क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

बिहार उपचुनाव: ये नीतीश और बीजेपी की दोस्ती की परीक्षा है, 2019 के लिए देगा संदेश

आरजेडी ने लोकसभा सीट 2014 में तब जीती थी जब लालू प्रसाद यादव, नीतीश कुमार और बीजेपी सभी अलग-अलग चुनाव लड़े थे और 2015 में एक विधानसभा सीट जब जीती थी जब लालू और नीतीश एक साथ लड़े थे

By Vikash
Google Oneindia News

नई दिल्ली। बिहार में उपचुनाव का बिगुल बज चुका है। लोकसभा की एक और विधानसभा की दो सीटों के लिए होने वाले उपचुनाव में सत्तापक्ष की अग्निपरीक्षा तय है। यहां भी नीतीश कुमार और बीजेपी की प्रतिष्ठा दांव पर है, क्योंकि बिहार में भी नए समीकरण के बाद पहली बार कोई चुनाव हो रहा है। लिहाजा इन उपचुनावों के परिणाम का यूपी और बिहार की राजनीति पर व्यापक असर पड़ने वाला है। पिछले चुनाव में तीनों सीटों में से दो पर राजद का कब्जा था और एक पर भाजपा का। तीनों सीटें राज्य और केंद्र की सत्ताधारी दल भाजपा और जदयू के साथ ही लोजपा, रालोसपा और हम के लिए प्रतिष्ठा का विषय बनी हुई हैं, जबकि विपक्ष इन सीटों को हथिया कर सत्ता पक्ष का भ्रम तोडऩे के मूड में है।

 नीतीश कुमार की प्रतिष्ठा दांव पर

नीतीश कुमार की प्रतिष्ठा दांव पर

ये नतीजे लोकसभा चुनाव के पहले माहौल को किसी के पक्ष में बना या बिगाड़ सकते हैं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के भाजपा के साथ हाथ मिलाने के बाद राज्य में यह पहला उपचुनाव होगा, जिससे इसकी महत्व बढ़ गया है। इस उपचुनाव को राजद प्रमुख लालू प्रसाद के लिए प्रतिष्ठा के प्रश्न के तौर पर देखा जा रहा है क्योंकि चारा घोटाला मामलों में सजा सुनाए जाने के बाद उनके राजनीतिक भविष्य पर सवाल उठने लगे हैं। राजद ने ''मोदी लहर के बावजूद 2014 लोकसभा चुनावों में यह सीट जीती थी। बता दें कि राजद सांसद तस्‍लीमुद्दीन के निधन के बाद अररिया लोकसभा सीट खाली हो गई थी, वहीं जहानाबाद के राजद विधायक मुंद्रिका सिंह यादव और भभुआ के भाजपा विधायक आनंद भूषण पांडेय की मौत के बाद ये दोनों सीट खाली हो गई थी।

नीतीश और बीजेपी की दोस्ती की पहली परीक्षा

नीतीश और बीजेपी की दोस्ती की पहली परीक्षा

आरजेडी ने लोकसभा सीट 2014 में तब जीती थी जब लालू प्रसाद यादव, नीतीश कुमार और बीजेपी सभी अलग-अलग चुनाव लड़े थे और 2015 में एक विधानसभा सीट जब जीती थी जब लालू और नीतीश एक साथ लड़े थे। ऐसे में इस बार तस्वीर पूरी तरह अलग है। नीतीश कुमार बीजेपी के साथ मिलकर एनडीए का हिस्सा हैं तो लालू प्रसाद गैर बीजेपी ताकतों को एक मंच पर लाने की जुगत में है। ऐसे में इस उपचुनाव से कई बातों के संकेत मिलेंगे। मसलन क्या आरजेडी नीतीश-मोदी से टक्कर लेने में सक्षम हैं? क्या एनडीए एकजुट होकर लड़ेगी? बीजेपी और जेडीयू किस तरह इन सीटों को आपस में बांट पाएंगी। दिलचस्प बात यह है कि अररिया के विधानसभा सीट से तस्लीमुद्दीन के बेटे सरफराज आलम जेडीयू से विधायक हैं। वह लालू-नीतीश के गठबंधन के दौरान इस सीट पर नीतीश के कोटे से चुनाव लड़े थे। लेकिन अब अलग होने के बाद आरजेडी उन्हें जेडीयू छोड़कर फिर से आरजेडी में लाने की कोशिश कर रही है और उन्हें ही इस सीट से लड़वाना चाहती है।

11 मार्च को मतदान

11 मार्च को मतदान

तीनों उपचुनावों की अधिसूचना 13 फरवरी को जारी की जाएगी जिससे नामांकन पत्र भरने की प्रक्रिया शुरू होगी। चुनाव लड़ने के लिए पत्र दाखिल करने की अंतिम तिथि 20 फरवरी होगी। पत्रों की छंटनी 21 फरवरी को की जाएगी और 23 फरवरी तक उम्मीदवार अपना नाम वापस ले सकते हैं। आयोग ने कहा कि मतदान 11 मार्च और मतगणना 14 मार्च को होगी।

अयोध्या विवाद: मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक में बवालअयोध्या विवाद: मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक में बवाल

Comments
English summary
Bihar bypoll: big test for nitish kumar and bjp new alliances
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X