NDA शासित राज्य में एनआरसी के खिलाफ प्रस्ताव पास होना संविधान की जीत: तेजस्वी यादव
नई दिल्ली। दिल्ली समेत देश के कई हिस्सों में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) को लेकर मचे बवाल के बीच मंगलवार को बिहार विधानसभा में सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया गया, जिसमें कहा गया है कि बिहार में एनआरसी की कोई आवश्यकता नहीं है। एनआरसी के खिलाफ प्रस्ताव पारित होने को राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता तेजस्वी यादव ने इसे बड़ी जीत बताई है।
मंगलवार को मीडिया से बात करते हुए आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार इकलौता ऐसा राज्य बन गया है जहां एनडीए की सरकार होने के बाद भी विधानसभा में सर्वसम्मति से एनआरसी कि खिलाफ प्रस्ताव पारित किया गया है। यह लोकतंत्र की जीत है, आज हमने उन लोगों के सपनों को पूरा किया है जिन्होंने हमारा साथ दिया था। गौरतलब है कि बिहार से पहले राजस्थान समेत कई राज्यों ने पहले ही एनआरसी को अपनाने से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा, 'हम तो कहते हैं कि आज संविधान की जीत हुई है, जनता की जीत हुई है, अमन-चैन की जीत हुई है। लालू जी की सरकार ने लोगों के सपने को साकार करने का काम किया है। ये एक बड़ी लड़ाई थी जिसे हमने जीता।'
Tejashwi Yadav, Rashtriya Janata Dal: Bihar is the first NDA ruled state that has passed a resolution to not implement the National Register of Citizens (NRC). This is a victory of Constitution. Today we have fulfilled the dreams of people who had supported us. https://t.co/WgT05gRcds pic.twitter.com/LvcxzXOSUj
— ANI (@ANI) February 25, 2020
बता दें कि देश भर में नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) को लेकर मचे घमासान के बीच बिहार विधानसभा में सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया गया। वहीं, विधानसभा में राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को संशोधन के साथ 2010 के फॉर्मेट में लागू करने को लेकर भी प्रस्ताव भी पारित किया गया। बिहार में जदयू-भाजपा और एलजेपी के गठबंधन वाली सरकार है। राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहले भी कहते रहे हैं कि बिहार में एनआरसी की जरूरत नहीं है और वे अपने राज्य में लागू नहीं करेंगे। हाल ही में उन्होंने एनपीआर में संशोधन की बात भी कही थी।
RJD-BJP
विधायकों
के
बीच
आई
मारपीट
की
नौबत
बिहार
विधानभा
का
बजट
सत्र
के
दूसरे
दिन
भी
हंगामा
जारी
है।
विपक्ष
सरकार
को
राज्यहित
के
मुद्दों
के
साथ-साथ
एनआरसी
और
सीएए
को
लेकर
सरकार
को
सदन
में
घेरने
की
कोशिश
कर
रही
है।
बजट
सत्र
के
पहले
दिन
विधानसभा
परिसर
के
बाहर
विपक्षी
दल
के
नेता
आरक्षण,
सीएए,
एनआरसी,
एनपीआर
के
मुद्दे
पर
जमकर
नारेबाजी
की
थी।
वहीं
दूसरे
दिन
भी
इन
मुद्दों
पर
विपक्ष
हंगामा
कर
रहा
है।
विपक्ष
के
नेता
ने
सीएए
को
काला
कानून
बताया
तो
भाजपा
नेता
ने
कड़ी
आपत्ति
जताई।
विधानसभा
के
अंदर
मंगलवार
को
उस
वक्त
अफरातफरी
का
माहौल
हो
गया
जब
कार्य
स्थगन
प्रस्ताव
पर
चर्चा
के
दौरान
भाजपा
और
राजद
विधायकों
के
बीच
मारपीट
की
नौबत
आ
गई।
वहीं
हंगामे
के
बाद
सदन
की
कार्यवाही
को
15
मिनट
तक
स्थगित
करना
पड़ा।
यह भी पढ़ें: बिहार बजट 2020: महिलाओं को 35% आरक्षण दिया जायेगा, 1.36 लाख किसानों को सस्ती बिजली