विनोद खन्ना की ही वजह से हेमा मालिनी ने राजनीति में किया था प्रवेश, जानिए रोचक किस्सा
नई दिल्ली। बॉलीवुड के 'हैंडसम हंक' कहे जाने वाले सुपरस्टार विनोद खन्ना का आज जन्मदिन है, आज से तीन साल पहले कैंसर के कारण दुनिया को अलविदा कहने वाले विनोद खन्ना ने एक खलनायक के रूप में फिल्मी पर्दे पर कदम रखा था और उसके बाद एक एक्टर के रूप में उन्होंने ख्याति अर्जित की थी, करियर के शीर्ष पर ओशो के शिष्य बनकर सब कुछ छोड़ने वाले विनोद खन्ना ने राजनीति में भी अपनी खाक छोड़ी, उनसे जुड़े बहुत सारे किस्से हैं, जिनके बारे में लोगों को पता नहीं है, ऐसा ही एक खास किस्सा जुड़ा हुआ है हेमा मालिनी के साथ, जिसे कि एक इंटरव्यू में अभिनेत्री ने खुद ही बताया था।
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विनोद खन्ना ने ही हेमा को मिलवाया था अटल बिहारी से
दरअसल आप में से बहुत कम लोग जानते होंगे कि हेमा मालिनी को राजनीति में लाने वाले विनोद खन्ना ही थे और उन्होंने ही पहली बार हेमा मालिनी को पूर्व पीएम अटल बिहारी बाजपेयी से मिलवाया था, दरअसल हेमा मालिनी राजनीति में आने से पहले कई बीजेपी नेताओं से मिल चुकी थीं और उन्होंने सबसे यही कहा था कि वो अटल बिहारी बाजपेयी से मिलना चाहती हैं लेकिन किसी ने उन्हें उनसे नहीं मिलवाया, उन्होंने अपनी ये इच्छा विनोद खन्ना से भी व्यक्त की थी।
विनोद खन्ना की वजह से ही राजनीति में हेमा
और फिर 26 सितंबर 1999 को विनोद खन्ना अचानक से हेमा मालिनी को पहली बार अटल बिहारी से मिलवाने ले गए थे, जहां जाकर उन्हें पता चला था कि अटल बिहारी बाजपेयी उनके बड़े फैन हैं और उन्होंने उनकी फिल्म 'सीता-गीता 'को 25 बार देखा था, इस मुलाकात के ही बाद हेमा ने औपचारिक तौर पर राजनीति में प्रवेश किया था।
राजनीति में आने का श्रेय विनोद खन्ना: हेमा
विनोद खन्ना के साथ कई फिल्मों में काम कर चुकीं हेमा मालिनी ने हमेशा खुद की राजनीति में आने का श्रेय विनोद खन्ना को ही दिया, हालांकि उनके पति धर्मेंद्र भी कभी राजनीति का हिस्सा रह चुके हैं, लेकिन उन्होंने हमेशा कहा कि विनोद की वजह से ही वो राजनीति में आईं।
कुछ खास बातें
- विनोद खन्ना का जन्म 6 अक्टूबर,1946 को पेशावर में हुआ था।
- उनका परिवार अगले साल 1947 में हुए भारत-पाक विभाजन के बाद पेशावर से मुंबई आ गया था।
- उनके माता-पिता का नाम कमला और किशनचंद खन्ना था।
- 1960 के बाद की उनकी स्कूली शिक्षा नासिक के एक बोर्डिग स्कूल में हुई वहीं उन्होने सिद्धेहम कॉलेज से वाणिज्य में स्नातक किया था।
- विनोद खन्ना ने अपने फ़िल्मी सफर की शुरूआत 1968 में आई फिल्म 'मन का मीत' से की थी।
- साल 1971 में उनकी पहली एकल हीरो वाली फिल्म 'हम तुम और वो' थी।
फिल्म 'दिलवाले' अंतिम फिल्म थी
- विनोद खन्ना अपने करियर की चरम पोजिशन पर आचार्य रजनीश के अनुयायी बन गए थे।
- लंबे वक्त के बाद उन्होंने फिल्मों में वापसी की और जोरदार वापसी की।
- वर्ष 1997 और 1999 में वे दो बार पंजाब के गुरदासपुर क्षेत्र से भाजपा की ओर से सांसद चुने गए।
- 2002 में वे संस्कृति और पर्यटन के कैबिनेट मंत्री भी रहे।
- सिर्फ 6 माह पश्चात् ही उनको अति महत्वपूर्ण विदेश मामलों के मंत्रालय में राज्य मंत्री बना दिया गया था।
- वह आखिरी बार 2015 में शाहरुख खान की फिल्म 'दिलवाले' में नजर आए थे।
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