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बिहार में महागठबंधन को इस खास दांव से मात देने की तैयारी में नीतीश और पीएम मोदी

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नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2019 में बिहार में दिलचस्प जंग देखने को मिल रही है। यहां सीधे तौर पर दो गठबंधन आमने-सामने है। एक तरफ बीजेपी-जदयू-लोजपा (एनडीए) तो दूसरी तरफ, राजद, कांग्रेस आरएलएसपी और हम का महागठबंधन चुनाव मैदान में है। इस चुनाव में बीजेपी-जदयू बिहार के जातीय समीकरणों को देखते हुए सोशल इंजीनियरिंग का नया फॉर्मूला आजमा रहे हैं। जातियों को साधने की इस कोशिश में दोनों दलों ने काफी मंथन किया है।

जातियों को साधने जुटी बीजेपी-जदयू

जातियों को साधने जुटी बीजेपी-जदयू

बीजेपी का सारा फोकस सवर्ण मतदाताओं पर है जबकि नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ओबीसी और ईबीसी को अपने पाले में लाने की दिशा में काम कर रही है। ये नया तरीका कितना कारगर होगा, 23 मई के चुनाव परिणाम ही बता पाएंगे लेकिन एनडीए सोशल इंजीनियरिंग के इस फॉर्मूले को बिहार की सभी 40 सीटों पर आजमा रहा है।

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बीजेपी की परंपरागत वोट बैंक को साधने की कोशिश

बीजेपी की परंपरागत वोट बैंक को साधने की कोशिश

बिहार में बीजेपी ने परंपरागत वोट बैंक को साधने की कोशिश में 11 उच्च जातियों (सवर्णों) के उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है। इनमें पार्टी ने 5 राजपूत, दो ब्राह्मण, दो वैश्य और भूमिहार-कायस्थ जाति से एक-एक उम्मीदवार को टिकट दिया है। पार्टी ने ओबीसी से तीन उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं, जबकि ईबीसी से दो और एस-सी से एक उम्मीदवार को टिकट दिया है। पार्टी ने जीतने की संभावनाओं के आधार पर ये टिकट वितरण किया है।

पढ़ें लोकसभा चुनाव की विस्तृत कवरेज

जदयू का ओबीसी और ईबीसी पर फोकस

जदयू का ओबीसी और ईबीसी पर फोकस

दूसरी तरफ, जदयू ने ओबीसी और ईबीसी को अपने पाले में लाने की कोशिश की है, इनकी आबादी राज्य की कुल आबादी की लगभग 50 फीसदी बताई जाती है। जबकि 15.7 फीसदी एस-सी हैं। हालांकि बिहार के हर इलाके का अपना अलग राजनीतिक समीकरण है। मुस्लिमों और यादवों (करीब 32 फीसदी) को राजद का करीबी माना जाता है।

महागठबंधन के उम्मीदवारो के जातीय समीकरण पर भी नजर

महागठबंधन के उम्मीदवारो के जातीय समीकरण पर भी नजर

कुल मिलाकर एनडीए की सूची में 13 उच्च जाति से, 9 ओबीसी, 8, ईबीसी और तीन एस-सी उम्मीदवार हैं। जबकि एकमात्र मुस्लिम प्रत्याशी जदयू ने दिया है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि एनडीए ने समाज के हर वर्ग को फिट करने की कोशिश की है ताकि महागठबंधन के जातीय समीकरण को तोड़ा जा सके। बीजेपी अपने परंपरागत वोट बैंक के साथ जदयू के गैर-यादव (कुर्मी, ईबीसी) को लेकर काफी सकारात्मक है।

17 सीटों पर बिहार में चुनाव लड़ रही है बीजेपी

17 सीटों पर बिहार में चुनाव लड़ रही है बीजेपी

चुनावी रैलियों की बात करें तो पीएम मोदी की लोकप्रियता और नीतीश कुमार की 'सुशासन बाबू' वाली छवि को लेकर एनडीए आगे बढ़ रही है। बिहार में बीजेपी और जदयू, 17-17 सीटों पर चुनाव लड़ रही है जबकि रामविलास पासवान की पार्टी लोजपा 6 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। बिहार की चार सीटों पर 11 अप्रैल को पहले चरण में मतदान हो चुका है, बाकी सीटों पर शेष 6 चरणों में चुनाव संपन्न होंगे।

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English summary
Bihar: eyes on nda social engineering in caste matrix
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