क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

#100Women: 'हां, मैं गर्भनिरोध का इस्तेमाल करती हूं'

बीबीसी की ख़ास सिरीज़ #100Women में पढ़िेए बिहार की एक महिला की कहानी.

By सरोज सिंह - बीबीसी संवाददाता
Google Oneindia News

"हां, मैं गर्भनिरोध का इस्तेमाल करती हूं. माहवारी के दौरान लाल रंग की गोली लेती हूं और ख़त्म होने के बाद दूसरे रंग की. इसका कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं होता है."

ये दिल्ली की किसी महिला के शब्द नहीं बल्कि बिहार की स्त्री के बोल हैं.

गया ज़िले के बाराचट्टी गांव में रहने वाली निरमा देवी के ये शब्द सुनकर अक्सर गांव की दूसरी महिलाएं उनसे मुंह चुराती थीं.

शुरुआती दिनों में गांव में निरमा देवी की कोई सहेली नहीं थी. लेकिन निरमा देवी ने इसकी कोई परवाह नहीं की. पति, सास और गांव वालों के साथ उन्होंने लगातार इन मुद्दों पर खुल कर बात करनी शुरू कर दी.

महिला जिसने कामयाबी के लिए अपना लुक बदल लिया

ब्लॉग: महमूद फ़ारूक़ी बलात्कार मामला और 'सहमति' का सवाल

बिहार है सबसे पिछड़ा राज्य

बिहार जैसे राज्य के लिए ये बात चौंकाने वाली है. भारत के 'नेशनल हेल्थ मिशन' के आंकड़ों की बाते करें तो बिहार की महिलाओं में बच्चों को जन्म देने की दर 3.4 है.

यानी बिहार की हर महिला औसतन तीन से ज़्यादा बच्चों को जन्म देती है, जो देश में सबसे ज़्यादा है. भारत में बच्चों को जन्म देने की राष्ट्रीय दर 2.2 है यानी भारत की हर औरत दो बच्चों को जन्म देती है.

इन आंकड़ों का सीधा संबंध गर्भनिरोधकों के इस्तेमाल से है और इस मामले में बिहार देश का सबसे पिछड़ा राज्य है.

इस राज्य में गर्भनिरोध पर बात केवल बंद कमरे में, रात के अंधेरे में, दो लोगों के बीच ही होती है. सुबह के उजाले में, भरी सभा में महिलाओं के बीच ऐसा करने की प्रेरणा निरमा देवी को टीवी सीरियल से मिली.

' मैं कुछ भी कर सकती हूं '

बात 2014 की है. हफ्ते में दो दिन दूरदर्शन पर टीवी सीरियल 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' आता था.

'मैं कुछ भी कर सकती हूं' की कहानी मुबंई की एक महिला डॉक्टर स्नेहा की थी, जो अपने गांव (उत्तर भारत के काल्पनिक गांव) जाकर दूर-दराज़ के इलाकों में रहने वाली महिलाओं के स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों पर उन्हें जागरूक करती थी.

निरमा इस सीरियल की उस महिला डॉक्टर में ख़ुद को देखने लगी.

निरमा कहती हैं, "इस सीरियल के एक एपिसोड में लगातार तीन बच्चे पैदा करने के बाद एक महिला चौथे गर्भ के समय दम तोड़ देती है. तभी मैंने फ़ैसला कर लिया कि मैं भी डॉक्टर स्नेहा की तरह असल ज़िंदगी में दूसरी महिलाओं के साथ ऐसा नहीं होने दूंगी."

बच्चों के बीच उम्र का सही अंतर

नतीजा ये कि अब गांव की 20 दूसरी औरतों के साथ मिल कर निरमा देवी स्नेहा क्लब चलाती है.

ये क्लब गर्भनिरोध के अलग-अलग तरीक़ों पर लोगों में जागरुकता फैलाता है. 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' सीरियल दो साल तक दूरदर्शन पर प्रसारित किया गया.

इस सीरियल को 'पॉपुलेशन फ़ाउंडेशन ऑ़फ इंडिया' नाम की गैर-सरकारी संस्था ने तैयार किया.

परिवार में महिलाओं के हर फ़ैसले में भागीदारी, बच्चों में अंतर, गर्भनिरोध के तरीक़ों पर उनकी सहमति जैसे मुद्दों पर इस सीरियल में न सिर्फ़ बात की गई बल्कि समाधान भी सुझाए गए.

