बिहार चुनाव: तेजस्वी के लिए महागठबंधन संभालना भारी, CPI-ML ने इन 30 सीटों की लिस्ट की जारी
नई दिल्ली-बिहार में महागठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री पद के दावेदार और लालू यादव के छोटे बेटे तेजस्वी यादव के लिए ग्रैंड एलायंस में सबको साथ लेकर चलना मुश्किल हो रहा है। कांग्रेस पहले से अड़ी हुई है और अब सीपीआई (एमएल) ने एकतरफा उन 30 सीटों के नाम जारी कर दिए हैं, जिसपर वह अपनी दावेदारी जता रही थी। उसने सभी 30 सीटों पर उम्मीदवार उतारने की घोषणा कर दी है। गौरतलब है कि हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के जीतनराम मांझी और आरएलएसपी के उपेंद्र कुशवाहा पहले ही तालमेल में दिक्कत के बाद महागठबंधन छोड़कर जा चुके हैं।
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महागठबंधन नहीं संभाल पा रहे तेजस्वी यादव ?
कांग्रेस और राजद के बीच सीटों के बंटवारे पर खींचतान चल ही रही थी कि अब सीपीआई (एमएल) ने 30 सीटों की लिस्ट जारी करके तेजस्वी यादव की शर्तों पर चलने से इनकार कर दिया है। पार्टी ने कह दिया है कि वह इन सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी। पार्टी के अनुसार राष्ट्रीय जनता दल ने उसे 20 सीटों का ऑफर दिया था। लेकिन, उसे संख्या से उतनी दिक्कत नहीं थी, जितने की उन सीटों से जिसपर कि वह चुनाव लड़ना चाहती है। सीपीआई (एमएल) के राज्य सचिव कुणाल ने कहा है कि आरजेडी के साथ सीटों के बंटवारे को लेकर कई दौर की बातचीत हुई। उनके मुताबिक, 'हम 20 सीटें स्वीकार करने के लिए तैयार थे, लेकिन आरजेडी की ओर से जो सीटें दी जा रही थीं उसमें पटना, औरंगाबाद, जहानाबाद, गया, बक्सर, नालंदा आदि की एक भी सीट नहीं थी। क्योंकि, पहले चरण के चुनाव के लिए नामांकन होने हैं, हमने फैसला किया है कि हम 30 सीटों पर अपने उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दें। '
सीपीआई (एमएल) ने 30 सीटों की लिस्ट जारी की
गौरतलब
है
कि
सीपीआई
(एमएल)
जिन
इलाकों
में
अपने
लिए
आरजेडी
से
सीटें
मांग
रही
थी,
वो
ऐसे
इलाके
हैं,
जिसपर
उसका
दशकों
से
प्रभाव
रहा
है
और
उसका
अपना
एक
कैडर
आधारित
वोट
बैंक
है।
पार्टी
ने
जिन
30
सीटों
पर
दावा
ठोका
है
वे
हैं-
1.
तरारी
2.
अगिआंव
3.
जगदीशपुर
4.
संदेश
5.
आरा
6.
दरौली
7.
जीरादेई
8.
रघुनाथपुर
9.
बलरामपुर
10.
पालीगंज
11.
डेहरी
12.फुलवारीशरीफ
13.
काराकाट
14.
ओबरा
15.
अरवल
16.
घोषी
17.
सिकटा
18.
भोर
19.
कुर्था
20.
जहानाबाद
21.
हिलसा
22.
इस्लामपुर
23.
हायाघाट
24.
वारिसनगर
25.
ओराई
26.
गायघाट
27.
बेनीपट्टी
28.
शेरघाटी
29.
डुमरांव
30.
चैनपुर
कांग्रेस से भी आसानी से नहीं बन पा रही बात
उधर कांग्रेस के साथ भी सीटों को लेकर रस्साकशी खत्म नहीं हुई है। जानकारी के मुताबिक तेजस्वी यादव ने सबसे पुरानी पार्टी होने का दावा करने वाली कांग्रेस से कह दिया है कि उसे लड़ना है तो 58 सीटों से काम चलाए, लेकिन कांग्रेस 75 सीटों पर टकटकी लगाए बैठी है। ऊपर से वाल्मीकि नगर लोकसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में वह अपना एकाधिकार समझती है। जानकारी के मुताबिक कांग्रेस के सामने तेजस्वी ने एक प्रस्ताव दिया है कि वह चाहे तो 63 विधानसभा सीटों पर प्रत्याशी उतार ले, लेकिन फिर वाल्मीकि नगर लोकसभा सीट का मोह छोड़ दे। लेकिन, कांग्रेस को यह सौदा इसलिए मंजूर नहीं हो रहा, क्योंकि 2019 के लोकसभा चुनाव में उस सीट पर वही लड़ी थी। आरजेडी के नेता कांग्रेस को समझा रहे हैं कि उसे जमीनी हकीकत समझनी होगी।
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