छह दिन में दो बार सुपर-30 देखने वाले बिहार के डिप्टी सीएम बोले, बाढ़ पीड़ितों को मुझे थोड़ी तैरकर बचाना है
नई दिल्ली- बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी को बाढ़ग्रस्त राज्य में फिल्म सुपर-30 देखने में ज्यादा वक्त बिताने पर कोई पछतावा नहीं है। सुशील मोदी ने कहा है कि उन्हें पता है कि फिल्म देखने के लिए उनकी आलोचना हो रही है और मजाक भी उड़ाया जा रहा है, लेकिन उन्हें इसकी परवाह नहीं है। बाढ़ पीड़ितों तक मदद पहुंचाने को प्राथमिकता दिए जाने के सवाल पर उनकी दलील है कि उन्हें खुद बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में राहत का काम देखने के लिए थोड़े ही जाना है। इसलिए, वे फिल्म देखने को बुरा नहीं मानते और खासकर इसलिए भी क्योंकि यह फिल्म बिहार के गौरव से जुड़ी हुई है।
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बाढ़ पीड़ितों के पास मुझे थोड़े ही जाना है- सुशील मोदी
टाइम्स नाउ की खबरों के मुताबिक बिहार के डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने बाढ़ग्रस्त बिहार में सुपर-30 फिल्म देखने के आरोपों पर कहा कि, उन्हें पता है कि 'मुझे फिल्म देखने के कारण गालियां भी पड़ी हैं। एक साथ कई काम हो सकता है और बाढ़ का पूरा इंतजाम कर रहे हैं। अगर कोई फिल्म बिहार पर बनी है, जिसके कारण बिहार का मान-सम्मान बढ़ा है..... अगर उस फिल्म को नहीं देखने जाते तो उस फिल्म का अपमान होता, उन कलाकारों का अपमान होता।' मोदी ने न्यूज चैनल पर तंज कसा कि उसपर लोगों से उनके फिल्म देखने को लेकर यह प्रतिक्रिया मांगी गई थी कि उन्होंने सही किया या गलत किया.....इसपर ज्यादातर लोगों ने कहा कि गलत किया। मोदी ने कहा कि लोग ऐसे बोल रहे थे 'जैसे कि मुझे ही जाकर बाढ़ प्रभावित इलाकों में बैठना था।' उपमुख्यमंत्री ने कहा कि 'मुख्यमंत्री ने 3-3 बार बाढ़ का हवाई सर्वेक्षण किया। लगातार हम एक-एक मिनट पर बाढ़ की मॉनिटरिंग कर रहे हैं.....लेकिन मजाक उड़ाया जा रहा है...उनकी मुझे परवाह नहीं है।' अपने बचाव में सुशील मोदी ने आनंद कुमार का भी हवाला दिया है, जिनके संस्थान को लेकर सुपर-30 फिल्म बनाई गई है। मोदी ने कहा कि 'आनंद कुमार का कितना मजाक उड़ाया गया...... मैं इसकी परवाह नहीं करता। मुझे मालूम था कि मजाक होगा। इसलिए मैंने भाजपा के विधायकों और मंत्रियों से भी फिल्म देखने को कहा....... और कल मैंने अपने विधायकों के लिए पूरा हॉल बुक कराया था।' कुल मिलाकर सुशील मोदी ने ये दलील रखी कि उन्हें अपनी हरकत पर कोई पछतावा नहीं, बल्कि अपने किये पर गर्व है।
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डिप्टी सीएम के फिल्म देखने पर सियासी संग्राम
उधर बिहार में बाढ़ के बीच उपमुख्यमंत्री और बाकी मंत्रियों-विधायकों का फिल्म देखने का मुद्दा पहले ही सियासी शक्ल अख्तियार कर चुका है। राष्ट्रीय जनता दल ने एक ट्वीट में सुशील मोदी पर सीधा हमला किया था। पार्टी ने लिखा, "बिहार में भयावह बाढ़ के चलते लोग त्राहिमाम कर रहे हैं और बेशर्म उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी बीजेपी के सभी विधायकों, मंत्रियों के साथ पटना में फिल्म देख रहे हैं। पत्रकारों के पूछने पर नंगे विधायक/मंत्री कह रहे हैं, बाढ़ आयी तो क्या खाना-पीना और फिल्म देखना छोड़ दें? जनता मरे तो मरे.." एक और ट्वीट में आरजेडी ने लिखा है, "अश्लील और तुच्छ सोच के धनी सुशील मोदी जैसे जनादेश चोर तब कहां सो रहे थे, जब उनकी पार्टी के जातिवादी गुंडे-मवाली अतिपिछड़े के बेटे आनंद कुमार के जीवन पर बनने वाली फिल्म को रोकने के हथकंडे अपना रहे थे। तब तेजस्वी जी उनके साथ खड़े जनादेश चोरों को ललकार रहे थे।"
बिहार में बाढ़ से 55 लाख लोग प्रभावित
गौरतलब है कि बिहार में बाढ़ के चलते अबतक 78 लोगों की मौत हो चुकी है और 55 लाख लोग इससे बुरी तरह प्रभावित हैं। इस समय बिहार के सीतामढ़ी, मधुबनी, अररिया, दरभंगा, पूर्णिया, किशनगंज, सुपौल और पूर्वी चंपारण जैसे जिलों के लोग बाढ़ के कारण बेहाल हैं। लाखों लोग राहत कैंपों में रह रहे हैं, लेकिन ऐसे पीड़ितों की भी कमी नहीं है, जिन तक सरकार के दावों के मुताबिक राहत नहीं पहुंच पाया है। ऐसे में राज्य के उपमुख्यमंत्री का सिर्फ एक फिल्म पर इतना ध्यान देना सवाल जरूर खड़े करता है। क्योंकि, फिल्म तो बाद में भी देखी जा सकती है, लेकिन बाढ़ पीड़ितों तक अगर समय पर मदद नहीं पहुंची तो उनकी जिंदगी तबाह हो सकती है।
सुपर-30 कर रही है कमाई
वैसे गरीब बच्चों को आईआईटी प्रवेश परीक्षा की तैयारी कराने वाले बिहार के आनंद कुमार के जीवन पर बनी फिल्म सुपर-30 बॉक्स ऑफिस पर अच्छी कमाई कर रही है। ऋतिक रोशन की भी भूमिका वाली इस फिल्म ने 7 दिनों में ही 75 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमीई कर ली। विकास बहल की डायरेक्शन में बनी इस फिल्म पर से बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने बिहार में एंटरटेंमेंट टैक्स हटाने का ऐलान कर रखा है।
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