क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

Bihar Elections 2020: राजद के चुनाव अभियान से क्यों गायब हैं मीसा भारती

Google Oneindia News

नई दिल्ली- बिहार में पहले दौर का चुनाव प्रचार सोमवार को खत्म होने वाला है। लेकिन, लालू-राबड़ी की पहली संतान मीसा भारती चुनाव अभियान से अब तक गायब हैं। तेजस्वी की बड़ी बहन और राजनीति में उनसे काफी वरिष्ठ होने के बावजूद राष्ट्रीय जनता दल ने लालू के परिवार के चार स्टार प्रचारकों की लिस्ट में उन्हें राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव के बाद चौथे नंबर पर रखा है। राजद में लालू-राबड़ी के सियास की विरासत को लेकर पारिवारिक खींचतान की खबरें नई नहीं हैं। ऐसे में मीसा भारती का स्टार प्रचारक होने के बावजूद अब तक स्टार प्रचार रहकर भी अभियान से पूरी तरह लापता होने से सवाल पैदा हो रहे हैं कि क्या वह अगले दोनों फेज के चुनाव में भी प्रचार करेंगी या यूं ही नदारद रहेंगी। हालांकि, पार्टी के नेता उनके इस तरह से गायब रहने के मुद्दे को ज्यादा तूल नहीं देना नहीं चाहते। लेकिन, मीसा ना सिर्फ फ्रंट पर प्रचार से गायब हैं, बल्कि सोशल मीडिया पर भी राजद के पक्ष में प्रचार करने में उतनी ज्यादा सक्रिय नहीं दिख रही हैं।

Bihar Assembly Elections 2020:Misa Bharti is missing from RJD election campaign,Why

लालू यादव की दखल से उनके परिवार में सत्ता संघर्ष पर एक तरह से विराम लगाई जा चुकी है। मीसा भारती के मुकाबले लालू अपने दोनों बेटों को अपनी राजनीतिक विरासत सौंप चुके हैं। आज तथ्य यही है कि मीसा से काफी छोटे होने के बावजूद तेजस्वी यादव महागठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार हैं। इतनी स्पष्टता के बावजूद मीसा का प्रचार में भाई को मुख्यमंत्री बनवाने के लिए अब तक नहीं उतरना कई तरह के सवालों को जन्म दे रहा है। 44 साल की राज्यसभा सांसद फिलहाल दिल्ली में बैठकर ही चुनावी गतिविधियों पर नजर रखना बेहतर समझ रही हैं।

लालू-राबड़ी की राजनीति में मीसा भारती की मौजूदगी तेजस्वी और तेज प्रताप के मुकाबले काफी पुरानी है। मौजूदा चुनाव में तेजस्वी अपने पिता लालू यादव की तस्वीरों को भी तरजीह देने से परहेज कर रहे हैं। इसका एक मकसद ये हो सकता है कि कहीं विरोधियों को उस लालू-राबड़ी की दौर को लेकर उनपर हमले का मौका ना मिल जाए, जिससे एनडीए आज भी 'जंगलराज' की वापसी का डर दिखाता है। इसलिए राजद तेजस्वी को आगे करके उस युवा पीढ़ी पर डोरे डालने की कोशिशों में जुटा है, जिसने लालू-राबड़ी के शासनकाल का दौर नहीं देखा है। जबकि, उनकी बड़ी बहन की राजनीति में एंट्री उसी वक्त हो चुकी थी, जब लालू का साम्राज्य अपने चरम पर था। वह चारा घोटाले के चक्कर में जेल गए तो मुख्यमंत्री की कुर्सी पर अपनी पत्नी राबड़ी देवी को बिठा दिया। उस समय तेजस्वी और तेज प्रताप की उम्र 10 साल से भी कम थी। लिहाजा, रातों-रात घरेलू जिम्मेदारियों से निकलकर राबड़ी को राजकाज के लिए बड़ी बेटी के समर्थन और सलाह की दरकार पड़ी। भले ही मीसा ने कभी डॉक्टरी पेशे की प्रैक्टिस नहीं की, लेकिन वह एमबीबीएस बनने में तो कामयाब जरूर हुई थीं। मां के साथ रहते-रहते बिहार में धीरे-धीरे उन्होंने अपनी एक राजनीतिक पहचान बनानी शुरू कर दी।

