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बीजेपी, कांग्रेस ने फेसबुक और व्हाट्सएप पर शेयर की सबसे ज्यादा 'जंक न्यूज'- स्टडी

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नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) और कांग्रेस ने फेसबुक और व्हाट्सएप पर जमकर 'जंक न्यूज' को शेयर किया। इन दोनों ने 'जंक न्यूज' के लगभग एक जैसी सामग्री को शेयर किया। देश की इन दोनों राष्ट्रीय पार्टी की तुलना में बहुजन समाज पार्टी(बीएसपी) और समाजवादी पार्टी(एसपी) ने अधिक प्रोफेशनल न्यूज सोर्स से सामग्री शेयर की। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने एक स्टडी में ये सब पाया।

बीजेपी, कांग्रेस ने एसपी-बीएसपी को पीछे छोड़ा

बीजेपी, कांग्रेस ने एसपी-बीएसपी को पीछे छोड़ा

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की कल की एक स्टडी के मुताबिक बीजेपी ने व्हाट्सएप पर जो इमेज शेयर की उसमें से एक तिहाई विभाजनकारी और षड़यंत्रकारी थी। जबकि कांग्रेस की एक चौथाई इमेज ऐसी थीं। वहीं एसपी-बीएसपी ने इनकी अपेक्षा बहुत कम ऐसी तस्वीरें शेयर की जो विभाजनकारी और षड़यंत्रकारी थी। ऑक्सफोर्ड इंटरनेट इंस्टीट्यूट के शोधकर्ता विद्या नारायणन ने कहा कि प्रोपेगेंडा कंटेंट में भारत, अमेरिका और पश्चिमी यूरोप के बीच फिट बैठता है। उन्होंने कहा कि अमेरिका में हर जंक न्यूज में एक पेशेवर पोस्ट पाते हैं। जबकि ब्रिटेन और फ्रांस में ये एक से चार और स्वीडन में एक से तीन के अनुपात में होती है। जब हम पश्चिमी यूरोप और अमेरिका से दूर चले जाते हैं, तो हम देखते हैं कि उपयोगकर्ता द्वारा उत्पन्न सामग्री के माध्यम से प्रोपेगेंडा में बढ़ोतरी होती है।

फेसबुक पोस्ट और व्हाट्सएप ग्रुपों का विश्लेषण

फेसबुक पोस्ट और व्हाट्सएप ग्रुपों का विश्लेषण

व्हाट्सएप के बारे में अकादमिक शोध के अभाव में शोधकर्ताओं ने 130 सार्वजनिक फेसबुक पेजों से 27,000 पोस्टों का विश्लेषण किया। इसके अलावा उन्होंने 14 फरवरी से 10 अप्रैल के बीच 200 से अधिक व्हाट्सएप के पब्लिक ग्रुपों का विश्लेषण किया। नारायणन ने बताया कि विभाजनकारी और षड्यंत्रकारी सामग्री वाले कंटेंट को शोधकर्ताओं ने 'जंक न्यूज़' कहा है। उन्होंने प्रोफेशनलिज्म, स्टाइल, विश्वसनीयता, पूर्वाग्रह और नकली कंटेट के आधार पर "जंक न्यूज" के लेबल को निर्धारित किया। शोधकर्ताओं ने एसे कंटेट को जानबूझकर फेक न्यूज कहने से परहेज किया क्योंकि डोनाल्ड ट्रंप ने जैसा नेताओं ने इसका इस्तेमाल किया है।

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'जंक न्यूज श्रेणी में कौन सी पार्टी कहां '

'जंक न्यूज श्रेणी में कौन सी पार्टी कहां '

रिपोर्ट में कहा गया है कि जंक न्यूज के स्त्रोत जानबूझकर भ्रामक या गलत जानकारी प्रकाशित करते हैं, जिससे लगता है कि ये राजनीति, अर्थशास्त्र या संस्कृति के बारे में वास्तविक समाचार हैं। इस कंटेंट में अतिवादी, सनसनीखेज, षड्यंत्रकारी, फेक न्यूज और जंक न्यूज के अन्य रूप शामिल हैं। व्हाट्सएप इमेज की श्रेणी में बीजेपी ने लगभग 35 फीसदी विभाजनकारी और षड्यंत्रकारी कंटेंट,18 प्रतिशत प्रचार और समर्थन, 10.5 फीसदी राष्ट्रवाद और सेना के लिए समर्थन, 3.5 फीसदी धर्म और 3.5 फीसदी व्यंग कंटेट शेयर किए। कांग्रेस ने चुनाव अभियान और समर्थन में 30 फीसदी कंटेट शेयर किया। जबकि बीजेपी से कम 28.5 फीसदी विभाजनकारी और षड्यंत्रकारी कंटेंट शेयर किया। बीएसी और एसपी ने दोनों पार्टियों से कम 11.5 विभाजनकारी और षड्यंत्रकारी कंटेंट शेयर किया। फेसबुक लिंक की कैटेगिरी में बीजेपी के 40 फीसदी लिंक प्रोफेशनलिज्म न्यूज स्त्रोतों से थे। जबकि 28 फीसदी जंक न्यूज थे। कांग्रेस के लिए एक तिहाई प्रोफेशनलिज्म न्यूज स्त्रोतों से और 21 फीसदी जंक न्यूज से थे। बीएसपी और एसपी ने फेसबुक पर लगभग 60 प्रतिशत अधिक प्रोफेशनलिज्म स्रोतों को साझा किया, जिसमें केवल एक फीसदी "जंक न्यूज" था। फेसबुक इमेज कैटेगरी में दो-तिहाई बीजेपी के शेयर की गई तस्वीरें प्रचार और समर्थन की थी। जबकि 12 फीसदी से अधिक जंक न्यूज की। वहीं कांग्रेस की लगभग 52 फीसदी शेयर की तस्वीरें प्रचार और समर्थन की थी। वहीं बीएसपी-एसपी की लगभग 60 फीसदी शेयर की तस्वीरें प्रचार और समर्थन की थी।

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English summary
BJP and Congress share more junk news in facebook and WhatsApp
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