क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

बिहार सरकार का कड़ा फैसला, मॉब लिंचिंग में हुए शामिल तो कभी नहीं मिलेगी सरकारी नौकरी

Google Oneindia News

Recommended Video

Nitish Kumar का फरमान, मॉब लिंचिंग में हुए शामिल तो कभी नहीं मिलेगी सरकारी नौकरी | वनइंडिया हिंदी

बिहारः लगातार बढ़ रहे मॉब लिंचिंग पर रोक लगाने के लिए बिहार की राज्य सरकार ने कड़ा फैसला लिया है। इस फैसले के तहत अगर कोई व्यक्ति सरकारी पद पर कार्यरत है और वह हिंसक भीड़ का हिस्सा बनता है तो वह अपनी नौकरी खो सकता है। इसके अलावा अगर कोई व्यक्ति सरकारी कर्मचारी नहीं है और वह मॉब लिंचिंग का हिस्सा बनता है तो वह सरकार में नौकरी के लिए अयोग्य माना जाएगा।

Bihar goverment apply tough rule for mob lynching

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि अगर भीड़ में शामिल होने वाला व्यक्ति सरकारी कर्मचारी नहीं है, तो वह सरकार में किसी भी नौकरी के लिए स्वचालित रूप से अयोग्य हो जाएगा। राज्य पुलिस अधिक आरोपियों की पहचान करने के लिए मीडिया और स्थानीय निवासियों से वीडियो फुटेज जुटा रही है।

बता दें कि अब तक पटना, सासाराम, जहानाबाद, गया और अन्य जिलों में 39 भीड़ हिंसा मामलों में 345 लोगों का नाम लिया गया है। पुलिस ने इन मामलों के संबंध में 278 लोगों को गिरफ्तार किया है। इन घटनाओं में से अधिकांश बच्चों को उठाने वाली अफवाहों से शुरू हुई थीं।

पिछले महीने, चार गया निवासियों को इस संदेह पर बुरी तरह से पीटा गया था कि वे बच्चा चोर हैं। इसी तरह के संदेह पर अगस्त में पटना में भीड़ द्वारा एक वृद्ध और मानसिक रूप से विक्षिप्त महिला की हत्या कर दी गई थी। बिहार में भीड़ की हिंसा के 39 मामलों में अबतक 14 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।

सीआईडी के एडिशनल डीजीपी विनय कुमार ने कहा कि "भीड़ के मामलों में, हम अक्सर अज्ञात लोगों को बुक करते हैं। अब हम मीडिया और स्थानीय लोगों के माध्यम से इकट्ठा किए गए वीडियो फुटेज की मदद से भीड़ में चेहरे की पहचान करने पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि लोग कानून अपने हाथ में न लें। " उन्होंने कहा कि आरोपी अब सरकारी नौकरी और ठेके खो सकते हैं। "हाल के मामलों में, 2,000 से अधिक अज्ञात लोगों को बुक किया गया है। कई चेतावनियों के बावजूद, लोग निराधार अफवाहों के कारण कानून को अपने हाथ में लेते रहे, "।

अपर पुलिस महानिदेशक (मुख्यालय) जितेन्द्र कुमार ने कहा कि मॉब लिंचिंग के खिलाफ पुलिस सख्त कार्रवाई कर रही है। भीड़ में शामिल वैसे तमाम शख्स जो वीडियो फुटेज में , नजर आते हैं या फिर उनकी मौजूदगी की जानकारी मिलती है, उनपर कार्रवाई की जा रही है।

उन्होंने आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा, "जुलाई से अबतक मॉब लिंचिंग की 39 घटनाओं में 278 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। वीडियो फुटेज की मदद से भी मॉब लिंचिंग में शामिल लोगों को चिह्न्ति कर कार्रवाई की जा रही है।" उन्होंने बताया मॉब लिंचिंग की घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस जागरूकता फैला रही है, जिसके लिए ऑडियो क्लिप और पोस्टर का भी सहारा लिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाओं में त्वरित सुनवाई कर दोषियों को सजा दिलाने की कोशिश की जाएगी।

एडीजी डीजीपी (मुख्यालय) जितेंद्र कुमार ने कहा कि राज्य पुलिस इन मामलों की बारीकी से निगरानी कर रही है। पुलिस मुख्यालय में दर्ज आंकड़ों के मुताबिक, बिहार में ढाई महीने के दौरान मॉब लिंचिंग में 14 लोगों की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई, जबकि 45 घायल हुए हैं। मॉब लिंचिंग की 39 घटनाएं इस दौरान दर्ज की गईं। पुलिस के मुताबिक, इन घटनाओं में 348 नामजद और 4000 अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

Comments
English summary
Bihar goverment apply tough rule for mob lynching
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X