राजस्थान के मुख्यमंत्री के इस बयान का सुशील मोदी ने किया समर्थन
नई दिल्ली। राज्स्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हाल ही में महिलाओं के घूंघट को लेकर बयान दिया था, जिसका बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने समर्थन किया है। गहलोत ने कहा था कि क्या समाज को किसी महिला को घूंघट में कैद करने का अधिकार है। उन्होंने कहा था कि जबतक महिलाओं का घूंघट नहीं हटेगा वह आगे नहीं बढ़ सकती हैं। गहलोत के इस बयान का समर्थन करते हुए मोदी ने कहा कि क्या किसी ने कभी दुर्गा मां और सरस्वती मां या फिर लक्ष्मी माता को घूंघट में देखा है।
बता दें कि सुशील कुमार मोदी विश्व बाल दिवस के मौके पर पटना में आयोजित संयुक्त राष्ट्र बाल अधिकार समझौता की 30वीं वर्षगांठ पर आयोजित किशोर-किशोरी शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने पहुंचे थे। इस मौके पर मोदी ने कहा कि बच्चों को अब सिर्फ उनके अधिकार के बारे में नहीं बताना चाहिए बल्कि उन्हें अपने कर्तव्य के बारे में भी बताना चाहिए। अगर बच्चों को दी जाने वाली सुविधाएं नहीं मिल रही हैं तो बच्चों को भी इसका विरोध करना चाहिए।
सुशील मोदी ने अपना उदाहरण देते हुए कहा कि जब वह अपने बच्चों के स्कूल में पैरेंट-टीचर मीट में जाते थे। उन्होंने कहा कि समाज से दहेज प्रथा को खत्म करने के लिए खुद लड़कियों को आगे आना चाहिए। बाल विवाह, दहेज प्रथा को खत्म करने के लिए लड़को को भी लड़कियों की मदद करनी चाहिए। सिर्फ कानून बनाने से समाज में बदलाव नहीं लाया जा सकता है। समाज में बदलाव जागृति और शिक्षा से ही आ सकती है।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि समाज में व्याप्त कुप्रथाओं को खत्म करने के लिए लड़के व लड़कियों को आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब लड़कियां दहेज का विरोध तभी कर सकती हैं जब वह खुद अपने पैरों पर खड़ी होंगी। अगर वह खुद के पैरों पर खड़ी हो तो अपने माता पिता से दहेज प्रथा के खिलाफ लड़ सकती हैं।