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बिहारः ख़ुद के पकड़वा विवाह के ख़िलाफ़ ऐसे लड़ा यह युवक

यह संभवतः पहला ऐसा फ़ैसला है जिसमें कोर्ट ने पकड़वा विवाह को अमान्य करार दिया है. कोर्ट का फ़ैसला आने के बाद विनोद कहते हैं, "लोगों के लिए अंदाज़ा लगा पाना मुश्किल है कि मेरे और मेरे परिवार के लिए ये दो साल कितने परेशानी देने वाले थे. लड़की वाले लगातार धमकी दे रहे हैं. वो कहते हैं कि तुम्हें लड़की को रखना होगा, वरना नतीजा भुगतना पड़ेगा."

By सीटू तिवारी
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पकड़वा विवाह
Seetu Tiwari/BBC
पकड़वा विवाह

"ये तो कोर्ट का शुक्र मनाइए जिससे कुछ राहत मिली, नहीं तो मेरा जीना मुश्किल हो गया था. पुलिस भी इस मामले में मिली हुई है."

"स्थानीय थाने ने वीडियो वायरल होने के बाद मुझे बचाया था और 16 घंटे तक थाने में बैठाकर रखा, लेकिन एफ़आईआर नहीं लिखी. उलटे पुलिस मुझ पर दबाव डालती रही कि मैं ये शादी मान लूं. क्या पुलिस का यही काम है?"

29 साल के विनोद कुमार की आवाज़ में राहत और ग़ुस्सा, दोनों के अहसास गुंथे हुए थे. राहत उन्हें कोर्ट के फ़ैसले से मिली थी और ग़ुस्सा उनका बिहार पुलिस पर था.

पेशे से इंजीनियर विनोद कुमार की जबरन शादी का वीडियो साल 2017 के दिसंबर महीने में सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था.

वीडियो में 03 दिसंबर 2017 को विनोद कुमार की डरा-धमकाकर शादी करवाई जा रही थी. विनोद उसमें रोते हुए, शादी की रस्मों को निभाने से इनकार करते हुए देखे जा सकते थे.

विनोद ने इस शादी को मानने से इनकार कर दिया था. उन्होंने पटना के परिवार न्यायालय में शादी की वैधता को चुनौती दी, जिस पर मई 2019 में प्रिंसिपल जज कृष्ण बिहारी पाण्डेय ने फ़ैसला देते हुए शादी को अमान्य क़रार दिया.

पकड़वा विवाह
Video Grab
पकड़वा विवाह

लड़की के परिवार से मिल रही धमकी

कोर्ट का फ़ैसला आने के बाद विनोद कहते हैं, "लोगों के लिए अंदाज़ा लगा पाना मुश्किल है कि मेरे और मेरे परिवार के लिए ये दो साल कितने परेशानी देने वाले थे. लड़की वाले लगातार धमकी दे रहे हैं. वो कहते हैं कि तुम्हें लड़की को रखना होगा, वरना नतीजा भुगतना पड़ेगा."

कोर्ट में शादी की वैधता को चुनौती देने के अलावा विनोद ने आपराधिक मुक़दमा भी दर्ज किया था. वो बताते है, "इसमें मैंने लड़की के भाई, बहनोई समेत परिवार के 8 लोगों और 2 पुलिसवालों को, जिन्होंने मेरी एफ़आईआर नहीं लिखी थी, उनको आरोपी बनाया है."

क्या है पकड़वा या 'पकड़ौआ' विवाह?

विनोद की शादी जिस तरह से हुई, वो बिहार में बहुत प्रचलित है. बिहार में इसे 'पकड़वा या पकड़ौआ विवाह' या फिर फ़ोर्स्ड मैरिज भी कहते हैं.

इसमें लड़के का अपहरण करके मार-पीट और डरा-धमकाकर उसकी शादी करवा दी जाती है. 80 के दशक में उत्तरी बिहार में विशेष तौर पर बेगूसराय ज़िले में इसका बहुत प्रचलन था. बेगूसराय में बाकायदा कई गिरोह ऐसी शादियां करवाने के लिए बने थे.

इस शादी में इंटरमीडिएट और मैट्रिक की परीक्षा देने वाले नाबालिग लड़कों से लेकर नौकरी करने वाले नौजवानों का अपहरण किया जाता था. बाद में मार-पीट के बल पर या डरा-धमकाकर शादी करा दी जाती थी.

इस तरह की शादियों में शामिल लोग मानते हैं कि इन पकड़वा शादियों को कुछ साल के इंतज़ार के बाद मान्यता मिल जाती है.