निरमा देवी की पहल से गया ज़िले के बाराचट्टी और उसके आसपास के गांवों में तक़रीबन 200 महिलाएं अपने बच्चों के बीच उम्र का सही अंतर कर पाई हैं.

सुरक्षित प्रसव

2007 में निरमा देवी बाराचट्टी गांव में ब्याह कर आई थीं. तब वो महज़ 18 साल की थीं. शादी के एक साल बाद उन्होंने बेटे को जन्म दिया.

फिर दूसरे साल से ही निरमा देवी की सास उन पर दूसरा बच्चा पैदा करने के लिए दबाव बनाने लगीं. तभी निरमा देवी की मुलाकात पूनम से हुई.

पूनम बतौर आशा वर्कर गया के बाराचट्टी गांव में काम करती थीं.

पूनम से निरमा देवी ने पहली बार बच्चों में अंतर करने के लिए माला-डी नाम की गर्भनिरोधक गोली का नाम सुना.

आशा वर्कर मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य महिला कार्यकर्ता होती हैं जो गांव में महिलाओं के सुरक्षित प्रसव और बच्चे के सुरक्षित जन्म के तरीके और उपायों को बताने और जागरूकता फैलाने का काम करती हैं.

पति को आती थी शर्म

निरमा देवी के मुताबिक पहली बार जब पति से माला डी ख़रीद कर लाने को कहा तो पति ने कहा, "तुमको बच्चे में अंतर करना है तो करो, मुझे उससे कोई दिक्कत नहीं, लेकिन माला डी मैं नहीं ख़रीदने नहीं जाऊंगा. मुझे शर्म आती है."

निरमा देवी को शुरुआत के कुछ साल तो पति से गर्भनिरोधक गोली ख़रीदने में मदद नहीं मिली, लेकिन बार-बार कहने पर पति ने सरकारी स्वास्थ्य केंद्र ले जा कर उनका कार्ड बनवा दिया, जिसके बाद गर्भनिरोधक गोली ख़रीदने का झंझट ही ख़त्म हो गया.

2016 में जारी डब्लूएचओ के आंकड़ों के मुताबिक़ भारत में बच्चा पैदा करने के दौरान हर घंटे पांच महिलाओं की मौत होती है.

भारत में गर्भनिरोध के उपाय
BBC
भारत में गर्भनिरोध के उपाय

जागरूकता की कमी

इन आंकड़ों का सीधा संबंध गर्भनिरोधकों के इस्तेमाल से है. लेकिन इस्तेमाल करने में आसान अस्थायी गर्भधारण के उपायों पर भारत में आज भी जागरूकता की कमी है.

आंकड़ों से स्पष्ट है कि भारत में बच्चा पैदा न करना और उनमें अंतर के लिए ज़्यादातर उपाय महिलाएं ही करती हैं. भारतीय पुरुष की इसमें भागीदारी बहुत कम है.

निरमा देवी आज अपने स्तर पर यही बदलने की कोशिश कर रही हैं.

आज अपने बेटे और बेटी दोनों से इन तरीकों के बारे में खुल कर बात करती हैं ताकि जब उनका परिवार हो, तब दोनों न सिर्फ़ अपनी ज़िम्मेदारी समझ सकें बल्कि उसे पूरी तरह निभा भी सकें.

गर्भनिरोध के तरीक़े
BBC
गर्भनिरोध के तरीक़े

100 महिलाएं क्या हैं?

बीबीसी हर साल पूरी दुनिया की प्रभावशाली और प्रेरणादायक महिलाओं की कहानियां दुनिया को बताती है. इस साल महिलाओं को शिक्षा, सार्वजनिक स्थानों पर शोषण और खेलों में लैंगिक भेदभाव की बंदिशें तोड़ने का मौका दिया जाएगा.

आपकी मदद से ये महिलाएं असल ज़िंदग़ी की समस्याओं के समाधान निकाल रही हैं और हम चाहते हैं कि आप अपने विचारों के साथ इनके इस सफ़र में शामिल हों.

100Women सिरीज़ से जुड़ी बातें जानने और हमसे सोशल मीडिया पर जुड़ने के लिए आप हमारे फेसबुक , इंस्टाग्राम और ट्विटर पेज को लाइक कर सकते हैं. साथ ही इस सिरीज़ से जुड़ी कोई भी बात जानने के लिए सोशल मीडिया पर #100Women इस्तेमाल करें.

100 महिलाएं
BBC
100 महिलाएं
BBC Hindi
Comments
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
English summary
bihar woman Yes, I use contraception
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X