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बिहार चुनाव 2020: भाजपा की 11 में से 10 हारी हुईं सीटें पाकर भी क्यों खुश हैं VIP के मुकेश सहनी

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नई दिल्ली- बिहार में बीजेपी ने मुकेश सहनी को अपने कोटे के 121 सीटों में से 11 सीटें चुनाव लड़ने के लिए दिए हैं। तेजस्वी यादव के अगुवाई वाले महागठबंधन से राजनीतिक तौर पर बड़े 'बेआबरू' होकर निकले मुकेश सहनी के मुताबिक उन्हें यहीं पर असल सम्मान मिला है। उनको शायद उम्मीद भी नहीं रही होगी कि बीजेपी उन्हें 11 सीटें दे देगी। क्योंकि, बहुत पहले महागठबंधन का साथ छोड़कर आ चुके पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की 'हम' (सेक्युलर) को भी नीतीश कुमार ने महज 7 सीटों पर ही संतुष्ट कर लिया है। लेकिन, वीआईपी को मिली इन 11 सीटों पर पिछले चुनाव का विश्लेषण करें तो पता लगता है कि सहनी के लिए भाजपा ने जो सीटें छोड़ी हैं उनमें से एक को छोड़कर बाकी पर वह और उसकी सहयोगी पार्टी चुनाव हार गई थी।

Bihar Election 2020:Why Mukesh Sahni is happy with 10 out of 11 lost seat from BJP

बीजेपी ने बिहार में विकासशील इंसान पार्टी को एनडीए के साथ तालमेल के तहत जो 11 सीटें चुनाव लड़ने के लिए दी हैं, वे हैं- बोचहा, सुगौली, सिमरी बख्तियारपुर, मधुबनी, केवटी, साहेबगंज, बलरामपुर, अलीनगर, बनियापुर, गौड़ा बौराम और ब्रह्मपुर। अगर 2015 के चुनाव परिणामों को देखें तो इसमें से सिर्फ सुगौली सीट पर ही बीजेपी को जीत मिली थी। जबकि, इनमें से 6 सीटों पर आरजेडी के उम्मीदवार जीते थे। बोचहा में निर्दलीय, बलरामपुर में भाकपा (माले), सिमरी बख्तियारपुर और गौड़ा बौराम में जदयू के उम्मीदवारों को सफलता मिली थी। गौरतलब है कि पिछले चुनाव में जदयू और राजद एक साथ चुनाव मैदान में थे। जबकि, एलजेपी और बीजेपी ने मिलकर चुनाव लड़ा था। इन 11 में से जो 6 सीटें अभी आरजेडी के पास हैं, वो हैं- मधुबनी, केवटी, साहेबगंज,अलीनगर, बनियापुर, और ब्रह्मपुर।

वीआईपी को मिली जिन 10 सीटों पर पिछले चुनाव में एनडीए के उम्मीदवार हार गए थे, उनमें से 7 सीटों पर बीजेपी दूसरे नंबर रही थी और 3 पर एलजेपी दूसरे नंबर थी। लेकिन, वीआईपी के नजरिए से बोचहा सीट का पिछला परिणाम थोड़ा ज्यादा परेशान करने वाला हो सकता है, क्योंकि तब वहां से ना केवल एक निर्दलीय उम्मीदवार को जीत मिली थी, बल्कि एलजेपी का प्रत्याशी खिसकर चौथे नंबर पर पहुंच गया था और उसकी जमानत भी नहीं बच पाई थी।

बता दें कि मुकेश सहनी की वीआईपी ने पिछले लोकसभा चुनाव से ही चुनाव का स्वाद चखना शुरू किया है, जिसमें उसकी बुरी तरह हार हुई थी। तब वो आरजेडी-कांग्रेस के साथ महागठबंधन में थी। जब, इस बार विधानसभा चुनाव में 'सन ऑफ मल्लाह' को तेजस्वी से 'सम्मान' नहीं मिला तो वो महागठबंधन से बाहर हो गए। आखिरकार उनकी डील बीजेपी से हुई और उन्हें ये 11 सीटें दी गई हैं। बिहार के जिन इलाकों में सहनी की मल्लाह जाति का प्रभाव माना जा सकता है उनमें गंगा, कोसी, गंडक, बूढ़ी गंडक और दूसरी नदियों से सटे इलाके शामिल हैं। मिथिलांचल इलाके में इस बिरादरी के लोग मखाना की खेती से भी जुड़े हुए हैं और उनके उत्पाद की मांग अंतरराष्ट्रीय बाजार तक है।

बिहार की 243 सीटों पर तीन चरणों में चुनाव हो रहे हैं। 28 अक्टूब, 3 नवंबर और 7 नवंबर। चुनाव के नतीजे 10 नवंबर को आ जाएंगे।

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Bihar Election 2020:Why Mukesh Sahni is happy with 10 out of 11 lost seat from BJP
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