झारखंड में सीएम रघुबर को चैलेंज करने वाले इस 'बागी नेता' के समर्थन में उतरे नीतीश, क्या बढ़ेगी बीजेपी की मुश्किल
नई दिल्ली। झारखंड में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी पारा चढ़ता जा रहा है। प्रदेश में सत्ताधारी बीजेपी समेत सभी प्रमुख राजनीतिक दल अपने-अपने तरीके से रणनीतिक तैयारी में जुटे हुए हैं। इस बीच बिहार के सीएम और एनडीए की सहयोगी जेडीयू के मुखिया नीतीश कुमार ने ऐसा दांव चला है, जिसको लेकर चर्चा का दौर तेज हो गया है। दरअसल, जेडीयू पहले ही झारखंड में अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुकी है। यही नहीं अब जानकारी मिल रही है नीतीश कुमार ने झारखंड के मुख्यमंत्री रघुबर दास के खिलाफ उम्मीदवारी कर रहे सरयू राय को समर्थन का ऐलान कर दिया है। खबर ये भी है कि जेडीयू अध्यक्ष अपने पुराने साथी सरयू राय के समर्थन में चुनाव प्रचार भी कर सकते हैं। जेडीयू से जुड़े सूत्रों से इस बात के संकेत मिले हैं, जिसके बाद ये सवाल उठ रहे हैं कि आखिर नीतीश कुमार के इस नए दांव के पीछे उनका सियासी गणित क्या है?
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रघुबर दास के खिलाफ सरयू राय की दावेदारी तो नीतीश ने चला ये दांव
सरयू राय बीजेपी के कद्दावर नेता और झारखंड सरकार में मंत्री थे। झारखंड विधानसभा चुनाव में बीजेपी से टिकट नहीं मिलने पर नाराज सरयू राय ने बगावती तेवर अख्तियार कर लिया। यही नहीं झारखंड कैबिनेट में खाद्य आपूर्ति मंत्री रहे सरयू राय ने अब मुख्यमंत्री रघुबर दास के खिलाफ ही ताल ठोंक दी है। आर-पार के मूड में दिख रहे सरयू राय ने जमशेदपुर पूर्वी सीट से मुख्यमंत्री रघुवर दास के खिलाफ चुनाव लड़ने का ऐलान किया। उनके इस कदम के बाद झारखंड के सियासी माहौल में उस समय नया मोड़ आया जब नीतीश कुमार की पार्टी ने जमशेदपुर पूर्व सीट पर सरयू राय को समर्थन का ऐलान कर दिया।
आखिर नीतीश ने क्यों किया 'दोस्त' सरयू राय का समर्थन
बीजेपी के खिलाफ बगावती तेवर अख्तियार करने वाले सरयू राय को समर्थन का ऐलान लोकसभा में जेडीयू संसदीय दल के नेता ललन सिंह ने रांची में किया। जेडीयू सांसद ललन सिंह चारा घोटाले में सरयू राय के साथ याचिकाकर्ता भी रहे हैं, उन्होंने कहा कि सरयू राय ने भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम छेड़ी और सरकार में रहकर भी उन्होंने ये काम जारी रखा। जेडीयू भी हमेशा भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज बुलंद करती रही है और उनके साथ संबंधों को देखते हुए पार्टी ने उनकी उम्मीदवारी के कदम का स्वागत किया, साथ ही उन्हें समर्थन देने का फैसला भी लिया है।
बीजेपी के 'बागी' सरयू के आने से क्या बढ़ेगी सीएम रघुबर दास की मुश्किल
जानकारी के मुताबिक, जेडीयू नेतृत्व के इस फैसले के बाद सरयू राय की दावेदारी वाली जमशेदपुर पूर्व सीट पर पार्टी ने अपना उम्मीदवार घोषित नहीं किया है। साथ ही स्थानीय पार्टी नेताओं से स्पष्ट किया गया है कि वो सरयू राय के समर्थन में प्रचार करें। बता दें कि सरयू राय और नीतीश कुमार एक समय कॉलेज फ्रेंड हुआ करते थे। माना जा रहा कि इसी वजह से जेडीयू मुखिया ने उनके सपोर्ट में आने का ऐलान किया। यही नहीं सरयू राय के समर्थन में प्रचार के सवाल पर जेडीयू नेता राजीव रंजन ने बताया कि अगर सरयू राय की ओर से नीतीश कुमार को प्रचार के लिए आने का आग्रह किया जाता है तो जेडीयू अध्यक्ष उनके समर्थन में वोट मांगने आ सकते हैं।
रघुबर के मुकाबले में सरयू राय ही नहीं गौरव वल्लभ भी कर रहे उम्मीदवारी
वैसे माना ये भी जाता है कि जेडीयू का झारखंड में ज्यादा जनाधार नहीं है, ऐसे में नीतीश कुमार की पार्टी ने जिस तरह से आगामी चुनाव के मद्देनजर ये फैसला लिया है, इसका कितना असर बीजेपी पर होगा ये तो चुनाव नतीजे आने पर ही पता चलेगा। बता दें कि कांग्रेस ने भी आगामी चुनाव में प्रदेश की सबसे हाई प्रोफाइल जमशेदपुर पूर्वी सीट से पार्टी के धाकड़ प्रवक्ता गौरव वल्लभ को मैदान में उतारा है। इस सीट पर गौरव वल्लभ की टक्कर राज्य के सीएम रघुबर दास से है। जमशेदपुर पूर्व पर चौथे फेज में चुनाव होगा।
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