भाजपा के सहयोगी दल दिल्ली में केजरीवाल की जीत पर बोले, काम को मिला रिवॉर्ड
नई दिल्ली। अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (आप) ने दिल्ली चुनाव में शानदार जीत हासिल की। आम आदमी पार्टी ने दिल्ली की 70 में से 62 सीटों पर जीत दर्ज की। वहीं, आम आदमी पार्टी की इस प्रचंड जीत पर बिहार में बीजेपी की सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी ने कहा कि दिल्ली चुनाव के नतीजों ने साबित कर दिया कि लोग काम करने वालों को इनाम देते हैं।
जनता काम के आधार पर इनाम देती है- चिराग
लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान ने दिल्ली चुनाव के नतीजों के बाद ट्वीट किया। उन्होंने लिखा, 'आज के दिल्ली के परिणामों ने यह साबित कर दिया है कि जनता काम के आधार पर इनाम देती है। जिस प्रकार लोकसभा में नरेंद्र मोदी के काम पर वोट मिला उसी प्रकार आज अरविंद केजरीवाल को भी उनके काम के आधार पर जनता का आशीर्वाद मिला। आज के जीत की ढेर सारी शुभकामनाएं।'
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नीतीश कुमार ने कहा - जनता मालिक
चिराग पासवान के पिता राम विलास पासवान मोदी कैबिनेट में मंत्री हैं। वहीं, बिहार में बीजेपी की सहयोगी जेडीयू की तरफ से भी दिल्ली चुनाव पर प्रतिक्रिया आई। सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि जनता मालिक है। भाजपा ने दिल्ली में जेडीयू और एलजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था। जेडीयू को चुनाव लड़ने के लिए दो सीटें और एलजेपी को एक सीट दी गई थी। जेडीयू ने संगम विहार और बुराड़ी सीट पर उम्मीदवार उतारे थे। जेडीयू ने बुराड़ी सीट पर शैलेंद्र कुमार को टिकट दिया था, जिन्हें आप आदमी पार्टी के उम्मीदवार संजीव झा के हाथों 88 हजार से अधिक वोटों से हार का सामना करना पड़ा।
जेडीयू-लोजपा ने भी उतारे थे दिल्ली में उम्मीदवार
जबकि संगम विहार सीट पर जेडीयू ने शिवचरण लाल गुप्ता को टिकट दिया था। गुप्ता को इस सीट पर आप उम्मीदवार के हाथों हार का सामना करना पड़ा। आप के उम्मीदवार दिनेश मोहनिया को संगम विहार सीट पर 75307 वोट मिले, जबकि जेडीयू उम्मीदवार को 32803 वोट मिले। जेडीयू उम्मीदवार शिवचरण लाल गुप्ता को 42504 वोटों की बड़ी हार मिली।
AAP ने दर्ज की 62 सीटों पर जीत
दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 62 सीटों पर जबरदस्त जीत दर्ज की जबकि बीजेपी को केवल 8 सीटों पर ही जीत मिली। पिछले चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 70 में से 67 सीटों पर प्रचंड जीत हासिल की थी। पिछले चुनाव में भाजपा को तीन सीटें मिली थीं। इसके अलावा कांग्रेस का खाता भी नहीं खुल सका था। वहीं, कांग्रेस का इस चुनाव में भी प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा और पार्टी का कोई भी उम्मीदवार जीत हासिल नहीं कर सका। सीटों ही नहीं मत प्रतिशत के लिहाज से भी कांग्रेस को बड़ा नुकसान हुआ है।