Sardar Vallabhbhai Patel Birthday: देश के लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल के 15 अनमोल विचार
नई दिल्ली। स्वतंत्र भारत के पहले उप-प्रधानमंत्री और गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की आज (31 अक्टूबर) 144वीं जयंती है। देश की आजादी में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है। देश को एकता के सूत्र में बांधने का श्रय भी पटेल को ही जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि आजादी के समय देश छोटी-छोटी 562 रियासतों में बंटा हुआ था।
ब्रिटिश शासन ने इनके सामने विकल्प रखा था कि ये भारत या पाकिस्तान में से किसी एक को चुन लें। ऐसे में कई रियासतें भारत तो कुछ पाकिस्तान में शामिल होना चाहती थीं। लेकिन कई स्वतंत्र रहना चाहती थीं। एक समस्या ये भी थी कि कुछ रियासतें काफी दूर होने के बावजूद पाकिस्तान में शामिल होना चाहती थीं।
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ऐसे में इस समस्या का निदान सरदार पटेल ने किया और भारत में इन रियासतों का विलय कर उन्हें एकता के सूत्र में बांधा। इस काम में उन्हें काफी चुनौतियां का सामना करना पड़ा था, लेकिन उन्होंने अपनी बुद्धि और अनुभव के बल पर इसमें सफलता हासिल की। भारत को एक विशाल राष्ट्र बनाने के पीछे उनकी सबसे बड़ी भूमिका थी। सरदार पटेल के विचार आज भी लाखों युवाओं का प्रेरणा देते हैं। चलिए जानते हैं उनके अनमोल विचारों के बारे में-
- आज हमें ऊंच-नीच, अमीर-गरीब, जाति-पंथ के भेदभावों को समाप्त कर देना चाहिए।
- इस मिट्टी में कुछ अनूठा है, जो कई बाधाओं के बावजूद हमेशा महान आत्माओं का निवास रहा है।
- शक्ति के अभाव में विश्वास व्यर्थ है। विश्वास और शक्ति, दोनों किसी महान काम को करने के लिए आवश्यक हैं।
- मनुष्य को ठंडा रहना चाहिए, क्रोध नहीं करना चाहिए। लोहा भले ही गर्म हो जाए, हथौड़े को तो ठंडा ही रहना चाहिए अन्यथा वह स्वयं अपना हत्था जला डालेगा।
- आपकी अच्छाई आपके मार्ग में बाधक है, इसलिए अपनी आंखों को क्रोध से लाल होने दीजिए और अन्याय का सामना मजबूत हाथों से कीजिए।
- अधिकार मनुष्य को तब तक अंधा बनाए रखेंगे, जब तक मनुष्य उस अधिकार को प्राप्त करने हेतु मूल्य न चुका दे।
- आपको अपना अपमान सहने की कला आनी चाहिए।
- मेरी एक ही इच्छा है कि भारत एक अच्छा उत्पादक हो और इस देश में कोई अन्न के लिए आंसू बहाता हुआ भूखा ना रहे।
- संस्कृति समझ-बूझकर शांति पर रची गई है। मरना होगा तो वे अपने पापों से मरेंगे। जो काम प्रेम, शांति से होता है, वह वैर-भाव से नहीं होता।
- जो भी व्यक्ति जीवन को बहुत अधिक गंभीरता से लेता है, उसे एक तुच्छ जीवन जीने के लिए तैयार रहना चाहिए। सुख-दुःख को समान रूप से स्वीकार करने वाला व्यक्ति ही सही मायनों में जीवन का आनंद ले पाता है।
- मृत्यु की चिंता मत करो क्योंकि आपके जीवन की डोर ईश्वर के हाथों में हैं और वे हमेशा अच्छा ही करते हैं।
- जीवन में आप जितने भी दुःख और सुख के भागी बनते हैं, उसके पूर्ण रूप से जिम्मेदार आप स्वंय ही होते हैं। इसमें ईश्वर का कोई भी दोष नहीं होता।
- जब तक इंसान के अंदर का बच्चा जीवित है, तब तक अंधकारमयी निराशा की छाया उससे दूर रहती है।
- जब कठिन समय आता है, तो कायर और बहादुर का फर्क पता चल जाता है, क्योंकि उस समय कायर बहाना ढूंढते हैं और बहादुर रास्ता खोजते हैं।
- अगर आप आम के फल को समय से पहले ही तोड़ कर खा लेंगे, तो वह खट्टा ही लगेगा। लेकिन यदि आप उसे थोड़ा समय देते हैं, तो वह खुद ब खुद पककर नीचे गिर जाएगा और आपको अमृत के समान लगेगा।
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