लोगों के 'दिल को पागल' करने वालीं माधुरी ने अटल बिहारी को इस काम से रोका था....
मुंबई। आज बॉलीवुड की 'चंद्रमुखी' और मधुर मुस्कान की मालकिन माधुर दीक्षित 'नेने' का जन्मदिन हैं, जिनकी नशीली आंखों में आज भी लोग 'तबाह' होने के लिए तैयार हैं, नंबे के दशक में बॉलीवुड पर एक छत्र राज करने वाली हिंदी सिनेमा की आज भी उनके डांस को देखकर लोगों का 'दिल पागल' हो जाता है, मशहूर अदाकारा माधुरी दीक्षित के दीवाने केवल इंडिया में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी हैं, उनकी एक्टिंग के मुरीद हमारे देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी भी थे इसलिए उनसे जुड़ा एक किस्सा भी काफी मशहूर हुआ था।
माधुरी के कारण अटल बिहारी नहीं खा पाए थे गुलाब जामुन
दरअसल मुंबई में एक चैरिटी प्रोग्राम के तहत एक भोज आयोजित किया गया था, जिसमें खेल, राजनीति और सिनेमा जगत की मशहूर हस्तियां शामिल हुई थीं, उन दिनो अटल बिहारी देश के पीएम थे लेकिन वो मधुमेह रोग के शिकार थे, इसलिए उस वक्त उन्हें खान-पान पर काफी कंट्रोल रखने को कहा गया था, वो मीठे के बहुत ज्यादा शौकीन थे इसलिए उस वक्त उन्हें मिठाईयों से दूर रखने की कोशिश की जाती थी लेकिन पार्टी में जब उनकी नजर गुलाब जामुनों पर पड़ी तो वो अपने सारे परहेज भूल गए और वो गुलाब जामुन की टेबल की ओर बढ़ने लगे।
अटल बिहारी ने माधुरी से की थी बात...
तब उनके सहयोगियों ने एक तरकीब निकाली और रास्ते बीच में उन्हें माधुरी दीक्षित से मिलवा दिया, उसके बाद वाजपेयी की उनसे बातचीत करने लग गए, फिल्मों के शौकीन वाजपेयी जल्द ही भूल गए कि उन्हें गुलाब जामुन खाना था, उनके इस किस्से का खुलासा पत्रकार राशिद किदवई ने किया था, वाजपेयी जब माधुरी से बात करने में व्यस्त हो गए तो उनके सहियोगियों ने तुरंत खाने के काउंटर से गुलाब जामुन को हटा दिया।
कुछ खास बातें
अपने सधे हुए अभिनय, दिल को छू लेने वाली मुस्कान और मदमस्त नृत्य से माधुरी ने भारतीय फिल्मजगत में अपना खास मकाम बनाया है, फिल्म के पुरोधा माधुरी को संपूर्ण अभिनेत्री मानते हैं, 15 मई 1967 में मुंबई के मराठी परिवार में जन्मीं माधुरी दीक्षित की इच्छा डॉक्टर बनने की थी लेकिन उनकी जिंदगी में तो बेहतरीन अदाकारा बनना लिखा था। 1984 में राजश्री प्रोडक्शन की फिल्म 'अबोध' से अपना फिल्मी करियर शुरू करने वाली माधुरी को पहचान मिली एन चंद्रा की फिल्म 'तेजाब' से, जो कि सन् 1988 में प्रदर्शित हुई थीं।
नेशनल अवार्ड से सम्मानित हैं माधुरी दीक्षित
इसके बाद माधुरी की सफलता का दौर जारी रहा। त्रिदेव, रामलखन, 'बेटा', 'प्रहार', 'परिंदा', 'दिल', 'साजन', 'हम आपके है कौन', 'दिल तो पागल है', 'मृत्युदंड', 'देवदास' , 'खलनायक' फिल्मों से माधुरी नंबर वन के सिंहासन पर जा बैंठी जहां पहुंचना हर किसी का सपना होता है। माधुरी ने फिल्म 'बेटा', 'हम आपके है कौन', 'दिल तो पागल है' के लिए तीन बार फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का अवार्ड जीता है, तो वहीं फिल्म 'देवदास' के चर्चित किरदार चंद्रमुखी के लिए उन्हें सहायक अभिनेत्री के लिए फिल्मफेयर अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है।
.हैप्पी बर्थ डे माधुरी दीक्षित
औरत की हीन दशा पर बनीं फिल्म 'मृत्युदंड' के लिए उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिल चुका है। साल 2008 में भारत सरकार ने माधुरी को पद्यश्री से भी नवाजा है। करीब दस सालों तक पर्दे से गायब रहने वाली माधुरी इन दिनों डांस रियलिटी शो में बतौर जज नजर आती हैं, इसी दौरान माधुरी कई विज्ञापन में भी दिखती हैं, हमारी पूरी टीम भी इस खूबसूरत अदाकारा के जन्मदिन पर उन्हें बधाई देती है और कहती है वो इसी तरह बॉलीवुड में अपनी मधुर मुस्कान से अपना जादू बिखेरती रहें। तुम जियो हजारों साल...यही दुआ है हमारी..हैप्पी बर्थ डे माधुरी दीक्षित ।