संदिग्ध दिमागी बुखार की वजह से बिहार के मुजफ्फरपुर में पिछले 48 घंटों में 36 बच्चों की मौत
नई दिल्ली। बिहार के मुजफ्फरपुर में इंसेफिलाइटिस यानि दिमागी बुखार की वजह से पिछले 48 घंटों में 36 बच्चों की मौत हो गई है। मुजफ्फरपुर में 133 बच्चों को दिमागी बुखार की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया। इन बच्चों में दिमागी बुखार के गंभीर लक्षण सामने आए हैं, जिसके बाद इन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीं डॉक्टरों का कहना है कि अधिकतर बच्चों की मौत बहुत हाइपोग्लीसेमिया यानि कम सुगर लेवल की वजह से हुई है।
15 वर्ष से कम बच्चों अधिक पीड़ित
श्री कृष्ण मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के मेडिकल सुप्रिटेंडेंट डॉक्टर एसके शाही ने बताया कि इस मामले की शोध की जरूरत है, लेकिन 90 फीसदी बच्चों की मौत हाइपोग्लीसेमिया की वजह से हुई है। प्राइवेट और सरकारी अस्पताल के अधिकतर वार्ड बच्चों से भरे हुए हैं, ये बच्चे अधिकतर ग्रामीण इलाकों के हैं। बता दें कि मुजफ्फरपुर में गर्मियों के मौसम में अधिकतर बच्चे जिनकी उम्र 15 वर्ष से कम है उन्हें दिमागी बुखार की शिकायत देखने को मिलते हैं।
दिमागी बुखार के लक्षण
बता दें कि दिमागी बुखार के तहत मरीज को बुखार आता है और उसकी मानसिक स्थिति में लगातार बदलाव देखने को मिलता है, वह भ्रम की अवस्था में रहता है, जुकाम की भी शिकायत देखने को मिलती है। जिस तरह से मुजफ्फरपुर में दिमागी बुखार के इतने मामले सामने आए हैं उसके बाद प्रशासन की मुश्किल बढ़ गई हैं। पिछले वर्ष दिमागी बुखार से मरने वाले मरीजों की तुलना करें तो यह बढ़ा है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि ऐसा लगता है कि लोगों में इसको लेकर जागरुकता नहीं है कि आखिर कैसे इस बीमारी से लड़ा जाए।
जागरुकता की जरूरत
नीतीश कुमार ने कहा कि ऐसा लगता है कि पिछले दो सालों में दिमागी बुखार की वजह से मरने वालों की संख्या में कम हुई है, लेकिन इस बार एक बार फिर से इसकी संख्या में इजाफा हुआ है। जागरूकता अभियान को सही से नही चलाया गया था। नीतीश कुमार ने लोगों के बीच इसे लेकर जागरूकता अभियान को आगे बढ़ाने की बात कही है। तमाम अस्पतालों का स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी दौरे कर रहे हैं और स्थिति का आंकलन कर रहे हैं।