भारत को तिरंगा देने वाले पिंगली वेंकैया का आज जन्मदिन
भारत को उसकी पहचान, उसका तिरंगा देने वाले पिंगली वेंकैया का आज जन्मदिन है। आज ही के दिन 142 साल पहले वेंकैया का जन्म आंध्र प्रदेश के मछलीपट्टनम में हुआ था। वेंकैया ने ही भारत का राष्ट्रीय ध्वज बनाया था।
नई दिल्ली। भारत को उसकी पहचान, उसका तिरंगा देने वाले पिंगली वेंकैया का आज जन्मदिन है। आज ही के दिन 142 साल पहले वेंकैया का जन्म आंध्र प्रदेश के मछलीपट्टनम में हुआ था। वेंकैया ने ही भारत का राष्ट्रीय ध्वज बनाया था। बलिदान, समृद्धि और शांति के प्रतीक इस तिरंगे को राष्ट्रीय ध्वज का दर्जा दिलाने में वेंकैया ने लंबी लड़ाई लड़ी थी।
पिंगली वेंकैया का जन्म 2 अगस्त 1876 को आंध्र प्रदेश के निकट एक गांव मछलीपट्टनम में हुआ था। 19 साल की उम्र में वेंकैया ब्रिटिश आर्मी में सेना नायक बन गए। दक्षिण अफ्रिका में एंग्लो-बोअर युद्ध के दौरान उनकी मुलाकात महात्मा गांधी से हुई।
वेंकैया महात्मा गांधी से इतना प्रेरित हुए कि वो उनके साथ ही हमेशा के लिए भारत लौट आए। भारत लौटने के बाद वो स्वतंत्रता संग्राम के सेनानी बन गए। उसके बाद वेंकैया ने 30 देशों के राष्ट्रीय ध्वजों का अध्यन शुरु किया। वो 1916 से 1921 तक इस विषय पर रिसर्च करते रहे। उसके बाद उन्होंने भारत के लिए झंडे का निर्माण शुरू किया। वेंकैया का हमेशा से मानना था कि भारत का भी अपना एक राष्ट्रीय ध्वज होना चाहिए।
महात्मा गांधी ने विजयवाड़ा में 1921 में कांग्रेस मीटिंग में राष्ट्री ध्वज की मंजूरी दी थी। 1931 में तिरंगे को अपनाने का प्रस्ताव पारित किया गया। इस प्रस्ताव में कुछ संशोधन हुआ और लाल रंग हटाकर केसरिया रंग कर दिया गया। 22 जुलाई 1947 को संविधान सभा में इसे राष्ट्रीय ध्वज के रूप में अपना लिया गया। इसके कुछ समय बाद ही एक बार फिर संशोधन किया गया जिसमें चरखे को हटाकर सम्राट अशोक के धर्मचक्र को शामिल कर लिया गया।
आप जानकर हैरान होंगे कि जिसने देशवासियों को गर्व महसूस कराने वाला तिरंगा दिया उसकी पूरी जिंदगी गरीबी में गुजर गई। 1963 में 86 साल की उम्र में वेंकैया का विजयवाड़ा में एक झोपड़ी में देहांत हो गया। साल 2011 में उन्हें मरणोपरांत भारत रत्न देने की मांग की गई थी।