सहरसा की रामरति देवी बताती हैं, "10 साल पहले बहु के घरवाले बेटे का अपहरण कर ले गए थे. बहुत मारा पीटा. मेरा ज़रा भी मन नहीं था कि हम लड़की(बहु) घर लाएं. लेकिन फिर समाज बैठा, पंचायती हुई. बहु को घर नहीं लाते तो बेटे की शादी समाज में नहीं होती और यहां तक कि उसकी छोटी बहन की शादी में भी समस्या पैदा हो जाती."

पकड़वा विवाह
Sujeet Kumar/BBC
पकड़वा विवाह

'फोर्स्ड मैरिज' के आंकड़े

बिहार पुलिस मुख्यालय के आंकड़े देखें तो फोर्स्ड मैरिज यानी जबरन शादी के आंकड़े लगातार बढ़ रहे है. इनमें वो आंकड़े शामिल नहीं हैं जो जोड़े प्रेम-प्रसंग में घर से भागते हैं.

साल 2018 में फोर्स्ड मैरिज के 4301 मामले दर्ज़ हुए. जबकि मई 2019 तक 2005 मामले दर्ज़ हो चुके हैं. इससे पहले के सालों में भी देखें तो फोर्स्ड मैरिज के मामले लगातार बढ़ रहे हैं.

पकड़वा विवाह के शिकार विनोद उन गिने चुने लोगों में से हैं जिन्होंने इस तरह की शादी को अमान्य घोषित करवाने के लिए लड़ाई लड़ी.

जानकारों की मानें तो पकड़वा शादी को अमान्य करार देने का यह संभवतः पहला फ़ैसला है. हालांकि इस बारे में कोई ठोस जानकारी नहीं है.

पटना के परिवार न्यायालय में 20 साल से प्रैक्टिस कर रहीं अधिवक्ता विभा कुमारी बताती हैं, "पकड़वा विवाह में शादी को अमान्य घोषित करवाने के मामले बहुत ही कम आते हैं. वो रेयर हैं. बाकी नपुंसकता, कोई गंभीर बीमारी, शादी के लिए किसी और को दिखाना, शादी किसी और से कर देने के मामले खूब आते हैं."

"पकड़वा विवाह के इस मामले में कोर्ट फ़ैसला ले पाई क्योंकि अपील करने वाले के पास मजबूत सबूत था. पकड़वा विवाह के मामले में आपकी शादी जबरन करवाई गई है, ये साबित करने की ज़िम्मेदारी लड़के के ऊपर होती है."

पकड़वा विवाह
Sujeet Kumar/BBC
पकड़वा विवाह

विनोद के अलावा और भी लड़ रहे है ये 'लड़ाई'

शेखपुरा ज़िले के रवीन्द्र कुमार झा ने बताया कि उनके 15 साल के बेटे की शादी साल 2013 में जबरन 11 साल की बच्ची से करा दी गई थी. रवीन्द्र कुमार झा का कहना है कि उन्होंने इस शादी मानने से इनकार कर दिया तो नवादा ज़िले के लड़की वालों ने उनके परिवार पर दहेज प्रताड़ना (498 A) का केस कर दिया.

इस मामले की वकील सुधा अम्बष्ठ बताती हैं, "इस मामले में मैंने एंटीसिपेटरी बेल दिलवाई और बाद में शादी को अमान्य घोषित करवाने के लिए ये मामला शेखपुरा फैमिला कोर्ट गया जहां कुछ तकनीकी दिक्कतों के चलते साल 2018 में इसे जज ने ख़ारिज कर दिया."

पकड़वा विवाह
Sujeet Kumar/BBC
पकड़वा विवाह

पूरा परिवार झेलता है 'पकड़वा' का दंश

पकड़वा विवाह का दंश पूरा परिवार झेलता है. बोकारो में नौकरी कर रहे विनोद का परिवार पटना में रहता है. 4 भाई-बहन वाले इस परिवार में विनोद और उसकी छोटी बहन की शादी होनी बाकी है.

विनोद बताते हैं, "छोटी बहन की शादी के लिए परेशान है, लेकिन शादी नहीं हो रही. जहां जाते हैं वहां सब कहते हैं कि इनका परिवार मुकदमे में फंसा हुआ है तो फिर वहां शादी कैसे कर सकते हैं."

निश्चित तौर पर कोर्ट के इस फ़ैसले ने विनोद की ज़िंदगी को आगे बढ़ाने की 'क़ानूनी इजाज़त' दे दी है.

BBC Hindi
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English summary
Bihar: This young man fought against his betrayed marriage.
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