बिल्किस बानो गैंगरेप केस: गुजरात सरकार से छह हफ्ते के भीतर सुप्रीम कोर्ट ने मांगा जवाब
नई दिल्ली। गुजरात दंगों के वक्त बिल्किस बानो गैंगरेप मामले में सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को बड़ा निर्देश दिया है। कोर्ट ने गुजरात सरकार को इस मामले में जवाब देने के लिए छह हफ्तों का समय दिया है। बिल्किस बानो के गैंगरेप मामले में जिन पुलिसकर्मियों को दोषी करार दिया गया था उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है, उसपर सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार से छह हफ्ते के भीतर जवाब देने को कहा है।
गुजरात में 2002 में हुए दंगों के वक्त बिल्किस बानो के साथ गैंगरेप किया गया था, उस वक्त बिल्किस की उम्र सिर्फ 19 वर्ष थी और वह गर्भवती थीं। बिल्किस के साथ दाहोद के पास राधिकपुर गांव में 3 मार्च 2002 को गैंगरेप किया गया था। यह घटना उस वक्त हुई थी जब बिल्किस और अन्य दर्जनों परिवार के सदस्यों पर गुजरात दंगों के दौरान भीड़ ने हमला कर दिया था। इस हमले में सिर्फ बिल्किस बानो और उनके रिश्तेदार सद्दाम व हुसैन ही जिंदा बच पाने में सफल हुए थे। बिल्किस की मां, बहन, मासूम बेटी सहित तमाम रिश्तेदारों को गुस्सायी भीड़ ने मौत के घाट उतार दिया था। इस घटना के बाद बानो ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करके मुआवजे की मांग की थी, साथ ही छह पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की थी, जिन्हे बॉबे हाई कोर्ट ने रेप का दोषी करार दिया था।
बिल्किस बानो ने इस मामले में कोर्ट से जल्द सुनवाई की गुहार लगाई थी, जबकि गुजरात सरकार ने इसपर और समय मांगा था। बिल्किस के वकील ने कहा कि डिजिटल इंडिया के दौर में आखिर क्यों राज्य सरकार को जवाब दाखिल करने में इतना समय लग रहा है। 23 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने चार हफ्तों के भीतर आरोपी पुलिसकर्मियों पर क्या कार्रवाई की गई इसपर जवाब देने को कहा था। बिल्किस बानो ने आरोप लगाया है कि जिन पुलिसकर्मियों को गैंगरेप में बॉबे हाई कोर्ट ने दोषी करार दिया था उन्हे राज्य सरकार शरण दे रही है। इस मामले की अगली सुनवाई 1 जनवरी को होगी।
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