बिहार में एनआरसी कराने का सवाल ही नहीं, सीएए पर फिर से चर्चा हो: नीतीश कुमार
नई दिल्ली। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को साफ किया है कि राज्य में एनआरसी नहीं लागू होगा। साथ ही उन्होंने कहा कि नागरिकता कानून पर भी सदन में फिर से चर्चा होनी चाहिए। विधानसभा में नीतीश कुमार ने कहा, एनआरसी को बिहार में कराने का कोई सवाल ही नहीं है। इसको लेकर बातचीत सिर्फ असम को लेकर थी और इस पर तो पीएम नरेंद्र मोदी भी सफाई दे चुके हैं।
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नीतीश कुमार ने कहा, नागरिकता कानून को लेकर विशेष चर्चा होनी चाहिए। कोई चाहता है तो सदन में इस पर चर्चा होनी चाहिए। अगर सभी पक्ष सहमत होते हैं तो फिर इस पर नए सिरे से विचार करना चाहिए। जहां तक एनआरसी का सवाल है, उसकी बिहार में लागू करने का कोई औचित्य ही नहीं ना ही सरकार का ऐसा कोई इरादा है।
नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल (यू) के सांसदों ने संसद में नागरिकता कानून के समर्थन में वोट किया था। वहीं एनआरसी पर नीतीश कुमार लगातार कहते रहे हैं कि वो इसके हक में नहीं हैं। भाजपा और जदयू बिहार में साझा सरकार चला रहे हैं।
जदयू के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर सीएए और एनआरसी को लेकर केंद्र सरकार पर काफी हमलावर रहे हैं। यहां तक कि प्रशांत ने इस बिल के खिलाफ प्रस्ताव पर कांग्रेस की भी तारीफ की है। प्रशांत ने रविवार को ट्वीट किया, मैं सीएए एनआरसी के औपचारिक और अप्रतिम अस्वीकृति के लिए कांग्रेस नेतृत्व को धन्यवाद देने के लिए अपनी आवाज सम्मिलित करता हूं। खासकर इसे लेकर विशेष पहल के लिए प्रियंका गांधी और राहुल गांधी को विशेष धन्यवाद देता हूं। बिहार के लोगों को एक बार फिर आश्वासन देता हूं कि राज्य में सीएए एनआरसी लागू नहीं होगा।