बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा का दिल्ली में निधन, लंबे समय से थे बीमार
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नई दिल्ली। तीन बार बिहार के मुख्यमंत्री रहे जगन्नाथ मिश्रा का लंबी बीमारी के बाद सोमवार को दिल्ली में निधन हो गया, वे 82 साल के थे। जगन्नाथ मिश्रा 90 के दशक में केंद्रीय कैबिनेट मंत्री भी रहे थे। बिहार के चर्चित चारा घोटाला केस में 44 अन्य लोगों के साथ जगन्नाथ मिश्रा को भी दोषी ठहराया गया था। राज्य के इस पूर्व मुख्यमंत्री को चार साल की सजा और उनपर 2 लाख रुपए का जुर्माना लगा था।
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जगन्नाथ मिश्रा बिहार विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर भी रहे थे। जगन्नाथ मिश्रा के बड़े भाई, ललित नारायण मिश्र भी राजनीति में थे। जगन्नाथ मिश्रा विश्वविद्यालय में पढ़ाने के दौरान ही कांग्रेस में शामिल हुए थे। मिश्रा साल 1975 में पहली बार बिहार के मुख्यमंत्री बने। इसके बाद दूसरी बार उन्हें साल 1980 में कमान सौंपी गई और आखिरी बार वे 1989 से 1990 तक बिहार के मुख्यमंत्री रहे।
जगन्नाथ मिश्रा 90 के दशक के बीच केंद्रीय कैबिनेट मंत्री भी रहे। कांग्रेस छोड़ने के बाद, वह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए थे। जगन्नाथ मिश्रा के निधन पर बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने शोक व्यक्त किया है और राज्य में तीन दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की है।
चारा घोटाला केस में चार साल की हुई थी सजा
बिहार के चर्चित चारा घोटाला केस में उनको चार साल की सजा सुनाई गई थी और 2 लाख रू का जुर्माना भी लगाया गया था। जगन्नाथ मिश्रा को दुमका और डोरंडा निधि से धोखाधड़ी से रूपये निकालने का दोषी पाया गया था। चारा घोटाला की शुरुआत जगन्नाथ मिश्रा के मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए ही हो चुकी थी। लेकिन इस मामले का खुलासा उस वक्त हुआ, जब 1990 के दशक में लालू यादव मुख्यमंत्री थे। मिश्रा को मेडिकल ग्राउंड पर कोर्ट से चारा घोटाला मामले में जमानत मिली थी।