वरिष्ठ नागरिकों के साथ दुर्व्यवहार करने पर होगी जेल और लगेगा तगड़ा जुर्माना, लोकसभा मे पेश हुआ बिल
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नई दिल्ली। देश में वरिष्ठ नागरिकों के खिलाफ बढ़ते दुर्व्यवहार और अपने बुजुर्ग माता-पिता को बेसहारा छोड़ने के मामलों को देखते हुए बुधवार को लोकसभा में एक बिल पेश किया गया। इस बिल के अनुसार कोई भी व्यक्ति अगर जानबूझकर अपने माता-पिता या वरिष्ठ नागरिकों को उनकी देखभाल और सुरक्षा के तहत दुर्व्यवहार करता है या उन्हें छोड़ देता है तो उसे कम से कम 6 महीने की जेल और 10 हजार रुपये जुर्माना या दोनों सजा दी जा सकती है।
दुर्व्यवहार करने पर मिलेगा कठोर दंड
गौरतलब है कि देश में बुजुर्गों के साथ दुर्व्यवहार के मामले चिंताजनक स्थिति पर पहुंच गए हैं इस पर काबू पाने के लिए सरकार ने बुधवार को लोकसभा में भरण पोषण एवं कल्याण संशोधन विधेयक पेश किया। इस बिल में वरिष्ठ नागरिकों के लिए सुरक्षित जीवन और उनके साथ दुर्व्यवहार करने पर कठोर दंड देने का कानून बनाने की बात कही गई है। इस बिल को लोकसभा में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत ने पेश किया।
दुर्व्यवहार के दायरे में आई ये बातें
उन्होंने कहा कि इस विधेयक में सचिवों के एक समूह ने समान आयु के वरिष्ठ नागरिकों को फायदा देने की बात कही है। बिल के उद्देश्य में कहा गया कि भारत में वरिष्ठ नागरिकों के लिए घर में देखरेख सेवाओं के मानकीकरण और भरण पोषण की रकम में वृद्धि करने की जरूरत है जिसके चलते यह बिल पेश करना पड़ा है। यह बिल दुर्व्यवहार को शारीरिक, मौखिक, भावनात्मक और आर्थिक दुरुपयोग, उपेक्षा और परित्याग के रूप में परिभाषित करता है जिससे हमला, चोट, शारीरिक या मानसिक पीड़ा होती है।
इसलिए लाया गया विधेयक
इस बिल के मुताबिक माता-पिता या वरिष्ठ नागरिक से संबंधित बच्चा चाहे वह बेटा या बेटी, जैविक, दत्तक या सौतेला बच्चा हो और इसमें दामाद, बहू, पोता, पोती और नाबालिग बच्चों को परिधि में लाने की बात भी कही गई है। इस बिल का मकसद 80 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों के आवेदनों सहित भरण पोषण के आवेदनों का जल्दी से निपटारा करना है। साथ ही इसमें हर महीने बुजुर्ग परिजन के भरण पोषण के लिए दिए जाने वाले 1000 रुपये की उपरी सीमा को हटाने की बात भी कही गई है।
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