कोटा में फंसे छात्रों के लिए यूपी सरकार ने भेजी 300 बसें, नीतीश कुमार ने उठाए सवाल
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश सरकार ने राजस्थान के कोटा में फंसे छात्रों को वापस लाने के लिए शुक्रवार को 300 बसें भेजी हैं। जो देर शाम तक कोटा पहुंच गईं। दरअसल उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में रहने वाले ये छात्र राजस्थान के कोटा में कोचिंग ले रहे थे। लेकिन कोविड-19 संक्रमण के चलते देश में लॉकडाउन लगने के बाद से वहां फंस गए। अब लॉकडाउन के बीच बड़ी संख्या में छात्रों को निकालने के फैसले पर राजनीति गरमा गई है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसपर विरोध जताया है।
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सीएम नीतीश के इस बयान के मायने इसलिए भी बढ़ गए हैं, क्योंकि वह बिहार में भाजपा के साथ सरकार चला रहे हैं। साथ ही उत्तर प्रदेश में भी भाजपा की ही सरकार है। वहीं कोटा में देशभर के छात्र प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए जाते हैं। यहां कोरोना वायरस फैलने की खबर आने के बाद इन छात्रों के लिए खतरा बढ़ गया है। मांग होने लगी कि छात्रों को वहां से निकाला जाए। मामले को तूल पकड़ता देख राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार इन छात्रों को यहां से जाने देने को भी तैयार हो गई है।
एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, जब नीतीश कुमार से पूछा गया कि क्या वो भी बस भेजेंगे। तो उन्होंने कहा कि यह लॉकडाउन का माखौल उड़ाने वाला फैसला है। ये लॉकडाउन के सिद्धांतों का पूरी तरह उल्लंघन है। इसके साथ ही नीतीश कुमार ने राजस्थान सरकार से भी मांग की है कि वह बसों का परमिट वापस ले। उन्होंने ये भी कहा कि जो छात्र कोटा में हैं, उनकी सुरक्षा वहीं पर की जाए।
इस मामले में बिहार के मुख्य सचिव दीपक कुमार ने राजस्थान सरकार को पत्र भेजा है। जिसमें उन्होंने कहा है, 'कोटा से उत्तर प्रदेश के छात्रों को निकलने देने का फैसला भानुमती का पिटारा खोलने जैसा है। यदि आप छात्रों को कोटा से निकलने की इजाजत देते हैं, तो आप किस आधार पर प्रवासी मजदूरों को वहां रुकने के लिए कह सकते हैं। इसलिए राजस्थान सरकार को बसों को जारी किया गया विशेष परमिट रद्द करना चाहिए।'
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