बॉयकॉट चाइना: अब बिहार से चीन को झटका, राज्य सरकार ने चीनी कंपनियों से छीना मेगा प्रोजेक्ट
पटना। लद्दाख में चीन की कायराना हरकत के बाद से देशभर में बॉयकॉट चाइना की मुहिम चल रही है। अब बिहार की नीतीश कुमार सरकार ने भी चीन को झटका दिया है। बिहार सरकार ने रविवार को घोषणा करते हुए बताया कि चीनी कंपनियों से एक बड़ा मेगा प्रोजेक्ट छीन लिया गया है। यहां पटना में गंगा नदी पर महात्मा गांधी सेतु के पास बनने जा रहे एक पुल का टेंडर रद्द किया गया है। इस मामले की जानकारी देते हुए सड़क निर्माण मंत्री नंद किशोर यादव ने बताया कि इस प्रोजेक्ट के लिए जिन चार कॉन्ट्रैक्टर को चुना गया था, उनमें से दो चीनी थे।
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समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार नंद किशोर यादव ने कहा, 'महात्मा गांधी सेतु के पास बनने जा रहे पुल के लिए जिन 4 कॉन्ट्रैक्टर का चयन किया गया था, उनमें से 2 चाइनीज पार्टनर हैं। हमने उनसे पार्टनर बदलने के लिए कहा लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया, तो हमने टेंडर रद्द कर दिया। हमने दोबारा एप्लीकेशन मंगवाई हैं।' इन प्रोजेक्ट के लिए दो चीनी पार्टनर में से एक चाइना हार्बर इंजीनियरिंग कंपनी और दूसरा शानशी रोड ब्रिज ग्रुप कंपनी (जेवी) हैं। वहीं इस प्रोजेक्ट को बीते साल दिसंबर माह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली केंद्र सरकार की आर्थिक मामलों की कैबिनेट से मंजूरी मिली थी।
बिहार सरकार ने ये फैसला बॉयकॉट चाइना मुहिम के अंतर्गत लिया है। दरअसल चीनी सैनिकों ने एलएसी पर मई में अचानक भारतीय सैनिकों पर धोखे से हमला कर दिया था। जिसमें 20 जवान शहीद हो गए थे। ये हमला 16 बिहार रेजिमेंट के जवानों पर किया गया था। शहीद होने वालों में कमांडिंग अफसर कर्नल संतोष बाबू भी शामिल थे। जिसके बाद से भारत में चीन के खिलाफ लोगों में काफी गुस्सा है। भारत में चीनी सामान के बहिष्कार का हर कोई समर्थन कर रहा है।
आपको बता दें पटना में 14.500 किमी लंबा एक प्रोजेक्ट है, जिसमें 5.634 किमी का पुल भी शामिल है। ये पुल गंगा नदी और एनएच 19 पर चार लेन में बनाया जाएगा। इस प्रोजेक्ट में एक रेल ओवर ब्रिज, 1580 मीटर लंबा एक पुल, चार अंडरपास, 13 रोड, चार छोटे पुल और पांच बस शेल्टर बनना शामिल हैं। इसपर कुल 29.26 अरब रुपये खर्च होने का अनुमान है। वहीं प्रोजेक्ट के पूरे होने का समय करीब साढ़े तीन साल है।
भारत
के
विरोध
के
बाद
UN
ने
अपने
ड्राफ्ट
से
हटाया
एक
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