बिहार: जानिए आखिर क्यों आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने मांगी माफी, बोले उस वक्त हम बच्चे थे
जानिए आखिर क्यों तेजस्वी यादव ने मांगी माफी, बोले उस वक्त हम बच्चे थे
पटना। बिहार में 2020 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज हो गई हैं। सभी राजनीतिक पार्टियां कोरोना महामारी के बीच जनता का वोट पाने के लिए नए-नए पैतरें अजमा रही हैं। बिहार की सत्ता पर काबिज नितीश कुमार की पार्टी जहां दोबारा राज्य में चुनाव जीतने का दावा कर रही वहीं कई वर्षों तक बिहार में राज कर चुकी पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव की आरजेडी पार्टी कुछ भी करके सत्ता में आने का सपना देख रही है। अब आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव जनता से माफी मांग रहे हैं।
RJD नेता तेजस्वी यादव ने गुरुवार को एक ट्वीट साक्षा किया जिसमें उन्होंने लिखा कि ठीक है 15 साल हम लोग सत्ता में रहे। पर हम तब सरकार नहीं थे हम तो छोटे थे। पर इससे कोई इनकार नहीं कर सकता कि लालू जी ने सामाजिक न्याय नहीं किया। उन 15 सालों में हमसे कोई भूल हुई हो तो हम उसके लिए भी माफी मांगते हैं।
ठीक है 15 साल हम लोग सत्ता में रहे। पर हम तब सरकार नहीं थे हम तो छोटे थे। पर इससे कोई इनकार नहीं कर सकता कि लालू जी ने सामाजिक न्याय नहीं किया। उन 15 सालों में हमसे कोई भूल हुई हो तो हम उसके लिए भी माफी मांगते हैं: RJD नेता तेजस्वी यादव pic.twitter.com/c5qv4WAStd
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 2, 2020
बता दें 2020 के चुनावी रण तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव के लिए उतना आसान नहीं होगा, क्योंकि 2015 में जो हालात थे वो कुछ और थे, अब के कुछ और हैं। 2015 में दोनों भाई अगर जीते तो लालू-नीतीश का करिश्मा था। अब नीतीश खिलाफ में हैं। लालू यादव जेल में हैं। राजद में असंतोष की आग धधक रही है। महुआ में तेजप्रताप तो राघोपुर में तेजस्वी के लिए अभी से ही चुनौतियों का पहाड़ खड़ा हो गया है। लालू यादव ने 2015 में बहुत अरमान से अपने पुत्रों को राजनीति मे लॉन्च किया था। बदले हुए हालात देख कर उनकी चिंता बढ़ गयी है। चर्चा के है कि तेजप्रताप यादव को महुआ में जीत का भरोसा नहीं है। इसलिए वे बख्तियारपुर शिफ्ट होना चाहते हैं। राघोपुर में लालू परिवार की जीत का आधार रहे उदय नाराय़ण राय ने अब तेजस्वी के खिलाफ ताल ठोक दी है। उदय राय के समर्थकों का कहना है कि जैसे 2010 में राबड़ी देवी हारी थीं वैसे ही 2020 में तेजस्वी भी नतीजा भुगतेंगे।
अप्रैल 2023 तक पटरी पर दौड़ेगी प्राइवेट ट्रेनें, जानिए कितनी फीसदी ट्रेनों का किया जा रहा निजीकरण