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बिहार चुनाव: कोरोना संकट के बीच नीतीश कुमार ने किया अपने सबसे बड़े चुनावी वादे का खुलासा

कोरोना वायरस की महामारी के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पूरी तरह चुनावी मोड में आ गए हैं...

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नई दिल्ली। भले ही बिहार में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों में कोई कमी ना आ रही हो, लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पूरी तरह चुनावी मोड में आ गए हैं। बिहार में जेडीयू, भाजपा और एलजेपी के गठबंधन वाली एनडीए की सरकार है और तीनों दलों ने राज्य में चुनावी बिगुल बजा दिया है। गुरुवार को मुख्यमंत्री नीतीश ने बिहार के कैमूर और रोहतास जिलों में कार्यकर्ताओं को संबोधित किया और इस दौरान ऐलान किया कि आने वाले विधानसभा चुनाव में मतदाताओं से उनका प्रमुख वादा राज्य के हर गांव की कृषि भूमि को सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराना होगा।

काफी अहम हैं नीतीश का ये ऐलान

काफी अहम हैं नीतीश का ये ऐलान

आपको बता दें कि बीते रविवार से जेडीयू लगातार वर्चुअल कॉन्फ्रेंस के जरिए रैलियां कर रही है। नीतीश कुमार इन रैलियों में हर जिले में करीब 5 हजार कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हैं। सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराने के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ऐलान को सियासी गलियारों में काफी अहम माना जा रहा है। दरअसल, इस ऐलान के जरिए राज्य सरकार की योजना सभी घरों में बिजली और पाइप के जरिए पीने के पानी की व्यवस्था करने के अलावा, अलग से खेती के लिए बिजली की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करना है।

बिहार में 80 फीसदी से ज्यादा आबादी कृषि पर निर्भर

बिहार में 80 फीसदी से ज्यादा आबादी कृषि पर निर्भर

बिहार के आने वाले चुनावों में सिंचाई के लिए पानी और बिजली की व्यवस्था का ऐलान एक बड़ा मुद्दा बन सकता है। इसकी वजह यह है कि राज्य में 80 फीसदी से ज्यादा आबादी कृषि पर निर्भर है और यह मुद्दा लगभग हर घर को प्रभावित करता है। सूत्रों के मुताबिक, पार्टी कार्यकर्ताओं से बात करते हुए नीतीश कुमार कोरोना वायरस के लड़ने में अपनी सरकार के उठाए गए कदमों को लेकर भी जानकारी दे रहे हैं, जिसकी वजह से राज्य में उन्हें लोगों के, खासकर प्रवासी श्रमिकों के भारी गुस्से का सामना करना पड़ रहा है।

चुनाव में करना पड़ सकता है प्रवासी श्रमिकों के गुस्से का सामना

चुनाव में करना पड़ सकता है प्रवासी श्रमिकों के गुस्से का सामना

आपको बता दें कि कोरोना वायरस महामारी की शुरुआत के बाद से अभी तक 30 लाख से ज्यादा प्रवासी श्रमिक बिहार लौट चुके हैं। नीतीश कुमार को प्रवासी श्रमिकों के गुस्से का सामना इसलिए भी करना पड़ रहा है, क्योंकि उन्होंने मार्च में स्पेशल ट्रेन चलाए जाने का विरोध किया था और प्रवासी मजदूरों को वापस लाने के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का किराया देने से इनकार कर दिया था। कोरोना महामारी के बीच लॉकडाउन लगाए जाने के कारण बड़ी संख्या में बिहार के मजदूर अलग-अलग राज्यों में फंस गए थे और रोजगार के अभाव में उन्हें भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ा।

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English summary
Bihar Election: Nitish Kumar Announced His Biggest Election Promise Amid Coronavirus Epidemic.
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