BioNTech/Pfizer ने यूरोप में अपनी कोरोना वैक्सीन के इस्तेमाल के लिए मांगी मंजूरी
BioNTech/Pfizer ने कोरोना वैक्सीन के इस्तेमाल के लिए मांगी मंजूरी
नई दिल्ली। अमेरिकी कंपनी और बायोनटेक और जर्मन कंपनी फाइजर ने यूरोप में अपनी कोविड-19 की वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मांगी है। कंपनी की ओर से मंगलवार को बताया गया है कि ईयू रेगुलेटरी (नियामक) में उन्होंने वैक्सीन को मंजूरी के लिए अप्लाई कर दिया है। कंपनियों ने कहा है कि यूरोपीयन मेडिसिन एजेंसी (ईएमए) के सामने उनकी ओर से आवेदन दिया गया है और वैक्सीन के लिए कंडीशनल मार्केटिंग ऑथोराइजेशन (सीएमए) की मांग की है।
टीके के 90 फीसदी से ज्यादा असरदार होने का दावा
जर्मन कंपनी बायोनटेक और अमेरिकी कंपनी फाइजर कोरोना वायरस की वैक्सीन पर संयुक्त रूप से काम कर रही है। कंपनी के मुताबिक उसकी वैक्सीन 90 फीसदी से ज्यादा असरदार साबित हुई है। तीसरे चरण के ट्रायल के बाद कंपनी ने ये दावा किया है। दोनों कंपनियों का कहना है कि उन्हें अब तक कोई गंभीर सुरक्षा मुद्दा दिखाई नहीं दिया जिसके बाद टीके के आपातकालीन उपयोग के लिए प्राधिकरण से इजाजत मांगी गई है।
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मॉडर्ना ने भी वैक्सीन के इस्तेमाल की इजाजत मांगी
अमेरिकी फर्म मॉडर्ना ने भी सोमवार को अमेरिका और यूरोप में अपनी वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी के लिए नियामक (रेगुलेटरी) में आवेदन किया है। कंपनी का कहना है कि इस वैक्सीन से अब तक किसी प्रकार का कोई गंभीर साइड इफेक्ट नहीं देखा गया है. ऐसे में उम्मीद है कि अमेरिका और यूरोप में मंजूरी मिलने के बाद इस वैक्सीन को बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जा सकता है। मॉडर्ना के चीफ मेडिकल ऑफिसर टेल जक्स ने कहा, हम मानते हैं कि हमारे पास एक वैक्सीन है जो बहुत ही प्रभावशाली है। हमारे पास इसे साबित करने के लिए डेटा है।
कई वैक्सीन पर चल रहा काम
पूरी दुनिया इस वक्त कोरोना महामारी से जूझ रही है। विश्व में कोरोना के मामले 6 करोड़ से ज्यादा हो चुके हैं तो वहीं दुनियाभर में कई वैक्सीन पर काम चल रहा है। इसमें फाइजर और बायोनटेक के अलावा ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की वैक्सीन का भी नाम है। ऑक्सफोर्ड के साथ भारत में सीरम इंस्टीट्यूट ने करार किया है, सीरम ने भी ट्रायल सफल रहने और जल्द वैक्सीन उपलब्ध हो जाने की उम्मीद जताई है।