'2019 में भी भीड़ आ रही थी लेकिन क्या हुआ था ?', तेजस्वी की रैली में भीड़ पर बोले रविशंकर प्रसाद
नई दिल्ली। बिहार में विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण का रणक्षेत्र पूरी तरह तैयार है। केंद्रीय मंत्री और पटना साहिब से भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने एक बार बीजेपी की सरकार बनाने का दावा किया है। रविशंकर प्रसाद ने आरजेडी नेता तेजस्वी की रैलियों में आ रही भीड़ को कोई फैक्टर नहीं बताया और कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव में भी महागठबंधन की रैलियों में भीड़ आ रही थी।
इंडियन एक्सप्रेस में बातचीत में केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि नीतीश कुमार के विकास के काम और प्रधानमंत्री के बिहार को दिए वादे के चलते हम ये चुनाव जीत रहे हैं। अररिया से सौपाल तक अब डर का माहौल खत्म हो चुका है। लोग नीतीश के 15 साल की सरकार की लालू राज से तुलना कर रहे हैं। मैं अपने चुनाव अभियान में लोगों से एक ही सवाल पूछता हूं कि क्या लालू राज में आप स्मार्टफोन के साथ फ्री घूम सकते थे। ज्यादातर लोग कहते हैं कि फोन ही छीन लिया जाता।
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एंटी इनकंबेंसी के सवाल पर प्रसाद ने कहा कि मैं मानता हूं कि कुछ हो सकती है लेकिन चुनाव प्रचार के दौरान मैं देख रहा हूं कि लोग हमसे कनेक्ट हो रहे हैं। प्रधानमंत्री ने पुराने दौर की याद दिलाते हुए जोरदार संबोधन दिया है। खासतौर पर कि लोगों को बिहार को फिर से बीमारू प्रदेश न बनने के लिए वोट करना चाहिए।
RJD
के
पोस्टर
में
लालू-राबड़ी
क्यों
नहीं
?
तेजस्वी
यादव
अपने
पिता
की
सामाजिक
न्याय
की
राजनीति
की
जगह
विकास
की
राजनीति
कर
रहे
हैं।
इस
पर
रविशंकर
प्रसाद
ने
कहा
कि
आप
अपनी
विरासत
से
इनकार
नहीं
कर
सकते।
प्रसाद
ने
इसके
बदले
में
एक
सवाल
किया
कि
आखिर
तेजस्वी
यादव
अपने
पोस्टर
में
अपने
पिता
और
राबड़ी
की
तस्वीर
क्यों
नहीं
लगा
रहे
?
वे
दोनों
15
साल
तक
बिहार
के
मुख्यमंत्री
रहे
हैं।
एक
ही
वजह
है
कि
उनकी
तस्वीर
के
साथ
ही
लोगों
को
बिहार
में
अपराध,
जंगलराज
की
याद
भी
आ
जाएगी।
तेजस्वी यादव के 10 लाख नौकरियों पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अपने 15 साल के कार्यकाल में लालू यादव ने सिर्फ 95 हजार नौकरियां दी। उनकी तुलना में नीतीश कुमार की सरकार ने 6 लाख नौकरियां दी और तीन लाख शिक्षकों की नियुक्ति की। हमारे पास 1.5 करोड़ जीविका श्रमिक है। हम इसमें एक करोड़ और जोड़ने वाले हैं। वहीं सर्विस सेंटरों में करीब 2.5 लाख लड़के-लड़कियों को रोजगार मिला है। पूरे राज्य में ऑप्टिकल फाइबर की लाइन बिछाई जा रही है जिसके अधिक रोजगार के मौके मिलेंगे।
नीतीश
के
खिलाफ
नाराजगी
नहीं
तेजस्वी
की
रैलियों
में
भीड़
को
केंद्रीय
मंत्री
ने
उनकी
पार्टी
के
समर्थकों
की
भीड़
बताते
हुए
कहा
कि
हमें
उससे
कोई
समस्या
नहीं
है।
2019
के
लोकसभा
चुनाव
में,
जिसमें
मैं
भी
प्रत्याशी
था,
महागठबंधन
की
रैलियों
में
ऐसी
ही
भीड़
उमड़
रही
थी।
लेकिन
क्या
हुआ
महागठबंधन
को
केवल
एक
सीट
मिली
जबकि
39
सीटों
पर
एनडीए
को
जीत
मिली।
सबसे
महत्वपूर्ण
है
कि
भाजपा
के
केंद्र
में
होने
के
साथ
एनडीए
एक
शक्तिशाली
ताकत
है
और
समीकरणों
में
भी
ये
अजेय
है।
नीतीश की रैलियों में नाराजगी पर बोलते हुए कहा कि अगर 25 हजार की भीड़ में 10-15 लोग हंगामा करते हैं और टीवी चैनल इस पर फोकस करते हैं तो ये किसी गेम प्लान का हिस्सा लगता है। चिराग पासवान पर उन्होंने कहा कि एलजेपी मुख्य रूप से बिहार की पार्टी है। इस बार वे अलग होकर चुनाव लड़ रहे हैं और एनडीए नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार में एकजुट है। ये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह से लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा तक ने पूरी तरह से स्पष्ट कर दी गई है।
पीएम
बिहार
के
विकास
के
लिए
प्रतिबद्ध
प्रसाद
ने
कहा
कि
मैं
नहीं
मानता
की
नीतीश
कुमार
इस
चुनाव
में
दबाव
में
है
इसलिए
पीएम
मोदी
प्रचार
में
उनकी
मदद
कर
रहे
हैं।
पीएम
मोदी
बिहार
के
विकास
के
लिए
प्रतिबद्ध
हैं।
प्रधानमंत्री
अक्सर
कहते
हैं
कि
अगर
भारत
को
विकास
करना
है
तो
पूर्वोत्तर
और
पूर्व
के
राज्यों
का
विकास
जरूरी
है।
10
करोड़
की
आबादी
वाले
बिहार
को
और
अधिक
विकास
की
जरूरत
है।
बिहार में प्रवासियों के लॉकडाउन के दौरान वापस आए 40 लाख प्रवासियों को रोके जाने पर क्या किया जाएगा। इस सवाल पर उन्होंने कहा कि मैं इसे दूसरे तरीके से देखता हूं। अगर बिहार के लोग बाहर जाकर कोई अच्छा काम करते हैं तो इसमें गर्व की अनुभूति होती है। अगर बांका से कोई हैदाराबाद में जाकर बिरयानी बनाने में माहिर है तो उसे कैसे रोक सकते हैं। ये गर्व का विषय है लेकिन बिहार में लोगों में कौशल विकास के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं।
पीएम कितनी रैलियां करेंगे इस सवाल पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पीएम की रैलियों को लेकर पार्टी फैसला करती है। 12 रैलियां काफी हैं। हम सोशल मीडिया के साथ ही प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से भी अपना संदेश लोगों तक पहुंचा रहे हैं। वहीं उन्होंने भविष्य में आरजेडी के साथ किसी भी तरह के गठजोड़ से इनकार किया।
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