लेकिन, जब तेजस्वी बड़े हो गए तो लालू ने उन्हें ही अपना सियासी वारिस बनाने का फैसला किया। हालांकि, तब तक मीसा की राजनीतिक महत्वाकांक्षा परवान चढ़ चुकी थी। लालू के लिए बेटों को चुनने की वजह यह भी हो सकती है कि बेटियों में मीसा अकेली नहीं हैं। उनकी 6 बहनें और हैं। फिर भी मीसा के दबाव का ही असर रहा कि वो 2014 के लोकसभा चुनाव में पाटलीपुत्र सीट से टिकट लेकर ही मानीं, जिसके चलते लंबे समय तक लालू के दाहिने हाथ रहे पटना (पहले का संसदीय क्षेत्र) के पूर्व सांसद रामकृपाल यादव नाराज होकर भारतीय जनता पार्टी में चले गए। उन्होंने पाटलीपुत्र में लालू की बेटी को करीब 26,000 वोटों से पराजित कर दिया।

पार्टी में भाइयों को तरजीह मिलने के बावजूद मीसा ने हार नहीं मानी और जुलाई 2016 में वह पिता के आशीर्वाद से राज्यसभा पहुंच गईं। 2019 में उन्होंने फिर से पाटलीपुत्र सीट से चुनाव लड़ने के लिए दबाव बनाया और टिकट हासिल कर लिया, लेकिन रामकृपाल के सामने चुनाव मैदान में फिर नहीं टिक पाईं। इस बार हार का उनका फासला बढ़कर 39,000 से ज्यादा वोटों का हो गया। यह वो दौर था जब परिवार में सत्ता के लिए संघर्ष चरम पर था। लालू के आशीर्वाद से पार्टी में छोटे भाई का दबदबा बढ़ रहा था और बड़ा भाई तेजप्रताप परिवार में ही बगावत का बिगुल फूंकता दिखाई पड़ रहा थ। उस समय मीसा भारती और राबड़ी भी तेजप्रताप का समर्थन करती नजर आ रही थीं। लेकिन, आखिरकार लालू ने फाइनल टोन सेट किया और विधानसभा चुनाव से महीनों पहले तेजस्वी के वर्चस्व को पूरे परिवार ने सिर झुकाकर (लालू के आदेश से ) कबूल कर लिया। ऐसे में कयास लगाए जाते रहे हैं कि मीसा भारत के मन में दो चुनावों में हार के बाद भी पार्टी में दबदबे की कसक बाकी रह गई है। वैसे जानकारी के मुताबिक मसौढ़ी से विधायक रेखा देवी को टिकट दिलवाने में उन्होंने दिल्ली से ही अहम भूमिका निभाई है।

Recommended Video

Bihar Assembly Elections 2020: Tejashwi Yadav का Nitish Kumar पर तंज | वनइंडिया हिंदी

वैसे पार्टी के नेता मृत्युंजय तिवारी का कहना है कि, 'मीसा भारती हमारी स्टार प्रचारक हैं। इस समय तक उनके चुनाव प्रचार की जानकारी हमें नहीं है। हो सकता है कि वह आगे चुनाव प्रचार करें।'

इसे भी पढ़ें- सीतामढ़ी पहुंचे चिराग पासवान, बोले- बनाएंगे माता सीता का भव्य मंदिरइसे भी पढ़ें- सीतामढ़ी पहुंचे चिराग पासवान, बोले- बनाएंगे माता सीता का भव्य मंदिर

Comments
English summary
Bihar Assembly Elections 2020:Misa Bharti is missing from RJD election campaign,Why
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X