न दुष्ट पाकिस्तान, न चालबाज चीन, अंबाला में यह है राफेल जेट के लिए सबसे बड़ा खतरा
अंबाला। 29 जुलाई को फ्रांस से पांच राफेल जेट का पहला बैच हरियाणा के अंबाला एयरफोर्स स्टेशन पहुंचा। इंडियन एयरफोर्स (आईएएफ) के पास अब दुनिया का सबसे शक्तिशाली जेट है। लेकिन आप जानते हैं कि सबसे एडवांस्ड हथियारों से लैस और सेकेंड्स में दुश्मन को तबाह कर देने वाले राफेल पर भी एक बड़ा खतरा मंडरा रहा है। यह खतरा न तो दुष्ट पड़ोसी पाकिस्तान से है और न ही चालबाज चीन से बल्कि खतरे की वजह है चिड़िया। अब आप सोच रहे होंगे कि भला भारी-भरकम राफेल जेट को एक अदनी सी चीड़िया से कैसे खतरा हो सकता है। तो आपको बता देते हैं कि अंबाला एयरफोर्स स्टेशन के करीब उड़ते पंक्षी अब राफेल के लिए खतरा बन गए हैं।
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कचरे के ढेर ने बढ़ाया सिरदर्द
अंबाला एयरफोर्स स्टेशन के करीब कचरे के ढेर की वजह से, इसके आसपास पक्षियों का झुंड हमेशा मंडराता रहता है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए वायुसेना की तरफ से हरियाणा सरकार को एक चिट्ठी लिखी है। आईएएफ के डायरेक्टर जनरल इंसपेक्शन एंड सेफ्टी, एयरमार्शल मानवेंद्र सिंह की तरफ से चिट्ठी हरियाणा सरकार के चीफ सेक्रेटरी केशनी आनंद अरोड़ा को लिखी गई है। उन्होंने मांग की है कि हरियाणा एयरफोर्स स्टेशन के करीब जो कचरा फेंका जाता है उस पर ध्यान दिया जाए। इस चिट्ठी के मुताबिक हाल ही में आईएएफ में शामिल राफेल की सुरक्षा पर इस कचरे से वजह से इकट्ठा होने वाले पक्षियों से खतरा पैदा हो गया है।
IAF ने की तुरंत ध्यान देने की अपील
यह चिट्ठी 29 जुलाई को लिखी गई है और इस पर तुरंत ध्यान देने की अपील की गई है। अंबाला एयरफोर्स स्टेशन के करीब पक्षियों का भारी झुंड हमेशा रहता है। वायुसेना का मानना है कि अगर एक भी पक्षी जेट से टकरा गया तो फिर यह राफेल को बड़ा नुकसान पहुंचा सकता है। आईएएफ का कहना है कि एयरफील्ड के करीब पक्षियों की गतिविधियों की असली वजह इलाके के करीब मौजूद कचरे का डम्पिंग जोन है। चिट्ठी में बताया गया है कि इस मुद्दे पर अंबाला एयरफोर्स स्टेशन के एयर ऑफिसर कमांडिंग (एओसी) ने भी शहर के ज्वॉइन्ट कमिश्नर और अतिरिक्त म्यूनिसिपल कमिश्नर से मुलाकात कर चुके हैं।
IAF ने कहा लागू की जाए यह स्कीम
चिट्ठी के मुताबिक 24 जनवरी 2019, 10 जुलाई 2019 और 20 जनवरी 2020 को मीटिंग्स की गई हैं। चिट्ठी में कहा गया है कि यह बहुत जरूरी है कि बड़ी और छोटी चिड़ियों को एयरफील्ड से दूर रखा जाए ताकि फाइटर एयरक्राफ्ट को सुरक्षित रखा जा सके। आईएएफ ने तुरंत ही सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट (एसडब्लूएम) स्कीम को लागू करने की मांग की है। इससे बड़े पक्षियों को एयरफील्ड से करीब 10 किलोमीटर तक दूर रखा जा सकता है। हरियाणा सरकार का कहना है कि आईएएफ को राज्य सरकार से जो मदद चाहिए होगी, वह उसे तुरंत उपलब्ध कराया जाएगा।
जब क्रैश होने से बचा जगुआर
29 जून 2019 को अंबाला एयरफोर्स स्टेशन पर पक्षियों का एक झुंड जगुआर एयरक्राफ्ट से टकरा गया था। लेकिन पायलट की सूझबूझ से एक बड़ा हादसा टल गया था। एयरफोर्स ने बताया था कि हादसे से कुछ मिनट पहले ही जगुआर एयरक्राफ्ट को दो अतिरिक्त फ्यूल ड्रॉप टैंक्स और कैरियर बम लाइट स्टोर्स (सीबीएलएस) पॉड्स से लोड किया गया था। इस एयरक्राफ्ट ने अंबाला एयरफोर्स स्टेशन से एक ट्रेनिंग मिशन के लिए उड़ान भरी थी। टेक ऑफ करने के कुछ ही मिनटों बाद पक्षियों के झुंड से एयरक्राफ्ट का आमना-सामना हुआ।' पक्षियों के टकराने की वजह से जेट का इंजन भी फेल हो गया था।