ई-सिगरेट बैन से जुड़ा बिल लोकसभा में पास, जानिए क्या है ये बला, कितनी है खतरनाक
नई दिल्ली। ई-सिगरेट पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने वाला बिल लोकसभा में पास हो गया है। बिल के पास होते ही अब देश के किसी भी कोने में ई-सिगरेट का उत्पादन, खरीदना, बेचना एक्सपोर्ट, ट्रांस्पोर्ट, डिस्ट्रीब्यूशन, स्टोरेज और विज्ञापन करना गैर कानूनी हो गया है। इसके अलावा सरकार ने ई-हुक्के पर भी प्रतिबंध लगा दिया है, ऐसे उत्पादों पर रोक लगाने के लिए सितंबर महीने में एक अध्यादेश जारी किया गया था। इसमें सरकार ने कहा कि ऐसे उत्पादों से देश के युवाओं की सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है।
युवाओं में बढ़ा क्रेज
बता दें कि, पिछले कुछ सालों से युवाओं में ई-सिगरेट और हुक्के का क्रेज बढ़ गया था जिससे उनमें सेहत संबंधी समस्याएं बढ़ गई। इसके देखते हुए सरकार शुरू से ही इन उत्पादों पर बैन लगाने की बात करती रही है जिसे आज लोकसभा से भी मंजूरी मिल गई। विधेयक में कहा गया कि, इस कानून का उल्लंघन करने वाले को पहली बार गिरफ्तार किए जाने पर 1 साल की जेल या 1 लाख रुपये जुर्माना अथवा देनों हो सकता है। अगर दोबारा गिरफ्तारी होती है तो 3 साल की कैद या 5 लाख जुर्माना अथवा दोनों हो सकता है।
क्या होती है ई-सिगरेट
मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए ई सिगरेट पर बैन लगा दिया। कई लोगों को पता ही नहीं है कि आखिर ये ई-सिगरेट होता क्या है। ई-सिगरेट या इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट एक प्रकार का सिगरेट है, जिसमें तंबाकू को सीधे तौर पर नहीं जलाया जाता बल्कि इसमें निकोटीन लिक्विड के तौर पर मौजूद रहता है। इसमें इलेक्ट्रिक फिलामेंट को जलाकर लिक्विड निकोटीन को वेपराइज किया जाता है, जिसे लोग इनहेल करते हैं।
कितनी खतरनाक है ई-सिगरेट
भारत में जब ई-सिगरेट को उताया गया तो लोगों ने दावा किया कि यह तंबाकू वाले सिगरेट से कम खतरनाक है। सामान्य सिगरेट में 70 से ज्य़ादा तत्व ऐसे होते हैं, जिन्हें कैंसर पैदा करने वाला माना जाता है। वहीं ये भी दावा किया गया कि ई-सिगरेट में ये तत्व या तो कम होते हैं या बिल्कुल भी नहीं होते हैं। वहीं पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड की रिपोर्ट में अपनी रिपोर्ट में कहा कि सिगरेट के आदी लोगों को ई-सिगरेट पीना चाहिए। यह सिगरेट छोड़ने में मदद करता है।
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