चमकी बुखार से पीड़ितों से मिलने मुजफ्फरपुर जाएंगे तेजस्वी यादव और तेज प्रताप
पटना। बिहार के मुजफ्फरपुर में जिस तरह से चमकी बुखार यानि आईएस की वजह से बड़ी संख्या में बच्चों की मौत हुई है, उसके बाद आज लालू प्रसाद यादव के दोनों बेटे तेजस्वी यादव और तेज प्रताप याद मुजफ्फरपुर जाएंगे। सूत्रों की मानें तो दोनों ही नेता आज यहां स्वास्थ्य व्यवस्था का हाल जानने के लिए पहुंचेंगे। बता दें कि आज से बिहार विधानमंडल का मानसून सत्र भी शुरू हो रहा है। ऐसे में सत्र में भाग लेने से पहले दोनों नेता आज पटना पहुंचेंगे। सत्र में हिस्सा लेने के बाद दोनों ही नेता मुजफ्फरपुर के उन तमाम अस्पतालों का दौरा करेंगे जहां एईएस से पीड़ित बच्चों का इलाज हो रहा है।
नेता
प्रतिपक्ष
को
लेकर
था
असमंजस
बता
दें
कि
पिछले
कुछ
दिनों
से
तेजस्वी
यादव
लापता
थे,
ऐसे
में
पार्टी
के
भीतर
इस
बात
की
चिंता
थी
कि
मानसून
सत्र
में
सदन
में
विपक्ष
की
अगुवाई
कौन
करेगा।
तेजस्वी
यादव
लगातार
सुर्खियों
में
रहने
के
लिए
जाने
जाते
हैं,
वह
सरकार
पर
तीखे
हमले
के
लिए
जाने
जाते
हैं।
लेकिन
जिस
तरह
से
वह
पिछले
कुछ
दिनों
से
लापता
था,
उसके
बाद
से
इस
बात
को
लेकर
सवाल
खड़ा
किया
जा
रहा
था
कि
आखिर
तेजस्वी
यादव
कहां
हैं।
यहां
तक
तैयारी
की
जाने
लगी
थी
कि
अगर
मानसून
सत्र
तक
तेजस्वी
यादव
वापस
नहीं
आते
हैं
तो
तेज
प्रताप
को
नेता
प्रतिपक्ष
बनाया
जाएगा।
नीतीश
कुमार
पर
बोला
हमला
इससे
पहले
चमकी
बुखार
से
मरने
वाले
बच्चों
को
लेकर
तेज
प्रताप
ने
बिहार
के
मुख्यमंत्री
पर
तीखा
हमला
बोला
था।
तेजप्रताप
ने
ट्वीट
करके
कहा
कि
नीतीश
बाबू
राजनीति
बाद
में
कर
लेंगे,
अभी
बच्चों
की
जिंदगी
ज्यादा
जरूरी
है।
ज
प्रताप
यादव
ने
ट्वीट
करके
लिखा
सुशासन
बाबू,
माना
कि
ये
5-10
वर्ष
के
मासूम
बच्चे
किसी
दल
के
वोटर
नहीं
हैं
लेकिन
क्या
इन
सैकड़ो
मासूमों
की
जान
आपके
सुशासन
की
जिम्मेदारी
नहीं
हैं
?
नीतीश
बाबू
हम
राजनीति
बाद
में
कर
लेंगे
अभी
इन
मासूमों
की
जिंदगी
ज्यादा
जरूरी
है.
कुछ
भी
कीजिए
इन
बच्चों
को
बचा
लीजिए।
बता
दें
कि
पिछले
कुछ
दिनों
से
बिहार
में
इंसेफिलाइटिस
सिंड्रोम
का
कहर
बरपा
हुआ
है,
जिसकी
वजह
से
100
से
अधिक
बच्चों
की
मौत
हो
चुकी
है।
चमकी बुखार के लक्षण
'चमकी बुखार' में बच्चे को लगातार तेज बुखार हमेशा ही रहता है, इस दौरान बच्चे के शरीर में ऐंठन होती है, दांत किटकिटाने लगते हैं, आंखें लाल हो जाती हैं, कमज़ोरी की वजह से बच्चा बार-बार बेहोश होता है, शरीर सुन्न हो जाता है, कई मौकों पर ऐसा भी होता है कि अगर बच्चों को चिकोटी काटेंगे तो उसे पता भी नहीं चलेगा, जबकि आम बुखार में ऐसा नहीं होता है, इस बुखार में बच्चा हिल-डुल भी नहीं पाता है, हालांकि शरीर में किसी भी प्रकार की सूजन नहीं होती है।
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