97 देशों से ज्यादा घनी है बिहार के भोजपुर की आबादी
आरा (मुकुन्द सिंह)। भोजपुर जिले की वर्तमान आबादी घनत्व (प्रति वर्ग किलोमीटर में लोगों की संख्या) के मामले में विश्व के करीब 97 देशों से अधिक है। वर्ष 2021 तक जिले की कुल आबादी 32 लाख के पार हो जाएगी। तब भोजपुर में प्रति वर्ग किमी क्षेत्रफल में रहने वाले लोगों की तादाद 1300 पहुंच जाएगी। जो अपने आप में बांग्लादेश सरीखे अधिक घनी आबादी वाले देशों की तुलना में भी अधिक होगी।
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भोजपुर का इतिहास
वर्ष 1972 में शाहाबाद जिला का विभाजन के बाद भोजपुर जिला का अस्तित्व सामने आया था। 1981 में पहली बार भोजपुर जिला का स्वतंत्र जनगणना हुई। उस वक्त जिले की कुल आबादी 13,05,066 थी। इसमें पुरुषों की आबादी 6,6,891 तथा महिलाओं की 6,41,175 थी। पुरुष महिला अनुपात 965 था। जिले की पहली जनगणना के वक्त जिले में कुल 2474 वर्ग किमी क्षेत्रफल में प्रति वर्ग किमी 527 लोग निवास करते थे।
वर्ष 1991 की जनगणना में आबादी बढ़ कर 17,92 ,771 हो गई। उस वक्त प्रतिवर्ग किमी की आबादी 725 हो गई। दशक जनसंख्या वृद्धि दर 20.26% थी। वही 2001 में जिले की कुल आबादी बढ़कर 22,33,415 हो गई। इस अवधि में दशकीय वृद्धि 4,40,644 यानी 24.58 प्रतिशत थी। जनसंख्या घनत्व 903 पहुंच गया।
2011 की जनगणना में जिले की कुल आबादी 27,28,407 हो गई। इसमें पुरुषों की संख्या 14, 30,380 और महिलाओं की संख्या 12, 98,027 हो गई। प्रतिवर्ग किमी 1136 लोग निवास कर रहे हैं। इस दौरान जनसंख्या वृद्धि दर 21.27 फीसदी ही रही। एक अनुमान के अनुसार भोजपुर जिले में महिला शिक्षा एवं जनसंख्या के प्रति जागरूकता के आधार पर जनसंख्या वृद्धि दर 18 प्रतिशत के आसपास मानी जाए, तो जिले की कुल आबादी 2021 की जनसंख्या में करीब 32 लाख तक पहुंच जाएगी। उस वक्त जिले में प्रति वर्ग किमी निवासियों की तादाद करीब 1300 होगी।
कहां कितनी है प्रति वर्ग किमी आबादी-
-
बांग्लादेश
में
प्रतिवर्ग
किमी
1237
लोग
रहते
हैं
- भारत में 441 और बिहार में 1106 लोग रहते हैं।
-
उत्तर
प्रदेश
में
प्रति
वर्ग
किमी
में
829
-
पश्चिम
बंगाल
में
1028
- झारखंड में 414 प्रति वर्ग किमी की आबादी है।
भोजपुर में आबादी का घनत्व सूरीनाम, बुनियों, गुआना, भूटान, फिजी, साइप्रस, बहरीन, कतर, नामीबिया और बोट्सवाना, आदि समेत 97 देशों से अधिक है।