JDU के कैंडिडेट की लिस्ट जारी, जानिए Ex DGP गुप्तेश्वर पांडे का क्या हुआ?
पटना। बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय की विधानसभा चुनाव लड़ने की इच्छा को आज उस समय बड़ा झटका लगा, जब जेडीयू की ओर से जारी की गई उम्मीदवारों की लिस्ट में उनका नाम गायब मिला। पुलिस सेवा से समय से पहले रिटायरमेंट लेकर राजनीति की पारी खेलने के लिए उतरे गुप्तेश्वर पांडेय की नीतीश कुमार की पार्टी से टिकट नहीं मिला है। गुप्तेश्वर पांडेय सुशांत सिंह राजपूत सुसाइड केस के चलते लाइमलाइट में आए थे। संयोग की बात देखिए आज ही जेडीयू ने उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की, जिसमें गुप्तेश्वर पांडेय का नाम गायब था, वहीं दूसरी ओर रिया चक्रवर्ती जेल से बाहर आ गई हैं।
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जदयू ने 115 सीटों के लिए लिस्ट जारी की
बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर जदयू ने 115 सीटों के लिए लिस्ट जारी कर दिया है। इस सूची में बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय का नाम नदारद है। पांडेय के नाम नदारद होने से अटकलें तेज हो गई है। बिहार विधानसभा चुनाव से पहले तत्कालीन डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय सुर्खियों में थे। गुप्तेश्वर पांडेय सुशांत सिंह राजपूत सुसाइड केस में अपने बयानों के कारण सुर्खियों में आए थे। ताम झाम के साथ उन्होंने नीतीश के कुमार के समझ सदस्यता ग्रहण की थी। वे बक्सर से विधानसभा चुनाव लड़ना चाह रहे थे।
गुप्तेश्वर की बीजेपी का सहारा
पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय दरअसल बक्सर से चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन ये क्षेत्र एनडीए में सीट बंटवारे के दौरान भाजपा के खाते में चली गई है। हालांकि अभी बीजेपी ने इस सीट पर किसी का भी नाम फाइनल नहीं किया है। मंगलवार रात भाजपा ने 27 उम्मीदवारों की सूची जारी की थी लेकिन बक्सर जिले की दो सीटों- बक्सर और ब्रह्मपुर को छोड़ दिया गया था। वहीं ब्रह्मपुर वीआईपी पार्टी के खाते में चली गई है।
लोकसभा उपचुनाव में मिल सकता है टिकट
ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि, क्या गुप्तेश्वर पांडेय बीजेपी में शामिल हो सकते हैं? हालांकि मीडिया में जो खबरें चल रही है उनकी मानें तो बीजेपी भी गुप्तेश्वर पांडेय को टिकट देन से हिचक रही है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक गुप्तेश्वर पांडेय वाल्मिकीनगर लोकसभा उपचुनाव में जेडीयू के कैंडिडेट हो सकते हैं। हालांकि अभी अधिकारिक तौर पर इसकी किसी ने पुष्टि नहीं की है। अपनी राजनीतिक पारी शुरू करने के लिए 2009 में भी गुप्तेश्वर पांडे ने वीआरएस लिया था। उस समय बक्सर से चुनाव लड़ने के लिए बीजेपी से टिकट की मांग की थी। लेकिन खेल बिगड़ गया था। 9 महीने बाद वह फिर से पुलिस की सेवा में लौट आए थे।
सुशांत मामले में आए थे लाइमलाइट में
सुशांत मामले में पटना में अभिनेता के पिता द्वारा रिया चक्रवर्ती पर किए गए एफआईआर के बाद बिहार पुलिस की कार्रवाई का श्रेय गुप्तेश्वर पांडेय ने खुद लिया था। बिहार पुलिस बल के प्रमुख रहते हुए पांडेय ने राजपूत की मौत की जांच सीबीआई से कराने की मांग की थी। इसके बाद उन्हें रिया चक्रवर्ती को लेकर विवादस्पद बयान दिया। गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा था कि, रिया की कोई 'औकात' नहीं है कि वो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सवाल करें।
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