प्रशांत किशोर के खिलाफ सुशील मोदी के तेवर नरम, बोले- जो बीत गई सो बात गई
पटना। नागरिकता संशोधन कानून का जदयू द्वारा समर्थन किए जाने के बाद से ही पार्टी के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। प्रशांत किशोर ने आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर सीट शेयरिंग का फॉर्मूला भी दे दिया था, जिसके बाद डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने उनपर पलटवार किया था। दोनों तरफ से जारी जुबानी जंग के बाद सीएम नीतीश कुमार को बयान देना पड़ा था। वहीं, नए साल में सुशील मोदी ने प्रशांत किशोर से तल्खी कम होने की उम्मीद जताई है।
सुशील मोदी के तेवर हुए नरम
नए साल के मौके पर डिप्टी सीएम और बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुशील मोदी ने उम्मीद जताई कि बिहार में लोग उसी तरीके के उत्साह से वोट करेंगे, जैसा उन्होंने 2019 के लोकसभा चुनाव में दिखाया था। तब एनडीए को 40 में से 39 सीटों पर जीत मिली थी। बीजेपी नेता ने कहा कि नया साल बिहार के लोगों के लिए शांति और समृद्धि लेकर आए, लोग वैसा ही आशीर्वाद एनडीए को दें, जैसा पिछले आम चुनाव में दिया था। उन्होंने यह भी उम्मीद जताई कि एनडीए खेमे में कटुता, द्वेष और अविश्वास खत्म होंगे।
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जो बीत गई सो बात गई- सुशील मोदी
बता दें कि बिहार में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं। पिछले दिनों प्रशांत किशोर के दिए बयान के बाद से बिहार में सियासत गरमाई रही है। एक इंटरव्यू के दौरान प्रशांत किशोर ने कहा था कि जेडीयू को बीजेपी से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ना चाहिए। जेडीयू उपाध्यक्ष ने कहा था कि आगामी चुनाव सीएम नीतीश कुमार के चेहरे पर ही लड़ा जाएगा। उनके इस बयान के बाद बीजेपी खेमे से भी बयानबाजी तेज हो गई। वहीं, प्रशांत किशोर और उनके बीच तल्खी के बारे में पूछे जाने पर सुशील मोदी ने कहा, 'जो बीत गई सो बात गई।'
प्रशांत किशोर के बयान के बाद गरमाई थी सियासत
इसके पहले, सुशील मोदी के बयान पर प्रशांत किशोर ने पलटवार किया था। उन्होंने कहा था, 'बिहार में नीतीश कुमार का नेतृत्व और जेडीयू की सबसे बड़े दल की भूमिका बिहार की जनता ने तय किया है, किसी दूसरी पार्टी के नेता या शीर्ष नेतृत्व ने नहीं। 2015 में हार के बाद भी परिस्थितिवश डिप्टी सीएम बनने वाले सुशील मोदी से राजनीतिक मर्यादा और विचारधारा पर व्याख्यान सुनना सुखद अनुभव है।'