क्विक अलर्ट के लिए
अभी सब्सक्राइव करें  
क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

बिहार विधानसभा चुनाव: क्या है मणिपुर मॉडल, जिसके नाम पर लोजपा ने भाजपा-जदयू को दिया झटका

Google Oneindia News

नई दिल्ली- बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन को जोर का झटका लगा है। लोक जनशक्ति पार्टी ने प्रदेश में गठबंधन से अलग होकर चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है। पार्टी ने अपने फैसले के लिए नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) से वैचारिक मतभेद होना बताया है। हालांकि, पार्टी केंद्र में बीजेपी सरकार के साथ बनी रहेगी। इससे पहले पार्टी ने बिहार चुनाव में मणिपुर मॉडल अपनाने का संकेत दिया था। जानकारी के मुताबिक लोक जनशक्ति पार्टी जितनी सीटें चाहती थीं, उतनी सीटें पार्टी को देना इस बार गठबंधन के लिए मुश्किल था, इसलिए पार्टी को अपना अलग रास्ता चुनना पड़ा। हालांकि, पार्टी बार-बार यह साफ कह रही है कि उसकी वैचारिक लड़ाई जेडीयू से है बीजेपी से नहीं।

Recommended Video

Bihar Election 2020: Chirag Paswan ने Nitish Kumar को दिया झटका, NDA से अलग हुई LJP| वनइंडिया हिंदी
बिहार चुनाव में भाजपा-जदयू से अलग हुई लोजपा

बिहार चुनाव में भाजपा-जदयू से अलग हुई लोजपा

लोक जनशक्ति पार्टी ने बिहार विधानसभा चुनाव के तीनों चरणों में अकेले उतरने का ऐलान किया है। रविवार को पार्टी की संसदीय बोर्ड की बैठक में प्रदेश चुनाव में एनडीए से अलग होने का फैसला लिया गया है। इससे पहले एलजेपी ने बिहार में मणिपुर मॉडल अपनाने का संकेत दिया था। बता दें कि पार्टी के अध्यक्ष और सांसद चिराग पासवान लगातार मुख्यमंत्री और जदयू नेता नीतीश कुमार की सरकार पर हमलवार रहे हैं। अलग चुनाव लड़ने का ऐलान करते हुए पार्टी ने कहा है, "राष्ट्रीय स्तर व लोकसभा चुनाव में भाजपा, लोक जनशक्ति पार्टी का मजबूत गठबंधन है। राजकीय स्तर पर व विधानसभा चुनाव में गठबंधन में मौजूद जनता दल (यूनाइटेड) से वैचारिक मतभेदों के कारण बिहार में लोक जनशक्ति पार्टी ने गठबंधन से अलग चुनाव लड़ने का फैसला किया है।"

क्या है लोजपा का मणिपुर मॉडल?

क्या है लोजपा का मणिपुर मॉडल?

गौरतलब है कि इससे पहले लोजपा ने बिहार में भी मणिपुर मॉडल अपनाने का साफ संकेत दे दिया था। दरअसल, 2017 में पार्टी मणिपुर विधानसभा चुनाव भी बीजेपी से अलग होकर लड़ी थी। लेकिन, चुनाव के बाद पार्टी का एकमात्र विधायक भाजपा सरकार में शामिल हो गया था। मणिपुर में एलजेपी ने कुल 11 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे। इसका मतलब पार्टी चुनाव के बाद बीजेपी के साथ जाने का अपना विकल्प खुला रखना चाहती है। मणिपुर में ही नहीं पार्टी जम्मू और कश्मीर और 2019 में हुए झारखंड विधानसभा में भी एनडीए में रहते हुए भी अकेले चुनाव लड़ी थी। वैसे रविवार को औपचारिक ऐलान से पहले लोजपा के नेता ऐसा संकेत दे रहे थे कि वह सिर्फ जेडीयू के उम्मीदवारों के खिलाफ अपने उम्मीदवार उतारेगी। उसकी ओर से 143 सीटों तक पर चुनाव लड़ने की बात कही जा चुकी है। जानकारी के मुताबिक पार्टी 42 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती थी, जितने पर वह 2015 में चुनाव लड़ी थी।

भाजपा से अलग लड़कर पीएम मोदी का हाथ मजबूत करेंगे ?

भाजपा से अलग लड़कर पीएम मोदी का हाथ मजबूत करेंगे ?

बता दें कि लोजपा के नेता इस बात पर बार-बार जोर देते रहे हैं कि उनका भाजपा के साथ कोई मतभेद नहीं है, लेकिन पासवान नीतीश कुमार और उनकी सरकार की आलोचना का कोई मौका नहीं छोड़ते रहे हैं। नीतीश कुमार पर उनका आरोप है कि वह बिहार की जनता से किए विकास के वादों को पूरा करने में नाकाम रहे हैं। दूसरी तरफ वह केंद्र की बीजेपी सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों की सराहना करते रहे हैं और संसदीय बोर्ड से भी पीएम मोदी का हाथ मजबूत करने का प्रस्ताव पास करवाया है। केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान की पार्टी की ओर से रविवार को हुई घोषणा ने बिहार विधानसभा चुनाव को बहुत ही रोचक बना दिया है।

इसे भी पढ़ें- एनडीए से अलग हुई एलजेपी, जेडीयू के साथ नहीं लड़ेगी चुनाव लेकिन बीजेपी से बना रहेगा यारानाइसे भी पढ़ें- एनडीए से अलग हुई एलजेपी, जेडीयू के साथ नहीं लड़ेगी चुनाव लेकिन बीजेपी से बना रहेगा याराना

Comments
English summary
Bihar Assembly Elections: What is Manipur model, in whose name LJP gave a blow to BJP-JDU
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X