बेरोजगारी पर बिहार के शिक्षा मंत्री का अजीबो-गरीब बयान- ज्यादा लोग शिक्षित हो रहे हैं इसलिए बढ़ रही समस्या
पटना। बिहार में बेरोजगारी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि MBA और MCA की डिग्री वाले भी चपरासी, माली और गेटकीपर बनने को तैयार हैं। जी हां आप जानकर हैरान रह जाएंगे कि बिहार विधानसभा के ग्रुप डी के 166 पदों के लिए आए पांच लाख आवेदनों की, जिसमें ग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट से लेकर एमबीए और एमसीए किए तक लोगों ने आवेदन दिया है। इसे लेकर बिहार की राजनीति में भी बयानबाजी हो रही है।
बिहार के शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन वर्मा ने कहा है कि पहले की तुलना में शिक्षा का स्तर बढ़ गया है लिहाजा युवा किसी भी स्तर की नौकरी करने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि युवा समाज में परिवर्तन के लिए नौकरी करने को तैयार हैं। शिक्षा मंत्री ने कहा, "आज बिहार में शिक्षा का जो लेवल है उसमें पहले की तुलना में काफी तरक्की हुई है। लोगों में शिक्षा के प्रति जागरूकता आई है। आज निम्न परिवार के लोग भी अब पढ़ना चाहते हैं।''
कृष्णनंदन वर्मा ने कहा, ''नौकरियों की संख्या सीमित हैं और अधिक लोग शिक्षित हो गए हैं इस कारण असंतुलन की स्थिति है, लेकिन धीरे-धीरे सब ठीक हो जाएगा। अब स्कूल-कॉलेज ज्यादा खुल गए हैं और पढ़ाई की गुणवत्ता में सुधार हुआ है। लेकिन जिस रफ्तार से पढ़े-लिखे लोगों की संख्या बढ़ रही है उस रफ्तार से नौकरियों का सृजन नहीं हो पा रहा है। शिक्षा सिर्फ नौकरी के लिए नहीं होती है। शिक्षा से समाज में परिवर्तन होता है।
कांग्रेस ने कहा-बेरोजगारी की स्थिति भयावह
कांग्रेस नेता प्रेमचंद्र मिश्रा ने इसे देश में और राज्य में बेरोजगारी का नमूना बताया है। उन्होंने कहा कि इन पदों पर इंटरव्यू बिते सितंबर में शुरू हुआ है और रोज डेढ़ हजार आवेदकों का इंटरव्यू हो रहा है और इसके लिए बिहार के साथ ही मध्य प्रदेश और झारखंड से भी लोग आ रहे हैं। यह दर्शाता है कि पूरे देश में बेरोजगारी की स्थिति कितनी भयावह है।