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लोकसभा चुनाव से पहले ऊंची जातियों को साधने में जुटी बीजेपी, चलेगी ये बड़ा दांव

By विनोद कुमार शुक्ला
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नई दिल्ली। हाल ही में विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की हार के लिए कई कारणों के अलावा, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति अधिनियम में संशोधन को भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। केंद्र सरकार के फैसले ने पूरे देश में ऊंची जाति समुदाय के बीच क्रोध पैदा किया है और यहां तक कि भारतीय जनता पार्टी के कुछ नेताओं ने भी सरकार के इस कदम का विरोध किया। अब, बीजेपी न केवल दलितों और ओबीसी पर जीत हासिल करने के लिए अभियान चलाएगी बल्कि ऊंची जाति भी होगी।

सवर्णों को मनाने में जुटे नेता

सवर्णों को मनाने में जुटे नेता

उत्तर प्रदेश में बीजेपी रणनीतिकार उच्च जाति के लोगों को शांत करने की कोशिश कर रहे है, जहां उसने अपने सहयोगियों के साथ 73 सीटें जीती थीं। बीजेपी विधायकों में बलिया के सुरेंद्र सिंह स्पष्ट रूप से कहा कि राज्य में ऊपरी कलाकारों को नाराज कर, पार्टी सत्ता में नहीं आ सकती है और इसी तरह के बयान पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता कालराज मिश्रा ने भी दिया था।यह सिर्फ ऊंची जाति की आवाज नहीं है, ओबीसी को भी सरकार का यह निर्णय पसंद नहीं आया। लेकिन राज्य भाजपा के महासचिव विजय बहादुर पाठक ने कहा, भाजपा चाहती है 'सबका साथ, सबका विकास'। और जब हम सभी के बारे में बात करते हैं, तो किसी को छोड़ने का कोई मतलब नहीं है।

डैमेजकंट्रोल करने की तैयारी में जुटे बीजेपी के नेता

डैमेजकंट्रोल करने की तैयारी में जुटे बीजेपी के नेता

2019 के लोकसभा चुनावों की घोषणा के लिए कम से कम दो महीने का समय है, इसलिए उन्हें न केवल संगठन में बल्कि सरकार में ऐसे लोगों को शामिल किया जाएगा। उन्हें निगमों, बोर्डों और स्थानीय निकायों में समायोजित किया जाएगा। 2014 के लोकसभा चुनावों में उत्तर प्रदेश में बीजेपी को 42.3 प्रतिशत वोट मिले हैं और 2017 में विधानसभा चुनावों में लगभग 40 प्रतिशत वोट मिले हैं। बीजेपी इतनी बड़ी जनादेश पाने में सक्षम रही है क्योंकि बीजेपी के पीछे उच्च जाति पूरी दृढ़ता से थी। ओबीसी के बीच मोदी ट्रम्प कार्ड साबित हुए।

यूपी में दिखा था नोटबंदी और सर्जिकल स्ट्राइक का असर

यूपी में दिखा था नोटबंदी और सर्जिकल स्ट्राइक का असर

विधानसभा चुनाव के दौरान यूपी बीजेपी की कमान केशव प्रसाद मौर्य के कंधे पर था। दलितों में, धोबी, खाटिक, पासी, वाल्मीकि, धनुक और कोयरी जैसे वोटरों ने भाजपा पर विश्वास किए। 18 और 22 साल की उम्र के बीच मतदाता पहली बार बीजेपी के आगे आए। उत्तर प्रदेश में 2017 के विधानसभा चुनावों की सफलता में नोटबंदी और सर्जिकल स्ट्राइक का असर था जिसने मोदी को और मजबूती से पेश किया और समाजवादी व बसपा जैसी पार्टी को हार का सामना करना पड़ा।

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English summary
BJP to accommodate upper castes in organisation and many other places to placate them
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