Bihar Assembly polls: क्या RLSP और VIP महागठबंधन से होंगे बाहर ?
नई दिल्ली- बिहार में आरजेडी की अगुवाई वाला महागठबंधन वामपंथी दलों को जितना भाव दे रहा है उतना आरएलएसपी और वीआईपी को भाव नहीं मिल पा रहा है। पहले लग रहा था कि महागठबंधन में सीटों का फॉर्मूला लगभग सेट है। लेकिन, अब लग रहा है कि वामपंथी दलों से बात बन भी जाए, लेकिन महागठबंधन की दोनों पुरानी पार्टियों ने अगर ज्यादा तेवर दिखाए तो उन्हें बाहर का भी रास्ता देखना पड़ सकता है। गौरतलब है हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के नेता जीतनराम मांझी पहले ही महागठबंधन से बोरिया-बिस्तर समेट कर बाहर निकल चुके हैं।
आरएलएसपी और वीआईपी को 25-30 सीटों का ऑफर-सूत्र
बिहार में राष्ट्रीय जनता दल के सूत्रों की मानें तो राष्ट्रीय लोकतांत्रिक समता पार्टी और विकासशील इंसान पार्टी को संकेत दिए जा चुके हैं कि वह कांग्रेस के कोटे की 25 से 30 सीटें लेकर महागठबंधन के बैनर तले चुनाव मैदान में जाएं नहीं तो वह अपना अलग फैसला करने करने के लिए स्वतंत्र हैं। हालांकि, सीपीआई (एमएल), सीपीआई और सीपीएम को लेकर आरजेडी नेताओं के रुख थोड़े अलग हैं। हालांकि, वो भी जिनती सीटों पर दावा कर रहे हैं, उतनी लालू यादव की पार्टी उन्हें देने के लिए तैयार नहीं है, लेकिन जानकारी के मुताबिक इन दलों को आरजेडी 22 से 25 सीटों तक का ऑफर कर सकती है। सीपीआई और सीपीएम के लिए तो यह कोई बड़ा मुद्दा नहीं है, सिर्फ सीपीआई (एमएल) को ही समझाने की ज्यादा कोशिशें जल रही हैं।
वामपंथी दलों से बन सकती है बात
वैसे वामपंथी दलों के बड़े नेताओं ने मंगलवार को आरजेडी नेतृत्व के साथ जो तालमेल पर फाइनल बातचीत की है, उसमें जानकारी के मुताबिक इन दलों ने 53 (सीपीआई (एमएल)),17 (सीपीआई) और 16 (सीपीएम) सीटें मांगी हैं। वैसे इतना लगभग तय है कि आरजेडी इन पार्टियों को इतनी सीटें देने के लिए तैयार नहीं होगी। एक राजद नेता का कहना है कि, 'हमारी ओर से यह स्पष्ट है कि हम अधिकतम सीटों पर लड़ेंगे, लेकिन हम लेफ्ट को साथ रखना चाहते हैं। उन्होंने जितनी मांगी है उतना तो नहीं दिया जा सकता, लेकिन पार्टी उन्हें साथ रखने की कोशिश कर रही है। ' उनके मुताबिक बातचीत अभी भी चल रही है और इस बात के संकते हैं कि वामपंथी दल महागठबंधन का हिस्सा होंगे।
आरएलएसपी और वीआईपी ऑफर माने या रास्ता नापे ?
आरएलएसपी और वीआईपी को लेकर राष्ट्रीय जनता दल का रुख पूरी तरह से स्पष्ट है। आरजेडी नेता का कहना है, इन पार्टियों को अभी तक कोई सीट नहीं दी गई है। उन्होंने कहा, 'ऐसा लगता है कि उनके बारे में कांग्रेस ही कोई अंतिम फैसला करेगी। हो सकता है कि उन दलों को देने के लिए 25-30 से ज्यादा सीटें ना हों।' राजद के नेता जो बात साफ नहीं कह पाए, उसकी ओर कांग्रेस के एक नेता ने साफ इशारा कर दिया। कांग्रेस के नेता ने कहा है, 'आरएलएसपी और वीआईपी के साथ गतिरोध बरकरार है, लेकिन अभी भी बातचीत चल रही है। अगर वो हमारे ऑफर को नहीं मानेंगे तो हो सकता है कि महागठबंधन आरजेडी-कांग्रेस-लेफ्ट का गठबंधन रहे।'
मांझी की पार्टी पहले ही हो चुकी है बाहर
आरएलएसपी और वीआईपी पिछले लोकसभा चुनाव में महागठबंधन का हिस्सा थी। पूर्वी मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी 'हम' भी महागबंधन में शामिल थी, लेकिन वह महागठबंधन छोड़कर नीतीश कुमार की जेडीयू के साथ मिल चुके हैं। अगर राजद-कांग्रेस का ऑफर इन दोनों दलों को भी पसंद नहीं आया तो इनके लिए भी महागठबंधन में बने रहना मुश्किल हो सकता है।