बिहार चुनाव: क्या दूसरे चरण के स्टार प्रचारकों में जुड़ेगा राजीव प्रताप रूडी और शाहनवाज हुसैन का नाम
नई दिल्ली- भाजपा ने इस बार बिहार चुनाव के लिए अपने 30 स्टार प्रचारकों की जो लिस्ट जारी की है, उसमें दो नामों के गायब रहने पर बहुत सवाल खड़े किए गए हैं। ये दोनों दिग्गज नाम हैं-किसी जमाने में हाई प्रोफाइल केंद्रीय मंत्री रहे राजीव प्रताप रूडी और शाहनवाज हुसैन। चर्चा इसलिए हो रही है क्योंकि, ये दोनों पहली बार 1999 में ही लोकसभा चुनाव जीते थे और फिर भी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने इन्हें अपनी कैबिनेट में हाई प्रोफाइल मंत्रालय दिए थे। लेकिन, बीजेपी की मौजूदा लिस्ट में कई नए चेहरों को स्टार प्रचारकों का दर्जा दिया गया है, लेकिन ये दोनों दिग्गज नेता पार्टी के चुनाव प्रचार के लिए 'स्टार' नहीं माने गए हैं। पार्टी ने आखिर इन्हें स्टार प्रचारक क्यों नहीं बनाया है, इसको लेकर अलग-अलग दावे किए जा रहे हैं।
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'लिस्ट
छोटी
इसलिए
रूडी-शाहनवाज
बाहर'
भाजपा
के
लोगों
की
ओर
से
30
स्टार
प्रचारकों
की
लिस्ट
में
राजीव
प्रताप
रूडी
और
शाहनवाज
हुसैन
का
नाम
नहीं
होने
को
लेकर
अलग-अलग
दलीलें
दी
जा
रही
हैं।
बीजेपी
के
एक
सूत्र
ने
वन
इंडिया
से
कहा
है
कि
'कोरोना
के
चलते
स्टार
प्रचारकों
की
लिस्ट
को
40
की
जगह
30
तक
सीमित
तक
रखनी
पड़ी
है।
इसमें
करीब
12
बड़े
स्टार
प्रचारक
बिहार
के
बाहर
के
हैं।
इसलिए
रूडी
जी
और
शाहनवाज
जी
इसमें
नहीं
हैं
और
कोई
बात
नहीं
है।'
बिहार
के
बाहर
के
स्टार
प्रचारकों
की
जो
बात
की
गई
है,
वह
इन
नामों
को
लेकर
है-
नरेंद्र
मोदी,
जेपी
नड्डा,
राजनाथ
सिंह,
अमित
शाह,
भूपेंद्र
यादव,
देवेंद्र
फडणवीस,
स्मृति
ईरानी,
धर्मेंद्र
प्रधान,
योगी
आदित्यनाथ,
रघुवर
दास,
मनोज
तिवारी
और
बाबू
लाल
मरांडी।
दोनों
प्रचार
प्रबंध
समिति
के
सदस्य
हैं
भाजपा
प्रवक्ता
प्रेम
रंजन
पटेल
ने
भी
इस
मामले
को
सामान्य
बताने
की
कोशिश
की
है।
दि
प्रिंट
से
बातचीत
में
उन्होंने
कहा
है
कि
'हमारे
प्रचार
में
ये
दोनों
नेता
अपना
रोल
निभा
रहे
हैं।
ये
लोग
केंद्रीय
मंत्री
रविशंकर
प्रसाद
की
अगुवाई
वाली
प्रचार
प्रबंध
समिति
के
सदस्य
हैं।'
उन्होंने
यह
भी
कहा
कि
'यही
नहीं
स्टार
प्रचारकों
की
लिस्ट
में
नहीं
होने
का
मतलब
ये
नहीं
है
कि
ये
लोग
प्रचार
नहीं
करेंगे।
अगर
आवश्यकता
होगी
तो
पार्टी
उनसे
प्रचार
करने
के
लिए
कह
सकती
है।'
शाहनवाज
को
भागलपुर
से
लड़ने
का
ऑफर
था!
