इंसेफेलाइटिस: नीतीश को कभी पुचकार तो कभी फटकार, क्या है राजद का सियासी खेल ?
नई दिल्ली। बिहार में चमकी बुखार का असर अब नीतीश सरकार पर पड़ने लगा है। विधानसभा में यह मुद्दा गूंज रहा है। विपक्ष स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय से इस्तीफा मांग रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चमकी से बच्चों की मौत को शर्मिंदगी बताया है। राबड़ी देवी ने प्रधानमंत्री मोदी के बयान का समर्थन कर सियासी सरगर्मी और बढ़ा दी है। डेढ़ सौ अधिक बच्चों की मौत हृदय विदारक घटना है। इस मामले में नीतीश सरकार की जम कर फजीहत हो रही है। क्या प्रधानमंत्री मोदी ने नीतीश सरकार पर दबाव बनाने के लिए चमकी बुखार पर बयान दिया है ? नरेन्द्र मोदी को पानी पी-पी कर कोसने वाली राबड़ी देवी ने आखिर क्यों उनके बयान का समर्थन किया ? क्या राजद, चमकी बुखार से जदयू- भाजपा की सेहत बिगाड़ना चाहता है ? अब तो करीब एक महीने से गायब तेजस्वी भी पटना लौट आये हैं। सरकार के खिलाफ मोर्चाबंदी तेज हो गयी है।
राजद में जोश
चमकी बुखार ने पिछले दो महीने में करीब 150 बच्चों को मौत की नींद सुला दिया है। बिना माथ मालिक का विपक्ष इस दौरान बिल्कुल ढीला पड़ा रहा। लेकिन जैसे ही बिहार विधानमंमडल का सत्र शुरू हुआ, लचर-पचर राजद में जान आ गयी। राजद इस मुद्दे को दोधारी तलवार बनाना चाहता है। 'चमकी' पर भाजपा और जदयू को लड़ाओ और अपनी खोयी हुई जमीन फिर पाओ। इस रणनीति के तहत राबड़ी देवी ने पहले नरेन्द्र का समर्थन किया। राबड़ी के बयान पर जब जदयू में खलबली मची तो अब राजद ने नीतीश के लिए नरम रुख अपना लिया। बच्चों की मौत पर अब राजद स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय से इस्तीफा मांग रहा है। नीतीश सरकार में मंगल पांडेय़ भाजपा कोटे के मंत्री हैं। राजद को मालूम है कि नीतीश के लिए ये काम आसान नहीं है। खबरों के मुताबिक नीतीश ने सरकार की छवि को बचाने के लिए मंगल से नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देने को कहा था। लेकिन भाजपा ने वीटो लगा दिया। नीतीश ने मंगल पांडेय को बाद में एडजस्ट करने का भरोसा भी दिया था फिर भी भाजपा राजी नहीं हुई। भाजपा के इस रवैये से नीतीश नाखुश बताये जा रहे हैं। इस लिए राजद मौका देख कर बम के पलीते को चिनगारी दिखा रहा है।
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नीतीश पर नरम, भाजपा पर गरम
भाजपा और जदयू में फूट डालने के लिए ही राबड़ी देवी ने पीएम मोदी के बयान को कैच किया था। इंसेफेलाइटिस से बच्चों की मौत को शर्मिंदगी बताना, मोदी का नीतीश सरकार पर बड़ा हमला था। जदयू इससे असहज हो गया था। सियासी गलियारे में यह चर्चा है कि प्रशांत किशोर- ममता बनर्जी प्रकरण से खफा भाजपा ने नीतीश को आईना दिखाया है। पिछले कुछ समय से भाजपा और जदयू में अंदर ही अंदर घात-प्रतिघात का दौर चल रहा है। राजद इसका फायदा उठाना चाहता है। बिहार विधानसभा में चमकी पर चर्चा के दौरान राजद के अब्दुल बारी सिद्दीकी ने नीतीश की तरफदारी की और कहा कि इस मामले में उनको टारगेट किया जा रहा है। बच्चों की मौत के लिए मंगल पांडेय और सुशील मोदी ज्यादा जिम्मेवार हैं। इसके लिए केन्द्र सरकार भी दोषी है लेकिन जानबूझ कर सिर्फ नीतीश कुमार को बदनाम किया जा रहा है। कांग्रेस भी नीतीश पर नरम रही। उसने भी मंगल पांडेय को ही इसके लिए जवाबदेह बताया। स्वास्थ्य मंत्री होने के नाते उन्हें शुरू में ही सक्रिय होना चाहिए था लेकिन अब सुनियोजित तरीके से नीतीश कुमार को टारगेट किया जा रहा है। जदयू को भाजपा के खिलाफ भड़काने के लिए विपक्ष हरमुमकिन कोशिश में है।
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चमकी पर राजद और कांग्रेस अलग-अलग
लोकसभा चुनाव में करारी हार के राजद के कई नेता नीतीश की तरफ उम्मीद भरी नजरों से देख रहे हैं। राजद के मन में ये बात कहीं न कहीं बैठी हुई है कि एक दिन नीतीश की राह उनसे जरूर मिलेगी। इस लिए इंसेफेलाइटिस के मुद्दे पर सोच समझ कर नरमी दिखायी जा रही है। कांग्रेस ने राजद के सियासी खेल को शायद पहचान लिया है। इस लिए उसने चमकी पर अपने विरोध प्रदर्शन को राजद से अलग कर लिया। बिहार विधान परिषद के मुख्य द्वार के बाहर जब राजद के सदस्यों ने चमकी बुखार पर बैनर पोस्टर के साथ विरोध जताया तो कांग्रेस उससे अलग रही। कांग्रेस के विधान पार्षदों ने अलग विरोध जताया और बच्चों की मौत के लिए सीधे-सीधे नीतीश सरकार को जिम्मेवार ठहराया।