी सरकार में ऐसी कुरकुराहट को सहन करने की तैयारी रखनी चाहिए। इसमें आगे लिखा गया कि उद्धव ठाकरे ऐसे नेता नहीं हैं, जो सत्ता के लिए कुछ भी करेंगे। हर किसी के गले में मंत्री पद का हार है। यह नहीं भुलाया जा सकता है कि इसमें शिवसेना का त्याग भी महत्वपूर्ण है।
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