हिमंत बिस्वा ने एनआरसी सूची पर उठाए सवाल, कहा- SC का दरवाजा खटखटाएगी असम सरकार
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नई दिल्ली। असम में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (एनआरसी) ने शनिवार को अपनी अंतिम सूची जारी कर दी है। लेकिन इस सूची को लेकर भाजपा और राज्य सरकार खुश नजर नहीं आ रही है। क्योंकि असम में बीजेपी नेता हिमंत बिस्वा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि भाजपा और राज्य सरकार अब सीमावर्ती जिलों में एनआरसी के पुन: सत्यापन के लिए फिर से सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी।
बता दें कि बीजेपी, जो कि दशकों से एनआरसी की वकालत करती रही है। अब अंतिम सूची जारी होने पर भाजपा के वरिष्ठ नेता और असम के वित्त मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने19 लाख से अधिक लोगों को बाहर रखने वाली इस अंतिम सूची को सही नहीं ठहराया है। उन्होंने कहा कि इससे अधिक अवैध प्रवासियों को बाहर रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पार्टी की लड़ाई किसी भी विदेशी व्यक्ति को बाहर करने से हैं। जो कि जारी रहेगा।
हिमंत विस्वा ने कहा कि भाजपा और राज्य सरकार अब सीमावर्ती जिलों में नागरिकता के 'पुन: सत्यापन' के लिए फिर से सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगी। बता दें कि असम एनआरसी की अंतिम लिस्ट में 19,06,657 लोगों सूची से बाहर हो गए हैं। इसमें कुल 3.11 करोड़ लोगों को शामिल किया गया है। हालांकि जो लोग इससे संतुष्ट नहीं है, वे फॉरनर्स ट्रिब्यूनल के आगे अपील दाखिल कर सकते हैं। एनआरसी के स्टेट कॉर्डिनेटर प्रतीक हजेला ने बताया कि 3 करोड़ 11 लाख 21 हजार लोगों को एनआरसी की फाइनल लिस्ट में जगह मिली है।
बिस्वा ने कहा कि NRC ने 1971 में जारी किए गए शरणार्थी प्रमाणपत्र को संज्ञान में नहीं लिया। बीजेपी नेता बिस्वा ने कहा कि सरकार ने पहले असम में 40 लाख लोगों को विदेशी घोषित किया था। जो संसद में एक जवाब के रूप में सामने आया भी था लेकिन असम के लोग खुश नहीं हैं क्योंकि एनआरसी से बाहर रहने वालों की संख्या उम्मीद से बहुत कम है। जबकि इनकी संख्या अधिक होनी चाहिए थी।
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