क्या बच्चों में गंभीर कोरोना संक्रमण हो सकता है या नहीं? रिसर्च में हुआ ये बड़ा खुलासा
क्या बच्चों में गंभीर कोरोना संक्रमण हो सकता है या नहीं? रिसर्च में हुआ ये बड़ा खुलासा
नई दिल्ली। भारत में कोरोना का कहर बढ़ता ही जा रहा हैं। देश भर में कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए हर दिन लाखों की संख्या में लोगों का टेस्ट करवाया जा रहा है। कोरोनो क प्रकोप के चलते बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए सभी स्कूल ऑनलाइन क्लास में संचालित कर रहे हैं। बच्चों के शरीर में रोगों से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता कम होती है इसलिए इस महामारी के शुरुआती दौर से ही बताया जा रहा है कि बच्चों को कोरोना का खतरा अधिक हैं। वहीं अब बच्चों में कोरोना का गंभीर संक्रमण हो सकता है कि नहीं? इस पर किए गए शोध में नया खुलासा हुआ है। जानिए क्या कहता है शोध....
शोध में हुआ ये बड़ा खुलासा
बीते गुरुवार को ब्रिटेन ने इसी पर आधारित एक रिसर्च स्टडी पब्लिश की है। यह शोध कोरोना वायरस की वजह से ब्रिटेन के 138 अस्पतालों में भर्ती कराए गए बच्चों पर किया गया है। इस शोध ने बड़ी राहत भरी खबर सुनाई है। इसमें शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि बच्चों में कोरोना वायरस का गंभीर संक्रमण बहुत ही दुर्लभ है जबकि कोरोना से उनकी मौत तो और भी ज्यादा दुर्लभ है।
जिन बच्चों की हुई मौत, वो पहले से अन्य बीमारियों से थे ग्रसित
बता दें बिट्रेन के इस शोध के नतीजे बीएमजे मेडिकल जर्नल में पब्लिश किए गए हैं। बच्चों पर किए गए शोध के आधार पर बताया गया कि अस्पतालों में एडमिट करवाए गए कुल बच्चों में कोविड 19 की वजह से सिर्फ छह की ही मौत हुई, शोध में ये भी बताया कि जिन बच्चों की मौत हुई वो पहले से ही किसी न किसी अन्य गंभीर बीमारी या हेल्थ प्राब्लम से जूझ रहे थे।
वायरस बच्चों को कोई बड़ी हानि नहीं पहुंचा रहा
शोधकर्ताओं की टीम का नेतृत्व कर रहे ब्रिटेन के यूनिवर्सिटी ऑफ लीवरपूल में आउटब्रेक मेडिसिन एंड चाइल्ड हेल्थ के प्रोफेसर मैलकॉम सेम्प्ले ने कहा - कोरोना से ग्रसित बच्चों पर किए गए रिसर्च के आधार पर हम निश्चित तौर पर यह कह सकते हैं कि कोरोना वायरस बच्चों को कोई बड़ी हानि नहीं पहुंचा रहा है। उन्होंने कहा कि इस शोध से ये पुष्टि हो चुकी है कि बच्चों में कोरोना संक्रमण का गंभीर रूप लेना बहुत रेयर है और बच्चों की मौतें और भी कम हैं।
जानें क्या कहता है दुनिया भर को कोविड 19 का आंकड़ा
गौरतलब है कि कोरोना वायरस के दुनिया भर के डाटा का अध्ययन किया जाए तो ये साफ पता चलता है कि इस कोरोना महामारी से दुनियाभर में 1 से 2 प्रतिशत बच्चे और किशोर ही प्रभावित हुए हैं और उनमें भी जो संक्रमण के मामले दर्ज किए गए हैं, उनमें से अधिकांश में या तो कोरोना के मामूली लक्षण हैं या फि कोई लक्षण हैं ही नहीं। इन आंकड़ों से भी ये ही पुष्टि हो रही है कि कोरोना का बच्चों पर गंभीर असर रेयर है।
केंद्र सरकार ने 7 सितंबर से मेट्रो रेल चलाने की दी अनुमति,जारी की गई गाइडलाइन