तेजस्वी यादव की रैलियों में क्यों उमड़ रही है इतनी भारी भीड़? BJP ने बताई ये वजह
तेजस्वी यादव की सभाओं में उमड़ रही भीड़ को देखते हुए आरजेडी ने अब उनकी रैलियों की संख्या भी बढ़ा दी है।
नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान में अब महज एक हफ्ते का ही समय बचा है और सियासी दलों ने चुनाव प्रचार में पूरी ताकत झोंक दी है। चुनाव की इस गहमागहमी के बीच आरजेडी नेता और महागठबंधन की तरफ से मुख्यमंत्री पद के दावेदार तेजस्वी यादव की सभाओं में इन दिनों जमकर भीड़ उमड़ रही है। तेजस्वी यादव ने अपनी सभाओं में उमड़ी भीड़ की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर भी शेयर किए हैं। भीड़ को देखकर गदगद आरजेडी नेताओं का कहना है कि पार्टी की रैली चाहे सुबह-सुबह हो या फिर दोपहर बाद, रैली चाहे बिहार के किसी भी इलाके में हो, तेजस्वी को सुनने के लिए बड़ी संख्या में लोग आ रहे हैं।
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भीड़ से गदगद RJD ने बढ़ाई तेजस्वी की सभाओं की संख्या
अपनी सभाओं में भीड़ देखकर तेजस्वी यादव भी उत्साहित हैं और पार्टी ने उनकी सभाओं की संख्या बढ़ा दी है, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों तक उनकी बात पहुंचाई जा सके। बुधवार को आरजेडी ने बिहार के अलग-अलग इलाकों में उनकी 12 सभाएं रखी हैं। इससे पहले मंगलवार को तेजस्वी यादव ने अपनी एक रैली का वीडियो ट्विटर पर शेयर करते हुए लिखा, 'युवा अब जोश में ही नहीं होश में भी है। युवाओं का यह उत्साह, जुनून, प्यार और समर्थन बताता है कि उसे विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, नौकरी और सुनहरा भविष्य चाहिए।'
तेजस्वी की रैलियों पर भाजपा ने क्या कहा
एनडीटीवी की खबर के मुताबिक, हालांकि रैलियों की इस भीड़ को भाजपा सामान्य मान रही है। भाजपा प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन का इस बारे में कहना है, 'तेजस्वी यादव की जिन रैलियों में भीड़ उमड़ रही है, उनमें से ज्यादातर रैलियां वो हैं, जहां आरजेडी की मजबूत पकड़ है, जहां उनका गढ़ है और पार्टी का परंपरागत वोटर रैलियों में आ रहा है। लेकिन, अगर आप पिछले चुनावों को देखें, तो पाएंगे कि रैलियों की भीड़ का मतदान से कोई लेना-देना नहीं है।'
'तेजस्वी की रैलियों में भीड़ को नकारना मूर्खता'
वहीं, एक दूसरे वरिष्ठ भाजपा नेता का मानना है कि तेजस्वी यादव की रैलियों में उमड़ रही भीड़ को नकारना मूर्खता होगी। नाम ना छापने की शर्त पर इस भाजपा नेता ने कहा, '10 लाख सरकारी नौकरियों के वादे ने युवाओं के बीच तेजस्वी यादव की जगह बना दी है। हमारे लिए सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात यह है कि रैली में आए हुए लोगों से तेजस्वी यादव एक अलग अंदाज में बात कर रहे हैं।'
नीतीश को लेकर लोगों के अंदर भारी गुस्सा- RJD
तेजस्वी यादव की रैलियों को लेकर आरजेडी नेता शिवानंद तिवारी ने कहा, 'हम वाकई इतनी बड़ी संख्या में लोगों को देखकर हैरान हैं, लेकिन इससे एक बात तो स्पष्ट है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर लोगों के अंदर भारी गुस्सा है। हम यह बात स्वीकार करते हैं कि रैलियों की भीड़ हमेशा वोटों में तब्दील नहीं होती, लेकिन लॉकडाउन के दौरान बिहार के प्रवासी मजदूरों के साथ जो कुछ हुआ, उससे उनके अंदर गुस्सा है। प्रधानमंत्री ने लॉकडाउन का फैसला लिया और इन मजदूरों को मजबूरी होकर अपने घरों को लौटना पड़ा। इससे बदतर क्या होगा कि सात महीने बाद भी इनमें से ज्यादातर लोग बेरोजगार हैं। ऐसे हालात में तेजस्वी यादव ने फैसला लिया कि अगर महागठबंधन की सरकार बनी तो अपनी कैबिनेट की पहली बैठक में ही वो युवाओं के लिए 10 लाख नौकरियों की व्यवस्था करेंगे। लोगों को तेजस्वी से उम्मीदें जगी हैं।'
क्या 2015 का प्रदर्शन दोहरा पाएगी RJD
आपको बता दें कि इससे पहले 2015 के विधानसभा चुनाव में आरजेडी की कमान पूरी तरह से पार्टी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के हाथों में थी। जेडीयू और कांग्रेस के साथ महागठबंधन बनाकर लड़े गए 2015 के बिहार चुनाव में आरजेडी ने 243 में से 80 सीटों पर जीत हासिल की थी, जबकि जेडीयू को 71 और कांग्रेस को 27 सीटों पर जीत मिली थी। हालांकि इस बार लालू प्रसाद यादव जेल में हैं और चुनाव प्रचार का पूरा जिम्मा तेजस्वी यादव ने संभाला हुआ है।
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