बिहार, गुजरात और UP में कैश की भारी किल्लत, ATM पर लगे नो कैश के बोर्ड, नोटबंदी जैसे हालात
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नई दिल्ली। देश में एक बार फिर से नोटबंदी जैसे हालात बनने लगे हैं। कई राज्यों में कैश की भारी किल्लत देखने को मिल रही है। सबसे ज्यादा समस्या बिहार, उत्तर प्रदेश,मध्य प्रदेश और गुजरात में देखने को मिल रहा है। सबसे ज्यादा नकदी संकट बिहार में देखने को मिल रहा है। बिहार, गुजरात , मध्य प्रदेश और यूपी के कई राज्यों के एटीएम खाली हो गए हैं। एटीएम के बाहर NO CASH का बोर्ड लगा दिया गया है। लोग कैश की तलाश में एटीएम और बैंक के चक्कर काट रहे हैं। बैंक भी लोगों को ज्यादा कैश नहीं दे रहे हैं, जबकि शादी का सीजन चल रहा है। किसी के घर में शादी है तो किसी को अस्पताल का बिल भरना है। बावजूद इसके लोगों को कैश की भारी किल्लत झेलने पड़ रही है।
देश में फिर से नकदी संकट
नोटबंदी के बाद देश में जो हालात हुए थे वहीं हालात एक बार फिर से देखने को मिल रहे हैं। गुजरात, मध्यप्रदेश, यूपी और बिहार ऐसे राज्य हैं, जहां लोगों को कैश की भारी किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। एटीएम के बाहर लोगों की भारी भीड़ देखने को मिल रही है, जबकि बैंक लोगों को ज्यादा कैश नहीं दे रहे हैं। सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य बिहार है, जहां लोग भारी नकदी संकट से जूझ रहे हैं।
सीएम शिवराज ने लगाया साजिश का आरोप
देश में शुरू हुए नकदी संकट को लेकर मध्यप्रदेश मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने चौंकाने वाला बयान देते हुए इसे साजिश करार दिया। किसानों की सभा को संबोधित करने को दौरान सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि 2000 के नोट को साजिश के तहत चलन से गायब किया जा रहा है।
सीएम ने बुलाई बैठक
राज्य में जारी नकदी संकट को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कल बैठक बुलाई है। प्रदेश के कई ऐसे जिले हैं, जहां कैश की भारी किल्लत है। ऐसे में माना जा रहा है कि सीएम योगी आदित्यनाथ इस परेशानी को लेकर वित्त मंत्री अरुण जेटली को पत्र लिख सकते हैं। वहीं लोगों का कहना है कि हैं कि बैंक के ब्रांच में भी नकद नहीं मिल पा रहा है। बैंक ज्यादा कैश देने से इंकार कर रहे है। जिनके घर में शादियां है उन्हें सबसे ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
क्या है कैश किल्लत की वजह
बैंकर्स का मानना है कि बैंक में कैश डिपॉजिट का फ्लो बहुत कम हो गया है। लोग बैंकों में कम पैसा जमा कर रहे हैं। वहीं रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की ओर से भी कैश की डिमांड पूरी नहीं हो पा रही है। बैंक कैश की किल्लत से जूझ रहे हैं, इसलिए एटीएम में जरूरत के मुताबिक कैश नहीं डाला जा रहा है। बैंक जितना डिमांड कर रहे हैं उन्हें उतना नहीं मिल पा रहा है, बैंकों से जितना जा रहा है उतना वापस नहीं आ रहा। इसलिए बैंक भी एटीएम को भी उतना नहीं दे पा रहे हैं।