भाजपा
सूत्र
यह
भी
बता
रहे
हैं
कि
रूडी
राजपूत
हैं
और
लिस्ट
में
पूर्व
कृषि
मंत्री
राधा
मोहन
सिंह,
सुशील
सिंह
और
केंद्रीय
मंत्री
आरके
सिंह
का
नाम
शामिल
है।
शायद
इसलिए
रूडी
को
इसमें
शामिल
नहीं
किया
गया
हो।
जबकि,
शानवाज
हुसैन
को
लेकर
सूत्र
यह
बता
रहे
हैं
कि
पार्टी
उन्हें
अपने
मुस्लिम
चेहरे
के
तौर
पर
पेश
करना
चाहती
थी।
लेकिन,
एक
वरिष्ठ
भाजपा
नेता
ने
नाम
नहीं
बनाने
की
शर्त
पर
कहा
है
कि
'अब
जब
नीतीश
कुमार
हमारे
सीएम
फेस
हैं
तो
एनडीए
के
खिलाफ
मुसलमान
कम
आक्रामक
रहेंगे।'
शाहनवाज
हुसैन
1999
में
मुस्लिम
बहुल
किशनगंज
लोकसभा
सीट
से
बीजेपी
के
टिकट
पर
जीत
चुके
हैं।
2006
में
वो
एक
और
मुस्लिम
प्रभावी
भागलपुर
लोकसभा
सीट
से
उपचुनाव
में
विजयी
रहे
और
2009
में
भी
यह
सीट
बरकरार
रखी।
2013
से
पहले
बीजेपी-जेडीयू
की
रैलियों
में
वह
एक
प्रमुख
मुस्लिम
चेहरा
होते
थे।
लेकिन,
2014
में
वह
मोदी
लहर
में
भी
हार
गए
और
फिर
2019
वो
चुनाव
ही
नहीं
लड़े।
जानकारी
के
मुताबिक
पार्टी
ने
उन्हें
इस
विधानसभा
के
चुनाव
में
भागलपुर
सीट
से
लड़ने
का
ऑफर
दिया
था,
लेकिन
वो
इसके
लिए
तैयार
नहीं
हुए।
दूसरे
चरण
की
लिस्ट
के
इंतजार
में
रूडी
रूडी
सारण
से
सांसद
भी
हैं।
2014
में
वह
लालू
यादव
की
इस
सीट
से
राबड़ी
देवी
को
भी
हरा
चुके
हैं
और
2019
में
लालू
के
समधी
चंद्रिका
राय
को
भी
मात
दे
चुके
हैं,
जो
अब
जदयू
से
विधानसभा
चुनाव
लड़
रहे
हैं।
रूडी
मोदी
सरकार
के
पहले
कार्यकाल
में
मंत्री
भी
बने
थे
और
उन्हें
प्रधानमंत्री
ने
अपने
एक
महत्वाकांक्षी
कार्यक्रम
स्किल
डेवलपमेंट
की
जिम्मेदारी
भी
सौंपी
गई
थी।
लेकिन,
बीच
में
ही
उनका
मंत्री
पद
चला
गया।
वैसे
खुद
रूडी
भी
स्टार
प्रचारक
नहीं
बनाए
जाने
के
मुद्दे
को
ज्यादा
तूल
नहीं
दे
रहे
हैं।
उनका
कहना
है
कि
अभी
सिर्फ
पहले
फेज
के
चुनाव
के
लिए
लिस्ट
आई
है।
दो
चरण
और
बाकी
हैं।
उनके
मुताबिक,
'यह
कोई
मुद्दा
नहीं
है
और
मेरा
कद
छोटा
नहीं
किया
गया
है।
मैं
अभी
भी
पार्टी
का
राष्ट्रीय
प्रवक्ता
हूं।
......यह
पहले
चरण
के
चुनाव
की
लिस्ट
थी।
मेरा
क्षेत्र
दूसरे
चरण
में
आता
है।
स्टार-प्रचारकों
की
लिस्ट
फेज
के
हिसाब
से
बदलती
रहती
है।'
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