GST कलेक्शन में बीमारू राज्यों ने गाड़ा झंडा, गुजरात, महाराष्ट्र और बंगाल पिछड़े
नई दिल्ली: जीएटी कलेक्शन में बीमारू माने जाने वाले राज्यों ने झंडा गाड़ दिया है। इनमें बिहार, ओडिशा, उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश प्रमुख हैं। ये राज्य गरीब जरूर हैं। लेकिन इनके पास बड़ी जनसंख्या है। इसी वजह से इन राज्यों ने जीएसटी कलेक्शन में शानदार प्रदर्शन किया है। बीमारू कहलाने वाले इन राज्यों ने महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक और तमिलनाडु जैसे औद्योगिक रूप से विकसित राज्यों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है।
जीएसटी
कलेक्शन
बीमारु
राज्य
आगे
टाइम्स
ऑफ
इंडिया
की
एक
रिपोर्ट
के
मुताबिक
ओडिशा
के
जीएसटी
संग्रह
में
सबसे
ज्यादा
20.8
फीसदी
की
बढ़त
हुई
है।
इसके
बाद
पर्वतीय
राज्य
उत्तराखंड
के
जीएसटी
संग्रह
में
19.9
फीसदी,
बिहार
में
17.8
फीसदी,
एमपी
में
14.6
फीसदी,
असम
में
14.1
फीसदी
और
यूपी
में
12
फीसदी
की
बढ़त
हुई
है।
पश्चिम
बंगाल
कुछ
गैर
औद्योगिक
राज्यों
में
से
है,
जिसने
चालू
वित्त
वर्ष
के
पहले
चार
महीनों
के
दौरान
अच्छा
प्रदर्शन
नहीं
किया
है।
इस
दौरान
देश
का
कुल
जीएसटी
संग्रह
9
फीसदी
बढ़कर
3.56
लाख
करोड़
रुपये
तक
पहुंच
गया
है।
दिल्ली
के
जीएसटी
कलेक्शन
में
दो
फीसदी
की
गिरावट
देखी
गई
है।
अप्रैल
से
जुलाई
2019
के
दौरान
दिल्ली
का
जीएसटी
कलेक्शन
12,700
करोड़
रुपये
था,
जो
एक
साल
पहले
इस
अवधि
में
13,000
करोड़
रुपये
से
थोड़ा
कम
था।
पूर्वोत्तर
राज्यों
का
भी
शानदार
प्रदर्शन
जीएसटी
कलेक्शन
के
मामले
में
पूर्वोत्तर
के
राज्यों
ने
काफी
बेहतर
प्रदर्शन
किया
है।
नागालैंड
में
जीएसटी
कलेक्शन
39
फीसदी,
अरुणाचल
प्रदेश
में
35
फीसदी,
सिक्किम
और
मेघालय
में
32
फीसदी
बढ़ा
है।
हालांकि
आंकड़ों
के
हिसाब
से
देखें
तो
कुल
मिलाकर
इन
राज्यों
का
कलेक्शन
370
करोड़
रुपये
से
लेकर
680
करोड़
तक
है।
सरकारी
अधिकारियों
और
कर
विशेषज्ञों
मे
कहा
कि
आंकड़ो
से
पता
चलता
है
कि
उपभोग
करने
वाले
राज्यों
की
और
ये
शिफ्ट
हुआ
है।
गौरतलब
है
कि
जब
जीएसटी
लागू
करने
की
मांग
की
थी,
तब
गुजरात,
महाराष्ट्र
और
तमिलनाडु
ने
मुआवजे
की
मांग
की
थी।
बाद
में
सरकार
ने
बीजेपी
शासित
राज्यों
से
मांग
छोड़ने
की
मांग
की
थी।