India Today Axis My India Exit Poll: बिहार में इन मुद्दो पर नहीं पड़े वोट, धरा रह गया राम मंदिर और CAA
पटना। बिहार में विधानसभा चुनाव के लिए आज मतदान समाप्त हो गया। किसकी सरकार बनेगा इसका फैसला अब 1 नवंबर को होगा। नतीजों से पहले एग्जिट पोल आने लगे हैं जो बिहार की जनता का मूड बता रहे हैं। इंडिया टूडे ने एक्सिस माई इंडिया के साथ मिलकर एग्जिट पोल किया है। एग्जिट पोल में इस बात का भी ध्यान दिया गया कि इस चुनाव में कौन से मुद्दे नहीं चले।

एग्जिट पोल की मानें तो बिहार विधानसभा चुनाव में राम मंदिर, नागरिकता संशोधन एक्ट, चीन के साथ जारी तनाव बड़ा मुद्दा नहीं बन पाए। सर्वे में जब लोगों से पूछा गया कि आप राज्य में महागठबंधन की सरकार क्यों चाहते हैं, तब सिर्फ एक फीसदी लोगों ने ही नागरिकता संशोधन एक्ट (CAA) के विरोध की वजह से वोट देने का जिक्र किया। जबकि जब सर्वे में लोगों से एनडीए सरकार को वोट देने का कारण पूछा तो सिर्फ एक फीसदी लोगों के लिए ही राम मंदिर सबसे बड़ा मुद्दा बना।
बिहार में एनडीए को बड़ा झटका मिलता दिख रहा है। एग्जिट पोल में उसके पास से सत्ता जाती दिख रही है। तेजस्वी यादव के नेतृत्व में महागठबंधन सरकार बना सकती है। 243 सीटों वाली बिहार विधानसभा में महागठबंधन को 139-161 सीटें मिलने का अनुमान है। वहीं, एनडीए 100 के अंदर सिमट सकता है. एनडीए के खाते में 69-91 सीटें जा सकती हैं। वहीं एलजेपी को 3-5 सीटें मिल सकती हैं।
सीमांचल में भी गठबंधन आगे
सीमाचंल में विधानसभा की 24 सीटें हैं। यहां पर भी महागठबंधन एनडीए पर हावी दिख रहा है। मुस्लिम बहुल इस इलाके में महागठबंधन को 15, एनडीए को 6, जीडीएसएस को 3 सीट मिलने का अनुमान है। अब तक हमने जो आंकड़े दिखाए हैं उसमें महागठबंधन एनडीए पर हावी दिख रहा है।
चंपारण में एनडीए पीछे, भोजपुर में गठबंधन आगे
एग्जिट पोल ने अनुमान लगाया है कि महागठबंधन की तुलना में एनडीए चंपारण क्षेत्र में अधिक वोट शेयर के बावजूद पिछड़ जाएगा। क्षेत्र की 18 सीटों में से महागठबंधन को 42 प्रतिशत वोट शेयर के साथ 10 सीटें मिलने की संभावना है, जबकि एनडीए 44 प्रतिशत वोट शेयर के साथ आठ सीटें जीत सकती है। वहीं महागठबंधन भोजपुर क्षेत्र की 49 में से 33 सीटों पर जीत हासिल कर सकता है। एनडीए को 9 सीटें मिलने का अनुमान है, जबकि एलजेपी को एक सीट मिल सकती है। वोट शेयर की बात करें तो एनडीए को 33 प्रतिशत और महागठबंधन को 45 प्रतिशत का अनुमान है।
सीएम के तौर पर कौन है बिहार की पसंद?
एक्सिस माई इंडिया एग्जिट पोल में बिहार के जनता ने सीएम के तौर पर तेजस्वी यादव को नीतीश से ज्यादा पसंद किया है। तेजस्वी को 44 प्रतिशत लोगों ने पसंद किया है। वहीं नीतीश कुमार को 35 प्रतिशत और चिराग पासवान को 7 प्रतिशत लोगों ने सीएम के तौर पर पसंद किया है।
आपको बता दें कि बिहार में चुनाव प्रचार में रोजगार का मुद्दा हावी रहा। बीजेपी ने जहां 19 लाख नौकरियों का वादा किया तो वहीं आरजेडी ने 10 लाख नौकरियों का। इसके अलावा चुनावी रैलियों में राम मंदिर, धारा 370, आरक्षण, पुलवामा, पाकिस्तान, चीन, सीएए-एनआरसी और घुसपैठ जैसे मुद्दे भी उठाए गए। NDA के मुख्यमंत्री उम्मीदवार नीतीश कुमार अपने चुनावी कैंपेन में अपनी 7 निश्चय योजनाओं का जिक्र करने के साथ-साथ जंगलराज का डर दिखाते नजर आए। नीतीश कुमार ने लालू राज के बहाने आरजेडी पर जमकर निशाना साधा।
2015 में ये आए थे चुनाव के नतीजे
2015 के विधानसभा चुनाव में महागठबंधन (जिसमें जेडीयू, आरजेडी और कांग्रेस साझा मंच पर थे) ने 178 सीटों के साथ बहुमत हासिल किया था। बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए को 58 सीटों से ही संतोष करना पड़ा था। महागठबंधन की ओर से नीतीश कुमार सीएम बने। हालांकि, 2017 में वो महागठबंधन से अलग हो गए और NDA में शामिल हुए लेकिन मुख्यमंत्री की कुर्सी पर उनका कब्जा कायम रहा। वो 15 साल से बिहार के सीएम हैं।
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