देखें तस्वीरें: बापू के एक फैसले से प्रियदर्शिनी से गांधी बन गईं इंदिरा, जानिए लव स्टोरी
नयी दिल्ली (ब्यूरो)। 'आयरन लेडी' के नाम से प्रसिद्ध देश की पहली ताकतवर प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की आज 98वीं जयंती है। इस मौके पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, पीएम मोदी और कांग्रेस सुप्रीमो सोनिया गांधी ने श्रद्धांजलि अर्पित की है। पीएम मोदी ने ट्वीट किया है और लिखा है कि इंदिरा जी को जयंती पर मेरी तरफ से श्रद्धांजलि।
इतिहास के पन्नों से- जब कानून और संविधान से उपर उठी इंदिरा गांधी
बांग्लादेश से युद्ध हो, पोखरन समझौता हो, ब्लू स्टार हो या फिर बैंकों का राष्ट्रीयकरण, इंदिरा गांधी के हर फैसले दूरगामी सिद्ध हुए। उनके पॉलिटिकल डिसीजन से हर कोई प्रभावित रहा। इंदिरा गांधी भारतीय इतिहास में एक ऐसी राजनेता रहीं जिनकी शान में विपक्षी भी कसीदे पढ़ते थे। वैसे तो इंदिरा जी के राजनीतिक सफर के बारे में लगभग हर कोई जानता है लेकिन उनकी पर्सनल लाइफ के बारे में कई चीजें ऐसी है जिसके बादे में लोगों को शायद मालूम नहीं है।
पुण्यतिथि पर विशेष: इंदिरा को था मौत का आभास!
तो आईए आज इंदिरा गांधी की जयंती पर उनके जुड़ी कुछ रोचक बातें आपको बताते हैं। आपको यह भी बताते हैं कि इंदिरा प्रियदर्शिनी नेहरू महात्मा गांधी के एक फैसले से कैसे इंदिरा गांधी बन गईं। इसके अलावा आपको फिरोज और इंदिरा के लव स्टोरी के बारे में भी बताते हैं : खुलासा: प्रियंका को अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी बनाना चाहती थीं इंदिरा
फिराज से शादी कर इंदिरा बन गईं गांधी
इंदिरा ‘नेहरू' से ‘गांधी' तब बनीं, जब उन्होंने गुजरात के पारसी युवक फिरोज से शादी की। एक हिंदू और पारसी के संबंध से भारतीय राजनीति में भूचाल न आए, इसके लिए महात्मा गांधी ने इन्हें ‘गांधी' नाम दे दिया। और इसी ‘गांधी' शब्द ने ‘गांधी परिवार' को।
कैसे आए फिरोज और इंदिरा एक दूसरे के नजदीक
साल 1930 में फिरोज ने कांग्रेस के सैनिक के रूप में युवओं का लीड किया। इसी दौरान उनकी मुलाकात जवाहर लाल नेहरू और कमला नेहरू से हुई। आजादी की लड़ाई में इंदिरा की मां कमला नेहरू एक कॉलेज के सामने धरना देने के दौरान बेहोश हो गई थीं। उस समय फिरोज गांधी ने उनकी बहुत देखभाल की। इस तरह वे नेहरू परिवार के करीब आते चले गए। इसी दौरान उनकी और इंदिरा गांधी के बीच नजदीकियां बढ़ीं।
फिरोज और इंदिरा की लव स्टोरी जानकर गुस्सा गईं थी कमला नेहरू
कुछ समय बाद जब फिरोज और इंदिरा के प्रेम-प्रसंग की जानकारी कमला नेहरू को हुई तो वे बहुत गुस्सा हुईं। दोनों के अलग-अलग धर्मो के होने की वजह से भारतीय राजनीति में खलबली मचने का डर जवाहरलाल नेहरू को भी सताने लगा था।
महात्मा गांधी ने निकाला रास्ता और हुई शादी
जवाहर लाल नेहरू ने इस बात को महात्मा गांधी से बताई और सलाह मांगी। महात्मा गांधी ने फिरोज को ‘गांधी' सरनेम की उपाधि दे दी और इस तरह फिरोज खान, फिरोज गांधी बन गए और इंदिरा नेहरू अब ‘इंदिरा गांधी' बन गईं। फिरोज और इंदिरा की शादी 1942 में हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार हुई।
ठीक से नहीं चल सकी इंदिरा-फिरोज की मैरिड लाइफ
प्यार के आगे परिवार वाले झुक गये और जिद से शादी तो करा दी लेकिन मैरिड लाइफ ज्यादा दिनों तक टिक नहीं सका। इंदिरा गांधी और फिरोज गांधी के बीच झगड़े होने लगे। 1949 में इंदिरा दोनों बच्चों (राजीव और संजय गांधी) के साथ अपने पिता के घर चली गईं।
फिरोज गांधी का बचपन का नाम था जहांगीर
फिरोज गांधी का बचपन का नाम फिरोज जहांगीर शाह था। वह पारसी मुसलमान थे। मुंबई में 12 सितंबर 1912 को जन्में फिरोज गांधी मूल रूप से गुजराती थे। उनके पिता का नाम जहांगीर और मां का नाम रतिबाई था।